देहरादून: उच्च शिक्षा के क्षेत्र में अच्छा प्रदर्शन करने वाले छात्र-छात्राओं को उत्तराखंड राज्य सरकार पुरस्कार देने जा रही है. ये पुरस्कार उच्च शिक्षा विभाग के तहत हर साल 90 छात्र-छात्राओं को "मुख्यमंत्री मेधावी छात्र पुरस्कार योजना" के तहत दिया जाएगा, जिस पर बुधवार को हुई मंत्रिमंडल की बैठक में मंजूरी मिल गई है. प्रदेश के विश्वविद्यालय स्तर पर स्नातक और स्नातकोत्तर के कला, विज्ञान और वाणिज्य पाठ्यक्रमों के छात्र- छात्राओं को यह पुरस्कार प्रदान किया जाएगा.
उत्तराखंड राज्य में दो विश्वविद्यालय हैं, पहला श्रीदेव सुमन विश्वविद्यालय और दूसरा कुमाऊं विश्वविद्यालय इन दोनों विश्वविद्यालयों में अलग-अलग पुरस्कार प्रदान किए जाएंगे. दोनों विश्वविद्यालयों में स्नातक स्तर पर हर साल 54 छात्रों को पुरस्कार दिया जाएगा. तो वहीं, दोनों विश्वविद्यालयों में स्नातकोत्तर स्तर पर 36 छात्रों को पुरस्कार दिया जाएगा, यानी कुल 90 विद्यार्थियों को इस योजना के तहत पुरस्कार वितरित किया जाएगा, जिसमें हर साल राज्य सरकार पर करीब 36.90 लाख रुपए का अतिरिक्त भार पड़ेगा.
स्नातक स्तर पर कला, विज्ञान और वाणिज्य पाठ्यक्रमों के छात्र-छात्राओं द्वारा विश्वविद्यालय स्तर पर प्रथम स्थान प्राप्त करने पर 50 हजार रुपए, द्वितीय स्थान प्राप्त करने पर 30 हजार रुपए और तृतीय स्थान प्राप्त करने पर 15 हजार रुपये का नकद पुरस्कार दिया जाएगा. यह पुरस्कार प्रत्येक वर्ष दिया जाएगा, यानी स्नातक स्तर पर फर्स्ट ईयर, सेकंड ईयर और थर्ड ईयर, इन तीनों वर्ष के मेधावी छात्र इससे लाभान्वित होंगे.
इसी तरह स्नातकोत्तर स्तर पर कला, विज्ञान और वाणिज्य पाठ्यक्रमों के छात्र-छात्राओं द्वारा विश्वविद्यालय स्तर पर प्रथम स्थान प्राप्त करने पर 75 हजार रुपए, द्वितीय स्थान प्राप्त करने पर 60 हजार रुपए और तृतीय स्थान हासिल करने पर 30 हजार रुपए का नकद पुरस्कार दिया जाएगा. यह पुरस्कार भी प्रत्येक वर्ष दिया जाएगा.
छात्र-छात्राओं सशर्त किया जाएगा पुरस्कार वितरित
- स्नातक और स्नातकोत्तर की कक्षाओं में पढ़ने वाले नियमित छात्र- छात्राओं को ही पुरस्कार दिया जाएगा.
- योजना के तहत स्नातक और स्नातकोत्तर स्तर पर कला, विज्ञान और वाणिज्य संकाय में प्रत्येक वर्ष सर्वोच्च अंक प्राप्त करने वाले छात्र-छात्राओं का चयन प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय स्थान के लिए किया जाएगा और फिर उन्हें पुरस्कार के रुप में धनराशि वितरित की जाएगी.
- योजना में पुरस्कार के लिए छात्र-छात्राओं का चयन महाविद्यालय वार न करते हुए विश्वविद्यालय स्तर पर प्रथम, द्वितीय व तृतीय स्थान प्राप्त करने वाले छात्र-छात्राओं से किया जाएगा.
- किसी भी परिस्थिति में 60 फीसदी से कम अंक प्राप्त करने वाले छात्र-छात्राओं को योजना के अंतर्गत पुरस्कार नहीं दिया जाएगा.
- किसी श्रेणी में अगर समान अंक प्राप्त करने वाले 1 से अधिक विद्यार्थी होंगे, तो ऐसी स्थिति में उन सभी विद्यार्थियों को उच्च श्रेणी के लिए निर्धारित धनराशि अलग-अलग पुरस्कार के रूप में दी जाएगी.
बैक परीक्षा में संशोधित अंकों का संज्ञान नहीं लिया जाएगा
- स्नातकोत्तर स्तर पर सेमेस्टर प्रणाली लागू होने की दशा में प्रथम सेमेस्टर और द्वितीय सेमेस्टर में प्राप्त कुल अंकों के आधार पर स्नातकोत्तर प्रथम वर्ष हेतु प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय पुरस्कार के लिए विद्यार्थियों का चयन किया जाएगा.
- इस योजना का लाभ उन्हीं छात्रों को मिलेगा, जिन्होंने पूर्व में स्नातक या स्नातकोत्तर की परीक्षा उत्तीर्ण न की हो.
- यदि किसी छात्र को पहले से किसी अन्य प्रकार की छात्रवृत्ति प्राप्त हो रही है, तो उसे इस योजना का लाभ नहीं मिलेगा.