ETV Bharat / state

सरकार के पास अनाथ बच्चों का सही आंकड़ा ही नहीं, कैसे मिलेगा वात्सल्य योजना का लाभ - उत्तराखंड वात्सल्य योजना

राज्य सरकार ने कोरोना काल में अनाथ हुए बच्चों का भविष्य सुधारने के लिए वात्सल्य योजना का एलान किया गया है लेकिन हैरानी की बात तो यह है कि सरकार के पास अनाथ बच्चों का आंकड़ा ही नहीं है.

Dehradun Latest News
Dehradun Latest News
author img

By

Published : May 24, 2021, 4:47 PM IST

देहरादून: कोरोना काल में अनाथ हो चुके बच्चों का भविष्य सुधारने के लिए राज्य सरकार की ओर से वात्सल्य योजना का एलान किया जा चुका है, लेकिन आपको यह जानकर हैरानी होगी कि अब तक सरकार के पास अनाथ हुए बच्चों का आंकड़ा ही नहीं है. हालांकि, सरकार के मुताबिक कोरोना की दूसरी लहर में प्रदेशभर में सिर्फ 5 बच्चे ही अनाथ हुए.

महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास राज्यमंत्री रेखा आर्य ने ईटीवी भारत को बताया कि विभाग को मिले अनाथ बच्चों के आंकड़ों के अनुसार प्रदेश में फिलहाल 5 ही ऐसे बच्चे चिन्हित हो पाए हैं. इसमें बागेश्वर जिले में एक, अल्मोड़ा और नैनीताल जिले में दो-दो बच्चे शामिल हैं. वहीं, प्रदेश के अन्य जिलों में कोरोना काल में अनाथ हुए बच्चों का पता लगाने के लिए जिला स्तर पर जिला अधिकारी को नोडल अधिकारी बनाया गया है.

इसके साथ ही प्रदेश स्तर पर निदेशक महिला सशक्तिकरण विभाग योगेंद्र यादव नोडल अधिकारी नियुक्त किए गए हैं. इसके अलावा आम जनता भी चाहे तो ऐसे बच्चों की सूचना विभाग तक पहुंचा सकता है. इसके लिए आम जनता के लिए अनार 1098 टोल फ्री नंबर जारी किया गया.

बता दें, वात्सल्य योजना के तहत देश की राजधानी दिल्ली की केजरीवाल सरकार की तर्ज पर तीरथ सरकार भी अनाथ बच्चों को आर्थिक सहायता प्रदान करने जा रही है. इसके तहत जहां प्रतिमाह बच्चे के खाते में ₹3000 डाले जाएंगे. तो वहीं, बच्चे की शिक्षा की जिम्मेदारी भी सरकार की उठाएगी. इसके साथ ही बच्चे की पैतृक संपत्ति का कोई दुरुपयोग न हो इस बात का ख्याल रखने की जिम्मेदारी संबंधित जिलाधिकारी को दी गई.

पढ़ें- रामदेव बताते रहे कोरोना का रामबाण इलाज, पतंजलि परिवार के सदस्य की हो गयी मौत

जल्द जारी होगा शासनादेश

राज्यमंत्री रेखा आर्य ने बताया कि अगले एक या दो दिनों में शासनादेश जारी कर दिया जाएगा, जिसके बाद ही यह स्पष्ट होगा कि आखिर किस तरह से बच्चे इस योजना के लिए आवेदन कर सकेंगे.

देहरादून: कोरोना काल में अनाथ हो चुके बच्चों का भविष्य सुधारने के लिए राज्य सरकार की ओर से वात्सल्य योजना का एलान किया जा चुका है, लेकिन आपको यह जानकर हैरानी होगी कि अब तक सरकार के पास अनाथ हुए बच्चों का आंकड़ा ही नहीं है. हालांकि, सरकार के मुताबिक कोरोना की दूसरी लहर में प्रदेशभर में सिर्फ 5 बच्चे ही अनाथ हुए.

महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास राज्यमंत्री रेखा आर्य ने ईटीवी भारत को बताया कि विभाग को मिले अनाथ बच्चों के आंकड़ों के अनुसार प्रदेश में फिलहाल 5 ही ऐसे बच्चे चिन्हित हो पाए हैं. इसमें बागेश्वर जिले में एक, अल्मोड़ा और नैनीताल जिले में दो-दो बच्चे शामिल हैं. वहीं, प्रदेश के अन्य जिलों में कोरोना काल में अनाथ हुए बच्चों का पता लगाने के लिए जिला स्तर पर जिला अधिकारी को नोडल अधिकारी बनाया गया है.

इसके साथ ही प्रदेश स्तर पर निदेशक महिला सशक्तिकरण विभाग योगेंद्र यादव नोडल अधिकारी नियुक्त किए गए हैं. इसके अलावा आम जनता भी चाहे तो ऐसे बच्चों की सूचना विभाग तक पहुंचा सकता है. इसके लिए आम जनता के लिए अनार 1098 टोल फ्री नंबर जारी किया गया.

बता दें, वात्सल्य योजना के तहत देश की राजधानी दिल्ली की केजरीवाल सरकार की तर्ज पर तीरथ सरकार भी अनाथ बच्चों को आर्थिक सहायता प्रदान करने जा रही है. इसके तहत जहां प्रतिमाह बच्चे के खाते में ₹3000 डाले जाएंगे. तो वहीं, बच्चे की शिक्षा की जिम्मेदारी भी सरकार की उठाएगी. इसके साथ ही बच्चे की पैतृक संपत्ति का कोई दुरुपयोग न हो इस बात का ख्याल रखने की जिम्मेदारी संबंधित जिलाधिकारी को दी गई.

पढ़ें- रामदेव बताते रहे कोरोना का रामबाण इलाज, पतंजलि परिवार के सदस्य की हो गयी मौत

जल्द जारी होगा शासनादेश

राज्यमंत्री रेखा आर्य ने बताया कि अगले एक या दो दिनों में शासनादेश जारी कर दिया जाएगा, जिसके बाद ही यह स्पष्ट होगा कि आखिर किस तरह से बच्चे इस योजना के लिए आवेदन कर सकेंगे.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.