देहरादून: राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के प्रांतीय कार्यकारी महामंत्री अरुण पांडे ने त्रिवेंद्र सरकार के उस फैसले का विरोध किया है जिसके तहत राज्य कर्मचारियों का महंगाई भत्ता जुलाई 2021 तक फ्रीज किए जाने का आदेश दिया है. उनका कहना है कि सरकार ने बिना कर्मचारियों से बातचीत किए एकतरफा निर्णय लिया है.
अरुण पांडे ने समूह ग और घ के कर्मचारियों का डीए फ्रीज किए जाने से मुक्त करने की मांग उठाई है. अरुण पांडे का कहना है कि कर्मचारियों ने यह तय किया है कि सीएम त्रिवेंद्र रावत और मुख्य सचिव से मुलाकात करके यह मांग करेंगे कि कम से कम समूह ग और घ श्रेणी के कार्मिकों का डीए फ्रीज किए जाने से मुक्त किया जाए.
पढ़ें- कोरोना को लेकर उत्तराखंड से आई ये अच्छी खबर, जानकर खुश हो जायेंगे आप
उन्होंने कहा कि सरकार उन बकायेदारों से जिनके ऊपर विभिन्न प्रकार के कर जैसे बिजली और पानी की बहुत बड़ी रकम बकाया है वसूली करे.
राज्य सरकार यदि कर्मियों से वार्ता करे तो तमाम बातें सरकार के सामने रखी जाएंगी कि आखिर आने वाले समय में कैसे राजस्व को बढ़ाया जाए. सभी कर्मचारी सीएम से आशा करते हैं कि इस फैसले पर पुनर्विचार किया जाए और कर्मचारियों को अपने साथ लेकर चला जाए. ताकि सभी कर्मचारी कदम कदम पर राज्य सरकार का साथ देते रहें.
दरअसल राज्य सरकार ने कर्मचारियों और पेंशन भोगियों के 1 जनवरी 2020 से महंगाई राहत की अतिरिक्त किस्त का भुगतान न करने का फैसला लिया है. जिसके बाद कर्मचारियों ने भी अपनी नाराजगी जताई है.