देहरादूनः प्रदेश भर के राज्य आंदोलनकारी सरकार से 10 प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण (horizontal reservation) की मांग कर रहे हैं. हालांकि, कोई समाधान न निकलने के कारण अब राज्य आंदोलनकारियों ने सड़कों पर उतरने का निर्णय ले लिया है. इसी के मद्देनजर राज्य आंदोलनकारियों ने आंदोलन की रणनीति पर रविवार को शहीद स्मारक (Memorial) में एक समीक्षा बैठक की.
इस दौरान 14 जुलाई को 10% क्षैतिज आरक्षण के एक्ट को लेकर राजभवन मार्च के बाद भी एक्ट को राजभवन द्वारा गंभीरता नहीं दिखाने पर नाराजगी व्यक्त की गई. राज्य आंदोलनकारियों ने 8 अगस्त को अपनी मांगों को लेकर सीएम आवास घेराव करने का निर्णय लिया है.
विभिन्न मंचों से जुड़े राज्य आंदोलनकारियों का कहना है कि अपनी मांगों को लेकर उन्हें अब जनप्रतिनिधि और मंत्रियों का घेराव करने को विवश होना पड़ेगा. राज्य आंदोलनकारी वीरेंद्र पोखरियाल का कहना है कि जिला प्रशासन को सूचना देने के बावजूद सरकार ने पुलिस पर दबाव बनाकर मुकदमें दर्ज कर दिए. जिसका सभी राज्य आंदोलनकारी घोर विरोध करते हैं.
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उन्होंने कहा कि राज्य सरकार आंदोलनकारियों के 10% क्षैतिज आरक्षण एक्ट पर पिछले 6 वर्षों से कोई नियम नहीं बना पाई. जबकि, पक्ष-विपक्ष दोनों के ही द्वारा सर्वसम्मति से गैरसैंण विधानसभा सत्र में 2015 से एक्ट पास होकर बीते 6 वर्षों से राजभवन में कैद पड़ा हुआ है.
वहीं बैठक में शामिल हुए चिन्हित राज्य आंदोलनकारी संयुक्त समिति के केंद्रीय संरक्षक धीरेंद्र प्रताप ने राज्य आंदोलनकारियों की मांगों का समाधान ना होने की सूरत में अपनी नाराजगी व्यक्त की. उन्होंने कहा कि 8 अगस्त को सभी राज्य आंदोलनकारी अपनी मांगों को लेकर सीएम आवास घेराव करने जा रहे हैं. बता दें कि प्रदेश भर के राज्य आंदोलनकारी 10% क्षैतिज आरक्षण की मांग को लेकर लामबंद है. आंदोलनकारियों ने ऐलान किया है कि जब तक उनकी मांगे पूरी नहीं होती, तब तक उनका आंदोलन जारी रहेगा.