ऋषिकेश: एआरटीओ ऑफिस के बाहर आंदोलनकारियों ने धरना-प्रदर्शन किया. आंदोलनकारियों का कहना है कि एआरटीओ ऑफिस के बाहर कुछ लोग बिचौलियों का काम कर रहे हैं. जिसको लेकर दोनों पक्षों के बीच झड़प हो गई. जिसके बाद पुलिस ने दोनों पक्षों के लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया है.
ARTO ऑफिस के बाहर राज्य आंदोलनकारियों ने दिया धरना. आंदोलनकारियों द्वारा परिवहन विभाग के ऋषिकेश कार्यालय पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाया गया है. साथ ही बिचौलिया प्रथा बंद करने की मांग को लेकर एक पक्ष के दो लोग कार्यालय के बाहर ही धरने पर बैठे. लेकिन वहां दूसरे पक्ष के चार लोग भी आ धमके और देखते ही देखते वहां दोनों पक्षों में नोकझोंक शुरू हो गई. मौके पर पहुंची पुलिस ने दोनों पक्षों के छह लोगों को हिरासत में लिया. शाम को दूसरे पक्ष के चार लोगों को निजी मुचलके पर रिहा कर दिया गया, जबकि पहले पक्ष के दो लोगों ने निजी मुचलके पर हस्ताक्षर करने से इंकार कर दिया. एआरटीओ कार्यालय के बाहर एक पक्ष के दो लोग संजीव पुत्र मेहर रावत निवासी गंगागनर और गौरव राजपूत पुत्र विजय राव निवासी ढालवाला धरने पर बैठे. उन्होंने कहा कि एआरटीओ कार्यालय में दलाली प्रथा बंद होनी चाहिए. साथ ही मोटर चालक स्कूल को एआरटीओ कार्यालय से संरक्षण प्राप्त है. तभी दूसरे पक्ष के चार लोग अमरजीत पुत्र जरनैल सिंह निवासी गोविंदनगर, उमेश चौहान पुत्र राम कुमार चौहान निवासी बनखंडी, प्यारेलाल जुगरान पुत्र पुरुषोत्तम निवासी सोमेश्वर नगर, विक्रांत पुत्र तरसेम वहां पहुंचे. इन लोगों का कहना था धरने पर बैठे लोग एआरटीओ कार्यालय में आने वालों को धमका रहे हैं. पढ़ें: महिला ने फांसी लगाकर की खुदकुशी, जांच में जुटी पुलिस
दोनों पक्षों में काफी नोकझोंक के बीच पुलिस भी पहुंची. पुलिस सभी हंगामा करने वाले लोगों को कोतवाली लेकर आई. यहां चार को शांतिभंग में चालान कर रिहा कर दिया गया, जबकि संजीव और गौरव ने जमानत लेने से इंकार कर दिया.