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राज्य आंदोलनकारियों ने की सशक्त भू-कानून की मांग, सरकार को चेताया - राज्य आंदोलनकारियों की मांग

मसूरी के शहीद स्थल पर राज्य आंदोलनकारी ने भू-कानून बनाने की मांग की और सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया.

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सशक्त भू-कानून की मांग
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Published : Jul 25, 2021, 3:40 PM IST

Updated : Jul 25, 2021, 4:13 PM IST

मसूरी: शहीद श्रीदेव सुमन के शहादत दिवस पर राज्य आंदोलनकारी ने भू-कानून बनाने की मांग की और सरकार के खिलाफ शहीद स्थल पर धरना प्रदर्शन किया. इस दौरान आंदोलनकारियों ने सरकार पर भू माफियाओं के हाथ जमीन बेचने का आरोप लगाया. साथ ही सरकार को चेतावनी दी कि जब तक भू-कानून नहीं बन जाता, तब तक आंदोलन जारी रहेगा.

भू-कानून की मांग करते हुए राज्य आंदोलनकारियों ने कहा रकि 2022 में राजनीतिक पार्टियों को इसका जवाब दिया जाएगा. प्रदर्शन में राज्य आंदोलनकारी जयप्रकाश उत्तराखंडी, केदार सिंह चौहान और मुलायम सिंह पहाड़ी ने कहा कि प्रदेश की 80 प्रतिशत भूमि भू-माफियाओं ने अपने कब्जे में ले ली है. आज उत्तराखंड के आम निवासी जल, जंगल और जमीन की लड़ाई लड़ रहे हैं. लेकिन उत्तराखंड बनने के बाद कोई भी सरकारों ने इस ओर ध्यान नहीं दिया.

राज्य आंदोलनकारियों ने की सशक्त भू-कानून की मांग.

ये भी पढ़ें: बलिदान दिवस: टिहरी राजशाही के ताबूत में आखिरी कील साबित हुई श्रीदेव सुमन की शहादत

उन्होंने कहा कि राज्य आंदोलनकारी ने उत्तराखंड का निर्माण यहां के लोगों के लिए किया था, लेकिन उत्तराखंड का बनाने का मकसद अभी तक पूरा नहीं हो पाया है. आज पूरे उत्तराखंड में भू माफियाओं का कब्जा है. ऐसे में भू-कानून लाए जाना जरूरी है.

उन्होंने कहा कि उत्तराखंड में हिमालय राज्यों की तर्ज पर भू-कानून बनाया जाना चाहिए, जिससे प्रदेश को बचाया जा सके और विकास की ओर अग्रसर किया जा सके. अगर उत्तराखंड में भू-कानून नहीं बनाया जाता तो आने वाले 2022 में राजनेताओं को जबाब दिया जाएगा.

मसूरी: शहीद श्रीदेव सुमन के शहादत दिवस पर राज्य आंदोलनकारी ने भू-कानून बनाने की मांग की और सरकार के खिलाफ शहीद स्थल पर धरना प्रदर्शन किया. इस दौरान आंदोलनकारियों ने सरकार पर भू माफियाओं के हाथ जमीन बेचने का आरोप लगाया. साथ ही सरकार को चेतावनी दी कि जब तक भू-कानून नहीं बन जाता, तब तक आंदोलन जारी रहेगा.

भू-कानून की मांग करते हुए राज्य आंदोलनकारियों ने कहा रकि 2022 में राजनीतिक पार्टियों को इसका जवाब दिया जाएगा. प्रदर्शन में राज्य आंदोलनकारी जयप्रकाश उत्तराखंडी, केदार सिंह चौहान और मुलायम सिंह पहाड़ी ने कहा कि प्रदेश की 80 प्रतिशत भूमि भू-माफियाओं ने अपने कब्जे में ले ली है. आज उत्तराखंड के आम निवासी जल, जंगल और जमीन की लड़ाई लड़ रहे हैं. लेकिन उत्तराखंड बनने के बाद कोई भी सरकारों ने इस ओर ध्यान नहीं दिया.

राज्य आंदोलनकारियों ने की सशक्त भू-कानून की मांग.

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उन्होंने कहा कि राज्य आंदोलनकारी ने उत्तराखंड का निर्माण यहां के लोगों के लिए किया था, लेकिन उत्तराखंड का बनाने का मकसद अभी तक पूरा नहीं हो पाया है. आज पूरे उत्तराखंड में भू माफियाओं का कब्जा है. ऐसे में भू-कानून लाए जाना जरूरी है.

उन्होंने कहा कि उत्तराखंड में हिमालय राज्यों की तर्ज पर भू-कानून बनाया जाना चाहिए, जिससे प्रदेश को बचाया जा सके और विकास की ओर अग्रसर किया जा सके. अगर उत्तराखंड में भू-कानून नहीं बनाया जाता तो आने वाले 2022 में राजनेताओं को जबाब दिया जाएगा.

Last Updated : Jul 25, 2021, 4:13 PM IST
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