देहरादून: मुजफ्फरनगर कांड की बरसी पर राज्य आंदोलनकारी पूरे प्रदेश में काला दिवस मना रहे हैं. ऐसे में राजधानी देहरादून समेत कई जिलों में राज्यआंदोलनकारियों ने काला दिवस मनाया. आंदोलनकारियों ने गांधी पार्क के सामने सांकेतिक सत्याग्रह करते हुए मुजफ्फरनगर कांड के शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की. वहीं, राष्ट्रपिता महात्मा गांधी और पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री की जयंती के अवसर पर भारतीय किसान यूनियन तोमर गुट के कार्यकर्ताओं ने अपनी विभिन्न मांगों को लेकर गांधी पार्क के सामने मौन व्रत धारण करते हुए अपनी मांगों को लेकर विरोध दर्ज कराया.
गांधी पार्क में राज्य आंदोलनकारी समिति और राज्य निर्माण आंदोलनकारियों ने गांधी प्रतिमा के नीचे सांकेतिक सत्याग्रह करते हुए राज्य सरकार के खिलाफ नारेबाजी कर अपना आक्रोश व्यक्त किया. समिति के केंद्रीय संयोजक मनीष नागपाल ने कहा कि 26 वर्ष गुजर जाने के बाद भी मुजफ्फरनगर कांड के दोषियों को अभी तक सजा नहीं दी गई है. सरकार ने मुजफ्फरनगर कांड के दोषियों को तिरस्कृत करने के बजाय उन्हें पुरस्कृत करने का काम किया है. इस दौरान उन्होंने राज्य आंदोलनकारियों की अनदेखी का आरोप लगाते हुए कहा कि राज्य में अब तक चिन्हीकरण की प्रक्रिया लटकी हुई है. साथ ही तत्काल चिन्हीकरण की प्रक्रिया शुरू करने की मांग उठाई.
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इसके अलावा राज्य आंदोलनकारियों ने सरकार से तत्काल समान पेंशन 10 हजार रुपये करने और राज्य आंदोलनकारी को 10 प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण दिये जाने की मांग की. इसके साथ ही आंदोलनकारियों ने गैरसैंण को ग्रीष्मकालीन राजधानी बनाए जाने का भी विरोध करते हुए गैरसैंण को स्थायी राजधानी घोषित किए जाने के साथ ही 50 हजार करोड़ का पैकेज दिए जाने की मांग की.
हल्द्वानी में उक्रांद ने शहीदों को दी श्रद्धांजलि
हल्द्वानी में उत्तराखंड क्रांति दल के कार्यकर्ताओं और राज्य आंदोलनकारियों सहित अन्य संगठनों ने 2 अक्टूबर 1994 को उत्तराखंड राज्य अलग करने को हुए आंदोलन में शहीद हुए आंदोलनकारियों को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए काला दिवस मनाया. इस मौके पर उत्तराखंड क्रांति दल के नेता भुवन जोशी ने कहा कि 26 साल बाद भी मुजफ्फरनगर कांड के दोषियों को सजा नहीं मिल पाई है. ऐसे में आज भी राज्य आंदोलनकारी अपने साथियों के हत्यारों को सजा दिलाने की मांग कर रहे हैं, लेकिन सरकारें चुप हैं.
विकासनगर में भी राज्य आंदोलनकारियों ने मनाया काला दिवस
राज्य आंदोलनकारी मंच के अध्यक्ष सुरेंद्र सिंह कुकरेती ने कहा कि 26 साल बीत जाने के बाद भी निहत्थे आंदोलनकारियों पर गोली चलाने का आदेश देने वाले लोगों को सजा नहीं हुई है. जिससे राज्य आंदोलनकारी आहत हैं. उन्होंने कहा कि वह रात आज भी आंदोलन में शामिल हुए राज्य आंदोलनकारी नहीं भूले हैंय उन्होंने कहा कि जहां आज पूरा देश अहिंसा के पुजारी राष्ट्रपिता महात्मा गांधी का जन्म दिवस मना रहा है. वहीं, राज्य आंदोलनकारी इस दिवस को काला दिवस के रूप में मनाने को मजबूर हैं.
सरोवर नगरी में भी मनाया गया 'काला दिवस'
नैनीताल में भी राज्य आंदोलनकारियों रामपुर तिराहा कांड की बरसी को काला दिवस के रूप में मनाया. इस मौके पर राज्य आंदोलनकारियों ने आज गांधी चौक पर एकत्रित होकर 2 अक्टूबर 1994 को शहीद हुए राज्य आंदोलनकारियों को याद कर उनको श्रद्धांजलि अर्पित की.
काशीपुर में देवसेना का काला दिवस
रामपुर तिराहा काण्ड की बरसी पर काशीपुर में देव सेना संगठन ने राज्य आंदोलनकारियों की निर्मम हत्या और महिला आन्दोलनकारियों के साथ हुए अत्याचार के न्याय के सम्बन्ध में मुख्यमंत्री के नाम एसडीएम को एक ज्ञापन सौंपा है. देवसेना के पदाधिकारियों का कहना है कि आन्दोलनरकारियों और शहीदों को आज तक इंसाफ नहीं मिला है.
किसान संगठन ने गांधी पार्क में दिया सांकेतिक धरना
वहीं, गांधी पार्क के सामने सांकेतिक धरने पर बैठे किसान यूनियन के प्रदेश अध्यक्ष सोमदत्त शर्मा का कहना है कि भारत सरकार द्वारा संसद में किसान विरोधी बिलों के विरोध में मौन व्रत धारण किया गया है.सांकेतिक मौन व्रत धारण करने के बाद किसान यूनियन से जुड़े कार्यकर्ताओं ने अपनी मांगों को लेकर जिला प्रशासन के माध्यम से राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और उत्तराखंड के मुख्यमंत्री को एक ज्ञापन भी भेजा है.
भारतीय किसान यूनियन तोमर गुट के प्रमुख मांगे
1- कृषि कानूनों का विरोध करते हुए उसमें संशोधन की मांग की.
2- विद्यालयों द्वारा लॉकडाउन अवधि का अभिभावकों से शुल्क वसूला जा रहा है, ऐसे में भारतीय किसान यूनियन तोमर उसका पुरजोर विरोध करती है.
3- कोरोना काल में विभिन्न चिकित्सालयों पर भारी लापरवाही का भ्रष्टाचार के आरोप बार-बार लग रहे हैं, भारतीय किसान यूनियन तोमर इसकी उच्च स्तरीय निष्पक्ष और समयबद्ध जांच जांच की मांग करता है
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