देहरादून: उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारी मंच ने पीआरडी कर्मियों की समस्याओं को उठाते हुए सरकार से न्याय की मांग उठाई है. आंदोलनकारियों ने कहा पीआरडी जवान पूरी तत्परता से अपनी ड्यूटी वर्षों से निभाते आ रहे हैं. चुनाव ड्यूटी, परीक्षाएं, मेला, त्योहार, सुरक्षा व्यवस्था, विभागीय कार्य और ट्रैफिक व्यवस्था तक की जिम्मेवारी को ये जवान बखूबी निभाते हैं, लेकिन हाल ही में एक पत्र जारी किया गया है कि पीआरडी के वर्दीधारी जवानों की जगह एक प्राइवेट एजेंसी लाने की तैयारी की जा रही है. जिसका राज्य आंदोलनकारी घोर विरोध करते हैं.
आंदोलनकारी मंच के प्रदेश प्रवक्ता प्रदीप कुकरेती ने कहा निदेशालय की ओर से अमृत कौशल विकास योजना के माध्यम से प्राइवेट सुरक्षा गार्ड की भर्ती 15 मार्च से शुरू कराई जा रही है. जबकि प्रशिक्षण प्राप्त पीआरडी जवान का विकास और सुदृढ़ीकरण किया जाना चाहिए. उन्हें अच्छा प्रशिक्षण देकर और मजबूत बनाना चाहिए. ताकि उनको मूलभूत सुविधाएं मिलने के साथ में उनके परिवार का भविष्य सुरक्षित किया जा सके.
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उन्होंने कहा सरकार पीआरडी विभाग में प्राइवेट एजेंसी को सम्मिलित करके उनके साथ बहुत बड़ा षड्यंत्र कर रही है. ऐसे में सरकार और शासन को इस भर्ती को शीघ्र निरस्त करना चाहिए. राज्य आंदोलनकारियों ने मुख्यमंत्री के नाम एक ज्ञापन तैयार किया है. जिसमें उत्तराखंड में प्राइवेट एजेंसियों के माध्यम से होने वाली भर्तियों पर प्रतिबंध लगाने की मांग प्रमुखता से रखी गई है. उन्होंने कहा प्रदेश का गठन रोजगार के अवसर सृजन करने के लिए किया गया था, लेकिन एक के बाद सारी चीजें यहां के निवासियों के हाथों से छीनी जा रही है.
राज्य आंदोलनकारी मंच ने कहा पुष्कर धामी युवा मुख्यमंत्री हैं, ऐसे में वह पीआरडी कर्मियों की दिक्कतों को भली भांति समझेंगे. राज्य आंदोलनकारियों ने यह भी चेतावनी दी है कि यदि पीआरडी कर्मियों की मांगों को अनसुना किया गया तो आंदोलनकारियों को सड़क पर उतरने के लिए मजबूर होना पड़ेगा.