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चारधाम सड़क निर्माण कार्य में मानकों का नहीं हो रहा पालन, SC की समिति ने पाईं कई खामियां - सुप्रीम कोर्ट की समिति ने उठाये सवाल

चारधाम सड़क कार्य योजना का सुप्रीम कोर्ट की समिति ने निरीक्षण करते हुए अनेक सवाल उठाए. इन कमियों को लेकर समिति नवंबर में केंद्रीय सड़क व परिवहन मंत्रालय को रिपोर्ट सौंपेगी.

चारधाम सड़क
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Published : Oct 28, 2019, 4:11 PM IST

देहरादूनः केंद्र सरकार द्वारा ऐतिहासिक ऑल वेदर चारधाम सड़क मार्ग के निर्माण को लेकर सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित समिति ने कई तरह के सवाल खड़े किए हैं. समिति ने अपने निरीक्षण के दौरान पाया कि चारधाम सड़क निर्माण कार्य के दौरान पहाड़ों की कटिंग करने वाले मलबे को वैज्ञानिक रूप से व्यवस्थित नहीं किया गया है. जिससे कई तरह समस्याएं सामने आ रहीं हैं.

चारधाम सड़क निर्माण कार्य नियमों का उल्लंघन.

चारधाम सड़क कार्य योजना का निरीक्षण करने वाली समिति ने प्रारंभिक जांच पड़ताल में यह निष्कर्ष निकाला कि कार्य योजना के दौरान कई तरह के आवश्यक विषयों को दरकिनार कर निर्माण कार्य में जल्दबाजी से काम लिया गया है. इन सब मामलों को लेकर समिति आगामी नवंबर माह में अपनी प्रारंभिक रिपोर्ट तैयार कर सड़क व परिवहन मंत्रालय को सौंपी जाएगी.

उत्तराखंड के परिपेक्ष में चारधाम की ऐतिहासिक सड़क मार्ग के निर्माण कार्य का निरीक्षण कर रही समिति ने यह भी पाया कि कई स्थानों में अलग-अलग जगह मलबे के डंपिंग जोन के लिए भले ही सुरक्षा दीवार तैयार की गई हो लेकिन कई डंपिंग जोन की दीवारें कमजोर हैं. जिन पर किसी तरह से कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है.

यह भी पढ़ेंः तीरथ सिंह ने छात्र-छात्राओं के साथ हुए दुर्व्यवहार को बताया गलत, सरकार से करेंगे बात

ऐसे में कई हादसे होने का खतरा भी बना हुआ है. साथ ही निर्माण कार्य के दौरान चट्टानों से निकलने वाला मलवा साइंटिफिक तरीके से व्यवस्थित नहीं किया गया है. निरीक्षण समिति ने अपने जांच पड़ताल में यह भी पाया कि सड़क निर्माण कार्य के दौरान जो पहाड़ों से मलवा निकाला जा रहा है, उसे सीधे तौर पर नदियों में डाला जा रहा है. जिससे अलग तरह की समस्याएं भी सामने आ रहीं हैं.

वहीं समिति ने इस बात पर भी गौर किया कि ऋषिकेश और कर्णप्रयाग को जाने वाले मार्ग पर जो चौड़ीकरण का कार्य पूरा होकर कई तरह के बड़े वाहनों के पार्किंग जोन बनाए गए हैं, उससे यह स्पष्ट नहीं हो रहा है कि निर्माण कार्य संपन्न होने के बाद इन पार्किंग जोन का क्या होगा.

देहरादूनः केंद्र सरकार द्वारा ऐतिहासिक ऑल वेदर चारधाम सड़क मार्ग के निर्माण को लेकर सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित समिति ने कई तरह के सवाल खड़े किए हैं. समिति ने अपने निरीक्षण के दौरान पाया कि चारधाम सड़क निर्माण कार्य के दौरान पहाड़ों की कटिंग करने वाले मलबे को वैज्ञानिक रूप से व्यवस्थित नहीं किया गया है. जिससे कई तरह समस्याएं सामने आ रहीं हैं.

चारधाम सड़क निर्माण कार्य नियमों का उल्लंघन.

चारधाम सड़क कार्य योजना का निरीक्षण करने वाली समिति ने प्रारंभिक जांच पड़ताल में यह निष्कर्ष निकाला कि कार्य योजना के दौरान कई तरह के आवश्यक विषयों को दरकिनार कर निर्माण कार्य में जल्दबाजी से काम लिया गया है. इन सब मामलों को लेकर समिति आगामी नवंबर माह में अपनी प्रारंभिक रिपोर्ट तैयार कर सड़क व परिवहन मंत्रालय को सौंपी जाएगी.

उत्तराखंड के परिपेक्ष में चारधाम की ऐतिहासिक सड़क मार्ग के निर्माण कार्य का निरीक्षण कर रही समिति ने यह भी पाया कि कई स्थानों में अलग-अलग जगह मलबे के डंपिंग जोन के लिए भले ही सुरक्षा दीवार तैयार की गई हो लेकिन कई डंपिंग जोन की दीवारें कमजोर हैं. जिन पर किसी तरह से कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है.

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ऐसे में कई हादसे होने का खतरा भी बना हुआ है. साथ ही निर्माण कार्य के दौरान चट्टानों से निकलने वाला मलवा साइंटिफिक तरीके से व्यवस्थित नहीं किया गया है. निरीक्षण समिति ने अपने जांच पड़ताल में यह भी पाया कि सड़क निर्माण कार्य के दौरान जो पहाड़ों से मलवा निकाला जा रहा है, उसे सीधे तौर पर नदियों में डाला जा रहा है. जिससे अलग तरह की समस्याएं भी सामने आ रहीं हैं.

वहीं समिति ने इस बात पर भी गौर किया कि ऋषिकेश और कर्णप्रयाग को जाने वाले मार्ग पर जो चौड़ीकरण का कार्य पूरा होकर कई तरह के बड़े वाहनों के पार्किंग जोन बनाए गए हैं, उससे यह स्पष्ट नहीं हो रहा है कि निर्माण कार्य संपन्न होने के बाद इन पार्किंग जोन का क्या होगा.

Intro:summary-चारधाम की सड़क योजना कार्य पर उठे सवाल,निरक्षण कर सुप्रीम कोर्ट की समिति ने उठाये सवाल, कमियों को लेकर समिति नवंबर माह को सौंपेगी केंद्रीय सड़क व परिवहन मंत्रालय को रिपोर्ट।


केंद्र सरकार द्वारा ऐतिहासिक ऑल वेदर चारधाम सड़क मार्ग कार्य निर्माण को लेकर सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित समिति ने कई तरह के सवाल खड़े किए हैं। समिति में अपने निरीक्षण के दौरान पाया कि चारधाम सड़क निर्माण कार्य के दौरान पहाड़ों को कटिंग करने वाले मलबे को वैज्ञानिक रूप से व्यवस्थित नहीं किया गया है। जिससे कई तरह समस्याएं सामने आ रही है।
चारधाम सड़क कार्य योजना का विस्तृत निरीक्षण करने वाली सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित समिति ने प्रारंभिक जांच पड़ताल में यह निष्कर्ष निकाला कि, इस ऐतिहासिक बड़ी निर्माण कार्य योजना के दौरान कई तरह के आवश्यक विषयों को दरकिनार कर निर्माण कार्य में जल्दबाजी से काम लिया गया है। इन सब मामलों को लेकर समिति आगामी नवंबर माह में अपनी प्रारंभिक रिपोर्ट तैयार कर सड़क व परिवहन मंत्रालय को सौंपी गई।



Body:उत्तराखंड के परिपेक्ष में चार धाम की ऐतिहासिक सड़क मार्ग निर्माण कार्य का निरीक्षण कर रही समिति ने यह भी पाया कि कई स्थानों में अलग-अलग जगह मलबे के डंपिंग जोन तैयार भले ही सुरक्षा दीवार तैयार की गई हो लेकिन निरीक्षण के दौरान पाया गया कि कई डंपिंग जोर की दीवारें कमजोर है जिन पर किसी तरह से कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है ऐसे में कई हादसे होने का खतरा भी बना हुआ है। ऐसे में निर्माण कार्य के दौरान चट्टानों से निकलने वाला मलवा साइंटिफिक तरीके से व्यवस्थित नहीं किया गया है।
निरीक्षण समिति ने अपने जांच पड़ताल में यह भी पाया कि सड़क निर्माण कार्य के दौरान जो पहाड़ों से मलवा काटकर निकाला जा रहा है, उसे सीधे तौर पर नदियों में डाला जा रहा है. जिससे अलग तरह की समस्याएं भी सामने आ रही है।
वहीं समिति ने इस बात पर भी गौर किया कि ऋषिकेश और कर्णप्रयाग को जाने वाले मार्ग पर जो चौड़ीकरण का कार्य पूरा होकर कई तरह के बड़े वाहनों के पार्किंग जोन बनाए गए हैं। उससे यह स्पष्ट नहीं हो रहा है कि निर्माण कार्य संपन्न होने के बाद इन पार्किंग जोन का क्या होगा।




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