देहरादून: उत्तराखंड सरकार ने दो धड़ों में बैठे राजकीय कर्मचारियों में संतुलन बनाते हुए बीते रोज कैबिनेट में एक अहम फैसला लिया गया, लेकिन इसके बावजूद भी कर्मचारियों में असंतोष नजर आ रहा है. एसटी-एससी कर्मचारियों ने सरकार द्वारा पदोन्नति में आरक्षण को खत्म करने को लेकर आंदोलन की रणनीति बनानी शुरू कर दी है.
सरकार द्वारा रोस्टर प्रणाली में पहले पद को आरक्षित करने के बाद एसटी-एससी कर्मचारियों को भले ही खुश करने की कोशिश की गई हो लेकिन एसटी-एससी कर्मचारियों का कहना है कि मुद्दा रोस्टर प्रणाली का नहीं था, बल्कि बड़ा मुद्दा प्रमोशन में आरक्षण का था. एससी-एसटी कर्मचारी संगठन का नेतृत्व कर रहे कर्मचारी नेता क्रमराम ने कहा कि सरकार ने प्रमोशन में आरक्षण को लेकर सुप्रीम कोर्ट द्वारा सरकार को अधिकृत किया गया था, लेकिन सरकार ने अपने अधिकारों का गलत फायदा उठाते हुए समानता के अधिकार को कुचला है.
पढ़ें- जानें देवभूमि कोरोना से जंग के लिए कितनी तैयार
क्रमराम का कहना है कि सरकार द्वारा भले ही रोस्टर प्रक्रिया में पहले पद को आरक्षित करके व्यवस्था को पूर्ववत रखा है, लेकिन इससे एसटी-एससी कर्मचारियों को उनका अधिकार नहीं मिल पाएगा. एसटी-एससी कर्मचारियों ने कहा है उनका आंदोलन लगातार जारी रहेगा. आज होने वाली बैठक में आंदोलन की रणनीति तय की जाएगी, तो वहीं आगामी 24 मार्च को पूरे प्रदेश भर के एसटी-एससी कर्मचारी आंदोलन के लिए एकजुट होंगे.