देहरादून: उत्तराखंड एससी-एसटी इंप्लाइज फेडरेशन ने शुक्रवार को प्रमोशन में आरक्षण की बहाली की मांग को लेकर महारैली निकाली. इसमें एससी-एसटी कर्मचारियों के विभिन्न 37 संगठनों ने प्रमोशन में आरक्षण और सीधी भर्ती के पुराने आरक्षण रोस्टर को लागू करने की मांग की. इसे लेकर सभी प्रदर्शनकारियों ने सचिवालय कूच किया, लेकिन पहले से मौजूद पुलिस बल ने प्रदर्शनकारियों को सचिवालय से पहले ही बैरिकेडिंग लगाकर रोक दिया. इससे पूर्व एससी-एसटी कर्मचारी नेताओं ने पवेलियन मैदान में एक सभा का आयोजन किया था. सचिवालय कूच के दौरान एससी-एसटी इंप्लाइज फेडरेशन की ओर से सिटी मजिस्ट्रेट के माध्यम से मुख्यमंत्री को ज्ञापन भी भेजा गया.
एससी-एसटी इंप्लाइज फेडरेशन के प्रांतीय अध्यक्ष करम राम ने कहा कि एक अप्रैल 2019 को उच्च न्यायालय का आदेश आया था, उसमें साल 2000 के बाद के उस आदेश को खारिज कर दिया गया, जिसमें पदोन्नति में आरक्षण पर रोक लगाई गई थी. इसके बावजूद सरकार ने उस फैसले पर अमल न करते हुए पुनर्विचार याचिका दाखिल की. 6 महीने बाद सरकार याचिका को वापस लेकर सुप्रीम कोर्ट चली गई. उन्होंने कहा कि एससी-एसटी कर्मचारियों की मुख्य मांग है कि सुप्रीम कोर्ट के अंतिम फैसले के अधीन सशर्त आरक्षण रोस्टर के अनुसार डीपीसीआर प्रारंभ की जाए.
इसके अलावा सीधी भर्ती में रोस्टर की समीक्षा किए जाने के लिए गठित मदन कौशिक समिति की रिपोर्ट जब तक नहीं आ जाती, तब तक साल 2001 में निर्धारित रोस्टर के आधार पर ही सीधी भर्ती की जाए.
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प्रदर्शनकारियों ने मांग की कि राज्य के विभिन्न विभागों में बैकलॉग के रिक्त पदों को भरने के लिए विशेष अभियान चलाया जाए. संविदा और आउटसोर्स की नियुक्ति प्रक्रिया में आरक्षण का शत-प्रतिशत अनुपालन किया जाए. अगर सरकार आरक्षण प्रदान नहीं करती है तो हमारा वर्ग सामी ग्रुप से धर्म परिवर्तन पर विचार करेगा.