देहरादूनः संपत्ति के लालच में बेटे ने अपनी बुजुर्ग मां को घर से बाहर निकाल दिया. साथ ही अपनी तीन बहनों को भी घर से बाहर (occupy the house) कर दिया. इस कारण मां और तीन बेटियां आज सड़कों पर धक्के खा रही है और पुलिस से इंसाफ की गुहार लगा रही है. लेकिन पुलिस भी मामले पर मूकदर्शक बनी है. क्योंकि तीन बहनों का भाई सरकारी मुलाजिम है और उसकी पहुंच ऊपर तक है या फिर उसके रुतबे के आगे पुलिस बेबस है.
मामला राजपुर थाने के बॉडी गार्ड, नई बस्ती कैनाल रोड का है. यहां रहने वाली तीन बहनें शुक्रवार को थाना राजपुर पहुंचीं, जहां उन्होंने रोते बिलखते पूरी दास्तां बताई. उन्होंने बताया कि भाई रंजीत त्रिपाठी (Sub Inspector Ranjit Tripathi in SSB) यूपी के गोरखपुर में रहता है और एसएसबी में सब इंस्पेक्टर के पद पर तैनात है. भाई ने उनका मकान कब्जाने की नीयत से उनकी 72 साल की मां और उन्हें घर से बाहर निकाल दिया. तीनों बहनों का ये कहना है कि वे तीनों मिलकर अपनी बुजुर्ग बीमार मां का सालों से इलाज करा रही हैं लेकिन उनका भाई कभी उनका हालचाल जानने नहीं आया.
बुजुर्ग महिला विजय लक्ष्मी की छोटी बेटी सरिता ने बताया कि ये मकान उनकी मां ने उसके नाम किया है और उनकी यूपी के गोरखपुर में भी 10 बीघा जमीन है, जिसे की उनके भाई ने उन्हें बिना बताए अपने नाम करा लिया है. सरिता ने ये भी बताया कि उनका भाई रंजीत अक्सर देहरादून आता है और उनके साथ मारपीट कर जान से मारने की धमकी देता है. वहीं, सरिता का ये भी आरोप है कि उनका एक भाई और भी है जोकि काफी समय से लापता है और उसके लापता होने में उनके भाई रंजीत का ही हाथ है. सरिता का कहना है कि वो इस बात की शिकायत लेकर थाना राजपुर आई, लेकिन उनका भाई अपने रुतबे का फायदा उठा रहा है, जिस कारण पुलिस भी उनकी नहीं सुन रही है. उल्टा दबाव बना रही है कि अपने भाई के साथ समझौता कर लो.
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सरिता का कहना है कि पिछले साल दिसंबर में भी रंजीत देहरादून आया और उनकी मां और बहन के साथ मारपीट की, जिसके चलते उसकी बहन को काफी चोटें आई जिसकी मेडिकल रिपोर्ट भी थाने में दर्ज कराई गई, लेकिन पुलिस ने कोई सुनवाई नहीं की. सरिता का कहना है कि उनके भाई की पत्नी पिछले एक सप्ताह से अपनी दो बेटियों के साथ घर में कब्जा करके बैठी है. पीड़ित सरिता का कहना था कि आज तीनों बहनें और उनकी मां अपने भाई और उसकी पत्नी के अत्याचारों के शिकार हो रही है, लेकिन उनकी गुहार न तो प्रशासनिक अधिकारी और न ही पुलिस सुन रही है. साथ ही इस संबंध में प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री और जिलाधिकारी को भी लिखित रूप में अवगत कराया जा चुका है.