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रायपुर में बिना टैंक-पानी के कृषि विभाग ने किसानों को पकड़ा दिए फुहारे, बड़े घोटाले की आशंका - रायपुर स्प्रिंकलर सेट घोटाला

Sprinkler sets distributed to ineligible farmers in Raipur उत्तराखंड कृषि विभाग का एक गजब कारनामा देखने को मिला है. कृषि विभाग द्वारा प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के तहत किसानों को मिलने वाले सिंचाई के उपकरण (स्प्रिंकलर सेट) ऐसे किसानों को दिए गए हैं, जिनके लिए ना तो पानी की व्यवस्था है, ना उसके लिए टैंक हैं. देहरादून के रायपुर ब्लॉक में हुए इस मामले में तकरीबन डेढ़ करोड़ के घोटाले की आशंका है.

Sprinkler sets
देहरादून फुहारा समाचार
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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Dec 5, 2023, 1:00 PM IST

Updated : Dec 5, 2023, 3:04 PM IST

कृषि विभाग की कारस्तानी पर सवाल!

देहरादून: उत्तराखंड के देहरादून जिले की डोईवाला विधानसभा सीट में मौजूद रायपुर ब्लॉक में एक ऐसा मामला सामने आया है, जहां पर कृषि विभाग द्वारा प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के तहत ऐसे किसानों को कागजों में लाभ पहुंचाया गया जो कि उस योजना के तहत आते ही नहीं थे. कागजों में किए गए इस वितरण को लेकर किसानों के बीच चर्चाएं हुई तो लीपापोती करते हुए विभाग द्वारा इन किसानों को ऐसे उपकरण (स्प्रिंकलर सेट) पकड़ा दिए गए जो कि किसानों के किसी काम के नहीं हैं. अब आलम यह है कि विभाग द्वारा जबरदस्ती किसानों को दिए गए यह कृषि यंत्र किसानों द्वारा अपने घरों में रखे हुए हैं.

स्प्रिंकलर सेट वितरण में फर्जीवाड़ा! रायपुर ब्लॉक के किसान महावीर का कहना है कि कृषि विभाग द्वारा उन्हें कुछ सिंचाई का सामान दिया गया है. उन्हें यह भी नहीं मालूम है कि यह उन्हें दिया जाना था या नहीं दिया जाना था. लेकिन जो कुछ भी सामान सिंचाई विभाग द्वारा दिए गए हैं, वह उनके किसी काम के नहीं हैं. उन्होंने बताया कि उन्हें इस बात की जानकारी तब मिली जब योजना के ऑडिट के लिए उनके पास विभागीय अधिकारी आए. अधिकारियों ने उनसे पूछा कि आपको स्प्रिंकलर सेट दिए गए हैं. इस पर किसानों द्वारा इनकार किया गया. पता चला कि उनके नाम से फर्जी एफिडेविट भी लगाए गए थे. जब मामला सामने आया तो उसके बाद उन्हें आनन-फानन में प्रधानों के माध्यम से स्प्रिंकलर सेट पकड़ा दिए गए.

अपात्रों को दे दिए फुहारे! ऐसे ही अन्य किसानों ने भी जानकारी दी कि ग्राम प्रधान द्वारा उन्हें कुछ पाइप और फुहारे दिए गए हैं, जिनके बारे में ज्यादा जानकारी नहीं है. लेकिन प्रधान द्वारा उन्हें ये फुहारे दिए गए हैं तो उन्होंने उसको स्वीकार किया है. हालांकि वह उनके किसी काम के नहीं हैं. किसानों ने बताया कि इसके पीछे क्या कुछ फर्जीवाड़ा है उन्हें इसकी जानकारी नहीं है. लेकिन जांच में निकलकर सामने आया है कि उनके नाम पर पूरी योजना को ठिकाने लगाया गया है और उनके नाम से फर्जी एफिडेविट भी बनाए गए हैं.

जनता दरबार में डीएम को मिली थी शिकायत: इस पूरे मामले पर विभागीय जांच के बारे में जिलाधिकारी सोनिका सिंह का कहना है कि उन्हें कुछ शिकायतें जनता दरबार के माध्यम से जरूर मिली थीं. जिस पर प्राथमिक दृष्टि है. उनके द्वारा जांच की जा रही है. अभी जांच गतिमान है. दूसरी तरफ इस पूरे मामले पर कृषि मंत्री गणेश जोशी का कहना है कि उनके द्वारा सभी जिलों के अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए गए हैं कि कहीं पर भी किसी तरह की कोई गड़बड़ी करता है तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए. हालांकि रायपुर विधानसभा क्षेत्र में हुए इस खेल में कौन-कौन सम्मिलित हैं और किस तरह से यह गड़बड़ी हुई है इसको लेकर के अभी कुछ क्लियर नहीं हो पाया है.
ये भी पढ़ें: डोईवाला में कृषि विभाग का गड़बड़झाला, फर्जी शपथ पत्र से हड़पा किसानों का 'हक', जांच कमेटी गठित

कृषि विभाग की कारस्तानी पर सवाल!

देहरादून: उत्तराखंड के देहरादून जिले की डोईवाला विधानसभा सीट में मौजूद रायपुर ब्लॉक में एक ऐसा मामला सामने आया है, जहां पर कृषि विभाग द्वारा प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के तहत ऐसे किसानों को कागजों में लाभ पहुंचाया गया जो कि उस योजना के तहत आते ही नहीं थे. कागजों में किए गए इस वितरण को लेकर किसानों के बीच चर्चाएं हुई तो लीपापोती करते हुए विभाग द्वारा इन किसानों को ऐसे उपकरण (स्प्रिंकलर सेट) पकड़ा दिए गए जो कि किसानों के किसी काम के नहीं हैं. अब आलम यह है कि विभाग द्वारा जबरदस्ती किसानों को दिए गए यह कृषि यंत्र किसानों द्वारा अपने घरों में रखे हुए हैं.

स्प्रिंकलर सेट वितरण में फर्जीवाड़ा! रायपुर ब्लॉक के किसान महावीर का कहना है कि कृषि विभाग द्वारा उन्हें कुछ सिंचाई का सामान दिया गया है. उन्हें यह भी नहीं मालूम है कि यह उन्हें दिया जाना था या नहीं दिया जाना था. लेकिन जो कुछ भी सामान सिंचाई विभाग द्वारा दिए गए हैं, वह उनके किसी काम के नहीं हैं. उन्होंने बताया कि उन्हें इस बात की जानकारी तब मिली जब योजना के ऑडिट के लिए उनके पास विभागीय अधिकारी आए. अधिकारियों ने उनसे पूछा कि आपको स्प्रिंकलर सेट दिए गए हैं. इस पर किसानों द्वारा इनकार किया गया. पता चला कि उनके नाम से फर्जी एफिडेविट भी लगाए गए थे. जब मामला सामने आया तो उसके बाद उन्हें आनन-फानन में प्रधानों के माध्यम से स्प्रिंकलर सेट पकड़ा दिए गए.

अपात्रों को दे दिए फुहारे! ऐसे ही अन्य किसानों ने भी जानकारी दी कि ग्राम प्रधान द्वारा उन्हें कुछ पाइप और फुहारे दिए गए हैं, जिनके बारे में ज्यादा जानकारी नहीं है. लेकिन प्रधान द्वारा उन्हें ये फुहारे दिए गए हैं तो उन्होंने उसको स्वीकार किया है. हालांकि वह उनके किसी काम के नहीं हैं. किसानों ने बताया कि इसके पीछे क्या कुछ फर्जीवाड़ा है उन्हें इसकी जानकारी नहीं है. लेकिन जांच में निकलकर सामने आया है कि उनके नाम पर पूरी योजना को ठिकाने लगाया गया है और उनके नाम से फर्जी एफिडेविट भी बनाए गए हैं.

जनता दरबार में डीएम को मिली थी शिकायत: इस पूरे मामले पर विभागीय जांच के बारे में जिलाधिकारी सोनिका सिंह का कहना है कि उन्हें कुछ शिकायतें जनता दरबार के माध्यम से जरूर मिली थीं. जिस पर प्राथमिक दृष्टि है. उनके द्वारा जांच की जा रही है. अभी जांच गतिमान है. दूसरी तरफ इस पूरे मामले पर कृषि मंत्री गणेश जोशी का कहना है कि उनके द्वारा सभी जिलों के अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए गए हैं कि कहीं पर भी किसी तरह की कोई गड़बड़ी करता है तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए. हालांकि रायपुर विधानसभा क्षेत्र में हुए इस खेल में कौन-कौन सम्मिलित हैं और किस तरह से यह गड़बड़ी हुई है इसको लेकर के अभी कुछ क्लियर नहीं हो पाया है.
ये भी पढ़ें: डोईवाला में कृषि विभाग का गड़बड़झाला, फर्जी शपथ पत्र से हड़पा किसानों का 'हक', जांच कमेटी गठित

Last Updated : Dec 5, 2023, 3:04 PM IST
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