देहरादूनः उत्तराखंड में बदहाल स्वास्थ्य सेवाओं से सभी वाकिफ हैं. हाल ये हैं कि सरकारी अस्पतालों में न तो पर्याप्त डॉक्टर हैं और न ही संसाधन, जिसका खामियाजा लोगों को भुगतना पड़ता है. लाख कोशिशों के बावजूद भी सरकार डॉक्टरों की तैनाती पर्वतीय अंचलों में नहीं कर पाई है. अब विशेषज्ञ डॉक्टरों को पहाड़ चढ़ाने के लिए सरकार ने एक ऐसी योजना बनाई है जो डॉक्टरों को पहाड़ों पर जाने के लिए प्रोत्साहित करेगी. जी हां, अब पहाड़ों में तैनाती पाने वाले डॉक्टरों को 50 प्रतिशत अतिरिक्त मानदेय दिया जाएगा.
आपको जानकर हैरानी होगी कि प्रदेश के 13 जिलों में से करीब 9 जिले ऐसे हैं, जहां स्पेशलिस्ट डॉक्टरों की संख्या ना के बराबर है. इसकी बड़ी वजह स्पेशलिस्ट डॉक्टरों की कमी है. साथ ही ऐसे डॉक्टरों का पहाड़ों पर नहीं जाना भी कारण है. इसी स्थिति को देखते हुए अब स्वास्थ्य विभाग ने स्पेशलिस्ट डॉक्टरों को पहाड़ों पर भेजने के लिए उन्हें मिलने वाले मानदेय के साथ स्पेशल अलाउंस देने का फैसला लिया है. इसके तहत पहाड़ों में स्पेशलिस्ट डॉक्टर के जाने पर उन्हें स्पेशल अलाउंस दिया जाएगा. इतना ही नहीं श्रीनगर और अल्मोड़ा मेडिकल कॉलेज में जो स्पेशलिस्ट डॉक्टर प्रोफेसर या असिस्टेंट प्रोफेसर के तौर पर तैनाती लेंगे, उन्हें भी 50% अधिक फंड देने की योजना बनाई गई है.
सूबे की स्वास्थ्य व्यवस्थाओं को लेकर विपक्षी दलों की तरफ से सवाल खड़े किए जाते रहे हैं, लेकिन राज्य सरकार की तरफ से डॉक्टरों को पहाड़ों पर भेजे जाने को लेकर बनाई गई इस योजना का विपक्षी दल भी स्वागत कर रहे हैं. हालांकि, उनकी मांग है कि इसके साथ राज्य सरकार को डॉक्टरों को दूसरी सुविधाएं भी बेहतर तरीके से देनी चाहिए. साथ ही डॉक्टरों की सुरक्षा के मद्देनजर भी काम किया जाना चाहिए, ताकि डॉक्टर प्रोत्साहित हों और वे पहाड़ी जिलों में नियुक्ति दे सकें.