देहरादूनः साल 2023 अपनी विदाई के अंतिम दिनों को गिन रहा है. कई मामलों में साल 2023 बेहद खास रहा. खासकर राजनीतिक समीकरण की बात करें तो ये साल मुख्यमंत्री समेत तमाम नेताओं के लिए बेहद खास रहा. क्योंकि, इस साल जहां सीएम धामी की छवि ने देश ही नहीं विदेशों में सुर्खियां बटोरी तो वहीं सत्ता पक्ष और विपक्ष के नेताओं को बड़ी सौगात मिली. इसके अलावा प्रदेश के कुछ राजनेताओं के राजनीतिक जीवन में भी बदलाव देखा गया.
इन बड़े आयोजनों से विदेशों तक बढ़ी सीएम धामी की साख: मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने साल 2022 में दूसरी बार मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी. इसके बाद से ही सीएम धामी अपने कामों और निर्णयों को लेकर अक्सर चर्चाओं में रहे. लेकिन साल 2023 सीएम धामी के लिए इसलिए भी बेहद खास रहा क्योंकि इस प्रदेश में सीएम धामी के नेतृत्व में G 20 की तीन बैठकों का सफल आयोजन, डिजास्टर मैनेजमेंट कांग्रेस और ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट का सफल आयोजन हुआ. जिससे सीएम धामी की साख देश ही नहीं, बल्कि विदेशों में भी बढ़ी है. इसके साथ ही सिलक्यारा टनल हादसे में सफल रेस्क्यू पर पीएम मोदी ने भी सीएम धामी की सराहना की.
कांग्रेस में प्रीतम सिंह का बढ़ा कदः उत्तराखंड में मुख्य विपक्षी दल की भूमिका निभा रही कांग्रेस के नेताओं के लिए भी यह साल बेहद खास रहा. दरअसल, इस साल पांच राज्यों में हुए विधानसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस नेताओं को राज्यों में बड़ी जिम्मेदारी सौंपी गई. जिससे उनका कद राष्ट्रीय स्तर पर बढ़ गया. देहरादून जिले की चकराता विधानसभा सीट से लगातार 6वीं बार चुनाव जीते प्रीतम सिंह के राजनीतिक जीवन के लिए बेहद खास रहा.
विधानसभा चुनाव के दौरान प्रीतम सिंह को कांग्रेस ने छत्तीसगढ़ का सीनियर ऑब्जर्वर बनाया. साथ ही कांग्रेस ने प्रीतम सिंह को केंद्रीय चुनाव समिति में भी जगह दी. इससे प्रीतम सिंह का कद राष्ट्रीय नेताओं के लेवल का हो गया. बता दें कि इससे पहले प्रीतम सिंह उत्तराखंड कांग्रेस के अध्यक्ष भी रह चुके हैं.
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भले साइड लाइन नजर आए हरक सिंह रावत, राजस्थान चुनाव में मिली थी ये जिम्मेदारीः पूर्व कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत को भी इस साल कांग्रेस भूली नहीं. क्योंकि, चुनाव के दौरान कांग्रेस आलाकमान ने राजस्थान विधानसभा चुनाव के लिए हरक सिंह रावत को समन्वयक की जिम्मेदारी सौंपी. बता दें कि कांग्रेस में दोबारा शामिल होने के बाद से ही हरक सिंह रावत, साइड लाइन ही नजर आ रहे थे.
गणेश गोदियाल का भी राष्ट्रीय स्तर पर बढ़ा कदः इसके अलावा उत्तराखंड कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष रह चुके गणेश गोदियाल को भी कांग्रेस पार्टी ने इस साल बड़ी जिम्मेदारी सौंपी. जिसके तहत कांग्रेस पार्टी ने गणेश गोदियाल को कांग्रेस वर्किंग कमेटी (CWC) का विशेष आमंत्रित सदस्य बनाया. जिससे गणेश गोदियाल का राजनीतिक कद राष्ट्रीय स्तर का हो गया. राजस्थान विधानसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस पार्टी ने राजस्थान में कांग्रेस स्क्रीनिंग कमेटी का सदस्य भी बनाया था.
बीजेपी के कई नेताओं को मिली सौगात: साल 2023 बीजेपी के उन तमाम नेताओं के लिए भी बड़ी सौगात लेकर आया, जो लंबे समय से दायित्व बंटवारे की आस लगाए बैठे थे. ऐसे में इस साल बीजेपी के 21 नेताओं को धामी सरकार में कैबिनेट/राज्य मंत्री का दायित्व सौंपा गया. जिसके तहत सितंबर महीने में 10 नेताओं जिनमें सुरेश भट्ट, अनिल डब्बू, नारायण राम टम्टा, ज्योति प्रसाद गैरोला, रमेश गड़िया शामिल रहे.
इसके अलावा मधु भट्ट, मुफ्ती शमून कासमी, बलराज पासी, कैलाश पंत, शिव सिंह बिष्ट को दायित्व से नवाजा गया. इसके बाद दिसंबर महीने में 11 नेताओं चंडी प्रसाद भट्ट, विनोद उनियाल, श्यामवीर सैनी, राजकुमार, दीपक मेहरा, विनय रोहिला, उत्तम दत्ता, दिनेश आर्य, गणेश भंडारी, डॉ. देवेंद्र भसीन और विश्वास डाबर को भी दायित्व सौंपे गये. इस तरह इनके लिए भी साल 2023 यादगार बन गया.