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यह टूरिस्ट डेस्टिनेशन हैं उत्तराखंड में खास, आप भी जाएं..

27 सितंबर को मनाया जाने वाला विश्व पर्यटन दिवस के अवसर पर पर्यटन स्थलों का अगर बात करें तो उत्तराखंड पर्यटकों के लिए एकदम पर्फेक्ट डेस्टिनेशन है. यहां की नैसर्गिक सुंदरता को देख लोग खिंचे चले आते हैं. आइए जाने इस पर्यटन दिवस पर उत्तराखंड के प्राकृतिक सौंदर्य को...

उत्तराखंड आने वाले पर्यटकों की पहली पसंद है कुछ खास जगह.
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Published : Sep 27, 2019, 7:14 AM IST

देहरादून: विश्व पर्यटन दिवस 27 सितंबर को मनाया जाता है. संयुक्त राष्ट्र विश्व पर्यटन संगठन ने1980 में इसकी शुरुआत की थी. यह विशेष दिन इसलिए चुना गया क्योंकि इस दिन 1970 में यूएनडब्ल्यूटीओ का कानून प्रभाव में आया था. इसे विश्व पर्यटन के क्षेत्र में बहुत बड़ा मील का पत्थर माना जाता है.

उत्तराखंड की नैसर्गिक खूबसूरती का दीदार करने हर साल देश ही नहीं विदेशों से भी सैंकड़ों की संख्या में पर्यटक यहां पहुंचते हैं. उत्तर भारत में स्थित यह प्रदेश एक शांत पर्यटन केंद्र है. उत्तराखंड का नाम उन जगहों में शुमार है, जो अपनी सुंदरता के चलते लोगों को अपनी ओर आकर्षित करते हैं. 'देवताओं की भूमि' के रूप में माना जाने वाला उत्तराखंड अपने शांत वातावरण, मनमोहक दृश्यों के चलते धरती का स्वर्ग माना जाता है.

उत्तराखंड आने वाले पर्यटकों की पहली पसंद है कुछ खास जगह.

यह भी पढ़ें: उत्तराखंड में पंचायतों के पास नहीं है अधिकार, पढ़िए ईटीवी भारत की खास रिपोर्ट

कुछ सालों पहले तक चारधाम के साथ ही पर्यटक नैनीताल, मसूरी, टिहरी, अल्मोड़ा, धनोल्टी जैसी जगहों का टूरिस्ट डेस्टिनेशन का रुख किया करते थे. वहीं बीते कुछ सालों से अब पर्यटकों की पसंद बदलने सी लगी है. अब देवभूमि उत्तराखंड का रुख करने वाले पर्यटक यहां के कुछ नए टूरिस्ट डेस्टिनेशंस का रुख करने लगे हैं. उत्तराखंड आने वाले पर्यटकों की बात करें तो मुनस्यारी, लैंसडाउन, चोपता, औली पहली पसंद बनती जा रही है. दरअसल प्रसिद्ध पर्यटक स्थल होने की वजह से नैनीताल, मसूरी, धनोल्टी जैसे पर्यटक स्थलों में साल भर भीड़-भाड़ रहती है. ऐसे में शांति और सुकून की तलाश में अब पर्यटक मुनस्यारी, लैंसडाउन, चोपता, और औली जैसे पर्यटक स्थलों का रूख करना ज्यादा पसंद कर रहे हैं.

यह भी पढ़ें: PM मोदी ने अमेरिकी कंपनियों को भारत में निवेश का न्योता दिया

ईटीवी भारत से बात करते हुए उत्तराखंड पर्यटन विकास परिषद के निदेशक नरेंद्र सिंह बताते हैं, कि राज्य सरकार और पर्यटन विभाग प्रदेश के सभी 13 जनपदों में नए पर्यटक स्थल तलाशने में जुटा हुआ है. यही कारण है कि अब पर्यटक नैनीताल, मसूरी, अल्मोड़ा जैसे पर्यटक स्थलों के साथ ही मुनस्यारी, चौकुड़ी, चोपता जैसे पर्यटक स्थलों का लुफ्त लेना ज्यादा पसंद कर रहे हैं. यहां की बर्फ से ढकी पहाड़िया, खूबसूरत झरने और बुग्याल पर्यटकों को अपनी ओर खूब आकर्षित करते हैं.

उत्तराखंड में विकसित होते नए टूरिस्ट डेस्टिनेशन...

मुनस्यारी: उत्तराखंड के पौड़ी जनपद में स्थित मुनस्यारी एक खूबसूरत पर्वतीय स्थल है, जो एक तरफ तिब्बत सीमा और दूसरी तरह नेपाल सीमा से लगा हुआ है. यहां पहुंच आप हिमालय पर्वत श्रृंखला के विश्व प्रसिद्ध पंचुली पर्वत के दीदार कर सकते हैं. हिंदू मान्यता के अनुसार इस पर्वत को पांडवों के स्वर्गारोहण का प्रतीक माना गया है.

ब्रिथि झरना: मुनस्यारी से 35 किलोमीटर की दूरी पर उत्तराखंड के सबसे ऊंचे झरनों में से एक ब्रिथि फॉल का दीदार होता है. इस झरने की लंबाई 120 मीटर है. झरने के पास बैठकर मन को अद्भुत शांति के साथ ही ताजगी का एहसास होतो है.

यह भी पढ़ें: पौड़ी: शहर में नहीं कूड़ा निस्तारण की व्यवस्था, लोगों को हो रही परेशानी

चोपता: पर्यटकों को अगर भीड़-भाड़ से दूर प्रकृति की गोद में अकेले शांति में समय बिताना हो, तो चोपता आ सकतें हैं. हिमालय पर्वत की तलहटी पर बसे इस छोटे से हिल स्टेशन को छोटा स्विजरलैंड भी कहा जाता है. यहां आकर आप खूबसूरत हरे- बुग्यालों का दीदार करने के साथ ही ट्रैकिंग का लुफ्त भी उठा सकते हैं.

ऑली: अगर पर्यटक स्किंग का शौक रखते हैं, तो औली उनके लिए एक बेहतरीन जगह है. यहां गढ़वाल हिमालय की बर्फ से ढकी खूबसूरत वादियों का दीदार करने के साथ ही ट्रैकिंग पर भी जा सकते हैं.

संयुक्त राष्ट्र विश्व पर्यटन संगठन का लक्ष्य विश्व पर्यटन की महत्वपूर्ण भूमिका के बारे में अंतर्राष्ट्रीय समुदायों के साथ-साथ सामाजिक, आर्थिक, सांस्कृतिक व राजनीतिक मूल्यों को वैश्विक स्तर पर यह कैसे प्रभावित करता है, इसके बारे में लोगों को जागरुक करना है.

देहरादून: विश्व पर्यटन दिवस 27 सितंबर को मनाया जाता है. संयुक्त राष्ट्र विश्व पर्यटन संगठन ने1980 में इसकी शुरुआत की थी. यह विशेष दिन इसलिए चुना गया क्योंकि इस दिन 1970 में यूएनडब्ल्यूटीओ का कानून प्रभाव में आया था. इसे विश्व पर्यटन के क्षेत्र में बहुत बड़ा मील का पत्थर माना जाता है.

उत्तराखंड की नैसर्गिक खूबसूरती का दीदार करने हर साल देश ही नहीं विदेशों से भी सैंकड़ों की संख्या में पर्यटक यहां पहुंचते हैं. उत्तर भारत में स्थित यह प्रदेश एक शांत पर्यटन केंद्र है. उत्तराखंड का नाम उन जगहों में शुमार है, जो अपनी सुंदरता के चलते लोगों को अपनी ओर आकर्षित करते हैं. 'देवताओं की भूमि' के रूप में माना जाने वाला उत्तराखंड अपने शांत वातावरण, मनमोहक दृश्यों के चलते धरती का स्वर्ग माना जाता है.

उत्तराखंड आने वाले पर्यटकों की पहली पसंद है कुछ खास जगह.

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कुछ सालों पहले तक चारधाम के साथ ही पर्यटक नैनीताल, मसूरी, टिहरी, अल्मोड़ा, धनोल्टी जैसी जगहों का टूरिस्ट डेस्टिनेशन का रुख किया करते थे. वहीं बीते कुछ सालों से अब पर्यटकों की पसंद बदलने सी लगी है. अब देवभूमि उत्तराखंड का रुख करने वाले पर्यटक यहां के कुछ नए टूरिस्ट डेस्टिनेशंस का रुख करने लगे हैं. उत्तराखंड आने वाले पर्यटकों की बात करें तो मुनस्यारी, लैंसडाउन, चोपता, औली पहली पसंद बनती जा रही है. दरअसल प्रसिद्ध पर्यटक स्थल होने की वजह से नैनीताल, मसूरी, धनोल्टी जैसे पर्यटक स्थलों में साल भर भीड़-भाड़ रहती है. ऐसे में शांति और सुकून की तलाश में अब पर्यटक मुनस्यारी, लैंसडाउन, चोपता, और औली जैसे पर्यटक स्थलों का रूख करना ज्यादा पसंद कर रहे हैं.

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ईटीवी भारत से बात करते हुए उत्तराखंड पर्यटन विकास परिषद के निदेशक नरेंद्र सिंह बताते हैं, कि राज्य सरकार और पर्यटन विभाग प्रदेश के सभी 13 जनपदों में नए पर्यटक स्थल तलाशने में जुटा हुआ है. यही कारण है कि अब पर्यटक नैनीताल, मसूरी, अल्मोड़ा जैसे पर्यटक स्थलों के साथ ही मुनस्यारी, चौकुड़ी, चोपता जैसे पर्यटक स्थलों का लुफ्त लेना ज्यादा पसंद कर रहे हैं. यहां की बर्फ से ढकी पहाड़िया, खूबसूरत झरने और बुग्याल पर्यटकों को अपनी ओर खूब आकर्षित करते हैं.

उत्तराखंड में विकसित होते नए टूरिस्ट डेस्टिनेशन...

मुनस्यारी: उत्तराखंड के पौड़ी जनपद में स्थित मुनस्यारी एक खूबसूरत पर्वतीय स्थल है, जो एक तरफ तिब्बत सीमा और दूसरी तरह नेपाल सीमा से लगा हुआ है. यहां पहुंच आप हिमालय पर्वत श्रृंखला के विश्व प्रसिद्ध पंचुली पर्वत के दीदार कर सकते हैं. हिंदू मान्यता के अनुसार इस पर्वत को पांडवों के स्वर्गारोहण का प्रतीक माना गया है.

ब्रिथि झरना: मुनस्यारी से 35 किलोमीटर की दूरी पर उत्तराखंड के सबसे ऊंचे झरनों में से एक ब्रिथि फॉल का दीदार होता है. इस झरने की लंबाई 120 मीटर है. झरने के पास बैठकर मन को अद्भुत शांति के साथ ही ताजगी का एहसास होतो है.

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चोपता: पर्यटकों को अगर भीड़-भाड़ से दूर प्रकृति की गोद में अकेले शांति में समय बिताना हो, तो चोपता आ सकतें हैं. हिमालय पर्वत की तलहटी पर बसे इस छोटे से हिल स्टेशन को छोटा स्विजरलैंड भी कहा जाता है. यहां आकर आप खूबसूरत हरे- बुग्यालों का दीदार करने के साथ ही ट्रैकिंग का लुफ्त भी उठा सकते हैं.

ऑली: अगर पर्यटक स्किंग का शौक रखते हैं, तो औली उनके लिए एक बेहतरीन जगह है. यहां गढ़वाल हिमालय की बर्फ से ढकी खूबसूरत वादियों का दीदार करने के साथ ही ट्रैकिंग पर भी जा सकते हैं.

संयुक्त राष्ट्र विश्व पर्यटन संगठन का लक्ष्य विश्व पर्यटन की महत्वपूर्ण भूमिका के बारे में अंतर्राष्ट्रीय समुदायों के साथ-साथ सामाजिक, आर्थिक, सांस्कृतिक व राजनीतिक मूल्यों को वैश्विक स्तर पर यह कैसे प्रभावित करता है, इसके बारे में लोगों को जागरुक करना है.

Intro:Desk plz Note -This is Special story for World Tourism Day. which is on 27th Sep

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देहरादून- उत्तराखंड की नैसर्गिक खूबसूरती का दीदार करने हर साल देश ही नही विदेशों से भी करोड़ों की संख्या में पर्यटक यहां पहुचते हैं । जहां आज से कुछ सालों पहले तक चारधाम के साथ ही पर्यटक नैनीताल मसूरी ,टिहरी, अल्मोड़ा , धनोल्टी जैसे टूरिस्ट डेस्टिनेशन का रुख किया करते थे । वहीं बीते कुछ सालों से अब पर्यटको की पसंद कुछ बदलने लगी है । अब देवभूमि उत्तराखंड का रुख करने वाले पर्यटक यहां के कुछ नए टूरिस्ट डेस्टिनेशंस का रुख करने लगे हैं।

बता दे की बीते कुछ सालों में उत्तराखंड आने वाले पर्यटकों की मुंसियारी, लैंसडाउन , चोपता, औली पहली पसंद बनती जा रही है । दरअसल प्रसिद्ध पर्यटक स्थल होने की वजह से नैनीताल मसूरी ,धनोल्टी जैसे पर्यटक स्थलो में साल भर भीड़-भाड़ रहती है । ऐसे में शांति और सुकून की तलाश में अब पर्यटक मुनस्यारी लैंसडाउन , चोपता, और औली जैसे पर्यटक स्थलों का रूख करना ज्यादा पसंद कर रहे हैं ।








Body:ईटीवी भारत से बात करते हुए उत्तराखंड पर्यटन विकास परिषद के निदेशक नरेंद्र सिंह बताते हैं कि राज्य सरकार और पर्यटन विभाग प्रदेश के सभी 13 जनपदों में नए पर्यटक स्थल तलाशने में जुटा हुआ है। यही कारण है कि अब पर्यटक नैनीताल ,मसूरी, अल्मोड़ा जैसे पर्यटक स्थलों के साथ ही मुनस्यारी , चौकुड़ी, चोपता जैसे पर्यटक स्थलों का भी रुख करने लगे हैं । यहां की बर्फ से ढकी पहाड़िया, खूबसूरत झरने और बुग्याल पर्यटको को अपनी ओर खूब आकर्षित कर रहे हैं ।




Conclusion:उत्तराखंड में विकसित होते नए टूरिस्ट डेस्टिनेशन की जानकारी-

मुनस्यारी- उत्तराखंड के पौड़ी जनपद में स्थित मुनस्यारी एक खूबसूरत पर्वतीय स्थल है जो एक तरफ तिब्बत सीमा और दूसरी तरह नेपाल सीमा से लगा हुआ है। यहां पहुँच आप हिमालय पर्वत श्रृंखला के विश्व प्रसिद्ध पंचचुली पर्वत के दीदार कर सकते हैं । हिंदू मान्यता के अनुसार इस पर्वत को पांडवों के स्वर्गारोहण का प्रतीक माना गया है।

ब्रिथि झरना- मुनस्यारी से 35 किलोमीटर की दूरी पर आप उत्तराखंड के सबसे ऊंचे झरनों में से एक ब्रीथि फॉल का दीदार भी कर सकते हैं। इस झरने की लंबाई 120 मीटर है । झरने के पास बैठकर आपको मन की अद्भुत शांति के साथ ही ताज़गी का एहसास होगा ।

चोपता- अगर आप भीड़भाड़ से दूर प्रकृति की गोद में अकेले शांति में समय बिताना चाहते हैं तो आप चोपता चले आइए। हिमालय पर्वत की तलहटी पर बचे इस छोटे से हिल स्टेशन को छोटा स्विजरलैंड भी कहा जाता है यहां आकर आप खूबसूरत हरे- बुग्यालों का दीदार करने के साथ ही ट्रेकिंग का लुफ्त भी उठा सकते हैं ।

औली- अगर आप स्किंग का शौक रखते हैं तो औली आपके लिए एक बेहतरीन जगह है । यहां आप गढ़वाल हिमालय की बर्फ से ढकी खूबसूरत वादियो का दीदार करने के साथ ही ट्रैकिंग पर भी जा सकते हैं ।


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