देहरादून: प्रदेश में सावन माह के चलते कांवड़ियों की धूम मची हुई है. कई राज्यों से लोग गंगा जल लेने के लिए हरिद्वार पहुंच रहे हैं. श्रद्धालु अपनी मनोकामना लिए महादेव के दर्शन करने शिवालय आते हैं. ऐसा ही एक पौराणिक रुद्रेश्वर महादेव का मंदिर राजधानी देहरादून से 10-12 किलोमीटर की दूर नालापानी रोड पर तपोवन में स्थित है. मान्यता है कि इस मंदिर की स्थापना महाभारत काल में हुई थी.
श्रद्धालुओं की आस्था का केंद्र बने इस पौराणिक शिव मंदिर का इतिहास काफी प्राचीन है. जन मान्यता के अनुसार, इस मंदिर की स्थापना महाभारत काल में हुई थी. मंदिर के महंत 108 प्रभुनन्द गिरी महाराज ने बताया कि शुरुआत में ये एक छोटा मंदिर था. इसी स्थान पर जंगलों के बीच गुरु द्रोणाचार्य ने महादेव शिव की तपस्या की थी, जिसके बाद गुरु द्रोणाचार्य की तपस्या से प्रसन्न होकर महादेव ने दर्शन दिए थे. साथ ही पुत्र प्राप्ति का आशीर्वाद दिया था.
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बता दें कि सूबे की राजधानी देहरादून को द्रोण नगरी भी कहा जाता है. महाभारत काल में कौरव और पांडवों को गुरु द्रोणाचार्य ने इसी स्थान पर बाण शास्त्र की शिक्षा दी थी. आज इस मंदिर का जीर्णोंद्धार हो हो गया है और जिसके बाद ये मंदिर भव्य रूप ले चुका है. साथ ही यहां प्रवेश करते समय सबसे पहले बाएं हाथ मे महादेव की भव्य प्रतिमा के दर्शन होंगे. इसके अलावा गुरु द्रोणाचार्य की प्रतिमा भी स्थापित की गई है. साथ ही यहां कई अन्य तपस्वियों की समाधियों के भी दर्शन किए जा सकते हैं.