देहरादून: उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग की परीक्षा पेपर लीक मामले में आयोग के साथ काम कर रही आउटसोर्सिंग एजेंसी के कर्मचारी का नाम सामने आया है. जिसके बाद आउटसोर्सिंग कंपनी पर क्या कार्रवाई की गई? पेपर लीक वाली परीक्षा में पास हुए अभ्यर्थियों का क्या होगा? साथ ही आयोग की आने वाली परीक्षाओं में क्या तब्दीली की जाएगी? इन सब सवालों को लेकर ईटीवी भारत ने उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग के सचिव संतोष बड़ोनी से खास बातचीत की.
पेपर लीक से जुड़ी आउटसोर्स एजेंसी पर कार्रवाई: उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग द्वारा 4 और 5 दिसंबर को ग्रेजुएट लेवल के 916 पदों के लिए कराई गई परीक्षा के पेपर लीक मामले में UKSSSC के साथ टेक्निकल सपोर्ट के लिए काम करने वाली आउटसोर्सिंग एजेंसी आरएमएस टेक्नोसोल्यूशन इंडिया प्राइवेट लिमिटेड के कंप्यूटर ऑपरेटर जय जीत दास का नाम सामने आया है. इसके बाद आउटसोर्सिंग एजेंसी पर सवाल खड़े होने लाजमी है.
अभी भी यह कंपनी सेवा चयन आयोग के साथ काम कर रही है. ऐसे में हमने जब आयोग से इस कंपनी द्वारा लिए जा रहे काम को लेकर जानकारी ली. आयोग ने बताया जैसे ही इस कंपनी की शिकायत आयोग तक पहुंची. आयोग ने इस कंपनी के तमाम जिम्मेदारियों को बदल दिया है. सभी संवेदनशील जगहों से इस कंपनी की जिम्मेदारी को बदल दिया गया है. अन्य प्रकार के जो कि कम रिस्क वाले काम है वहां पर इस कंपनी से काम लिया जा रहा है. आयोग का कहना है कि इस कंपनी के एक कर्मचारी का नाम जांच में सामने आया है. लिहाजा पूरी कंपनी की भूमिका पर सवाल उठाना जल्दबाजी होगी.
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क्या कैंसिल होगी आयोग की आने वाली परीक्षाएं: उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग में पेपर लीक का मामला सामने आने के बाद पूरे युवा परेशान हैं. उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग में आवेदन करने वाला हर एक अभ्यर्थी इस वक्त UKSSSC से जुड़ी अपडेट को लेकर चिंतित है.
बता दें उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग की आगामी 31 जुलाई को दूरसंचार विभाग के मुख्य आरक्षी 272 पदों के लिए परीक्षा होनी है. इस परीक्षा को लेकर आयोग पूरी तरह से तैयारियों में जुटा हुआ है. वहीं इस परीक्षा के लिए आवेदन कर चुके अभ्यर्थियों के मन में किसी तरह की कोई शंका ना हो, इसके लिए आयोग ने स्पष्ट किया है कि यह परीक्षा अपने तय समय पर और अपने तय कार्यक्रम के अनुसार होगी. इसमें किसी भी तरह की तब्दीली अभी तक फिलहाल नहीं की गई है.
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916 अभ्यर्थियों का भविष्य अधर में, जांच एजेंसी पर टिका भविष्य: उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग द्वारा दिसंबर 2021 में 4 और 5 दिसंबर को आयोजित कराई गई ग्रेजुएट लेवल की परीक्षा में 916 पदों पदों के लिए तकरीबन 1 लाख 90 हजार लोगों ने परीक्षा दी थी. इस परीक्षा का रिजल्ट भी आउट हो गया था. जिसके बाद डॉक्यूमेंटेशन की कार्यवाही चल रही थी. लेकिन इस परीक्षा में पेपर लीक की शिकायत के बाद हुई पुलिस से पता लगा है कि इस परीक्षा में बड़े स्तर पर पेपर लीक किया गया.
जिसके बाद परीक्षा में पास हुए सभी 916 अभ्यर्थियों का भविष्य अधर में लटक गया है. आयोग का इस मामले में कहना है कि जब तक जांच चलेगी, तब तक इस परीक्षा में पास हुए अभ्यर्थियों की आगे की प्रक्रिया को रोक दी गई है. जैसे ही मामला खुल जाएगा, उसके बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी. साफ है इन बच्चों का भविष्य कहीं ना कहीं पुलिस की जांच पर भी निर्भर कर रहा है.
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क्या रद्द होगी पेपर लीक वाली परीक्षा: दिसंबर 2021 के 4 और 5 तारीख को ग्रेजुएट लेवल के 13 अलग-अलग विभागों के तकरीबन 13 अलग-अलग पोस्ट के 916 पदों के लिए परीक्षा में बैठे. 1 लाख 90 हजार अभ्यर्थियों में से सभी 916 कैंडिडेट का भविष्य अभी फिलहाल अधर में लटक रहा है. यह मामला पुलिस जांच के दायरे में है.
बताया जा रहा है कि इसमें से कई सारे ऐसे अभ्यर्थी हैं जो कि 10 से 15 लाख रुपए रिश्वत देने के बाद पेपर के जरिए इस परीक्षा को पास करके आए हैं. ऐसे में पुलिस अपनी जांच कर रही है. आयोग द्वारा भी यह मामला चिन्हिकरण का बताया जा रहा है. लिहाजा इस मामले में परीक्षा रद्द होगी, ऐसा कहना मुश्किल है.
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आयोग के सचिव संतोष बडोनी का कहना है कि यह परीक्षा रद्द की जाती है या नहीं, यह जांच के बाद साफ हो जाएगा. बता दें 4 और 5 दिसंबर 2021 को हुई इस परीक्षा में ग्रेजुएट लेवल के 13 अलग-अलग विभागों के अलग-अलग पदों के लिए परीक्षा करवाई गई थी. जिसमें सहायक समाज कल्याण अधिकारी, सहायक निदेशक उद्योग, सहायक प्रबंधक उद्योग, ग्राम पंचायत विकास अधिकारी, ग्राम विकास अधिकारी सहित इसी तरह के 13 अलग-अलग पदों के लिए परीक्षा करवाई गई थी.
नकलचियों के रिकॉर्ड STF के पास मौजूद: 2021 में सरकारी नौकरियों के लिए उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग द्वारा कराए गए परीक्षा पेपर को लीक कर किये गए घपलेबाजी में एसटीएफ द्वारा पर्दाफाश कर 6 लोगों को जेल भेजने के बाद अब उन लोगों की तलाश की जा रही है, जो इस परीक्षा में नकल करने में शामिल थे. STF ने यह साफ किया है कि उनके पास सभी नकलची लोगों के रिकॉर्ड मौजूद हैं. वह एक मौका उन अभ्यर्थियों को देना चाहते हैं जो नकल कर इस पूरे परीक्षा फर्जीवाड़े का हिस्सा रहे.
अगर वह लोग खुद सामने आकर इस बात को स्वीकार कर ले हैं तो उनको आगे मौका भी दिया जाएगा. अगर वह लोग सामने नहीं आते हैं तो उनके खिलाफ मिले पहचान रिकॉर्ड के अनुसार जल्द ही कानूनी कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी. बताया जा रहा है कि 2021 हुई इस परीक्षा में लगभग 500 अभ्यर्थियों ने पेपर लीक करने वालों का सहारा लेकर एग्जाम दिया.
विवादों से पुराना नाता: वर्ष 2015 से अधीनस्थ सेवा चयन आयोग अस्तित्व में आया था. जिसके बाद वर्तमान तक लगभग सरकारी नौकरियों के लिए 90 परीक्षाएं आयोग ने अभी तक आयोजित की है. लेकिन यह पहला मामला नहीं जब आयोग की भर्ती परीक्षा सवालों के घेरे में हो. वर्ष 2017 में एलटी परीक्षाओं में घपला सामने आने के बाद मुकदमा दर्ज हुआ जिस पर वर्तमान तक जांच जारी है.
वहीं वर्ष 2016 में ग्राम विकास अधिकारी के भर्ती पेपरों में घपलेबाजी पर कोई लोगों पर मुकदमा दर्ज हुआ था और कई लोग जेल भेजे गए थे. वर्ष 2018 में स्नातक परीक्षा भर्ती मामले में भी फर्जीवाड़े और गड़बड़ी मामले में कई गिरफ्तारियां हुईं. साल 2018 में उत्तराखंड यूपीसीएल और स्कूल में हुई टेक्निकल ग्रेड पदों के लिए परीक्षाओं में नकल के मामले में भी आयोग के परीक्षा पेपर पर फर्जीवाड़ा सामने आया था. इस तरह से अधीनस्थ चयन सेवा आयोग अभी तक इस तरह के दो परीक्षाओं को निरस्त कर चुका है जिसमें सहायक लेखाकार और टेक्निकल ग्रेड पद वाले परीक्षा शामिल है.