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पारंपरिक वाद्य यंत्र कलाकारों के लिए जल्द आयोजित होगी प्रतियोगिता, किया जाएगा सम्मानित - उत्तराखंड का पारंपरिक संगीत वाद्ययंत्र

लोक कलाकारों को एक बार फिर अलग पहचान दिलाने के लिए समाजसेवी और पेशे से डॉक्टर देहरादून के जाने-माने वरिष्ठ फिजीशियन डॉ. केपी जोशी आगामी अप्रैल माह में एक विशेष प्रतियोगिता का आयोजन कराने जा रहे हैं. यह प्रतियोगिता पारंपरिक वाद्य यंत्र कलाकारों के लिए होगी.

Dehradun News
पारंपरिक वाद्य यंत्र
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Published : Feb 27, 2021, 1:56 PM IST

देहरादून: कोरोना संक्रमण के खतरे के बीच पिछले साल भारी आर्थिक नुकसान के दौर से गुजर चुके प्रदेश के लोक कलाकारों को एक बार फिर सरकार आर्थिक रूप से मजबूती देने के प्रयासों में जुट चुकी है. जिसके तहत प्रदेश के संस्कृति एवं पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज लोक कलाकारों के लिए ऑनलाइन मंच तैयार करने को लेकर संस्कृति विभाग के महानिदेशक आशीष चौहान को निर्देशित कर चुके हैं. वहीं दूसरी तरफ अब प्रदेश के कुछ समाजसेवी भी आगे आकर अलग- अलग माध्यमों से लोक कलाकारों को प्रोत्साहित करने का प्रयास कर रहे हैं.

पारंपरिक वाद्य यंत्र कलाकारों के लिए जल्द आयोजित होगी प्रतियोगिता.
बता दें कि, लोक कलाकारों को एक बार फिर अलग पहचान दिलाने के लिए समाजसेवी और पेशे से डॉक्टर देहरादून के जाने-माने वरिष्ठ फिजीशियन डॉ. केपी जोशी आगामी अप्रैल माह में एक विशेष प्रतियोगिता का आयोजन कराने जा रहे हैं. यह प्रतियोगिता पारंपरिक वाद्य यंत्र कलाकारों के लिए होगी. इस प्रतियोगिता में प्रथम द्वितीय और तीसरे स्थान में आने वाले पारंपरिक वाद्य यंत्र कलाकार को न सिर्फ प्रोत्साहन राशि सहित सम्मानित किया जाएगा. बल्कि राज्य सरकार और अन्य समाजसेवी संस्थाओं की मदद से इन पारंपरिक वाद्य यंत्र कलाकारों को रोजगार भी दिया जाएगा. समाजसेवी और देहरादून के जाने-माने वरिष्ठ फिजीशियन डॉ. केपी जोशी ने बताया कि पारंपरिक वाद्य यंत्र कलाकारों की यह प्रतियोगिता राज्यस्तरीय होगी. वहीं इसका आयोजन राजधानी देहरादून में किया जाएगा. इस प्रतियोगिता के लिए प्रदेश के सभी 13 जनपदों से 5-5 पारंपरिक वाद्य यंत्र वादकों को चयनित किया जाएगा. प्रतियोगिता में प्रथम द्वितीय और तृतीय स्थान हासिल करने वाले पारंपरिक वाद्य यंत्र वादकों को 51,000 हजार, 21,000 और 11,000 रुपए की धनराशि से सम्मानित किया जाएगा.

पढ़ें: तहसीलदार से मारपीट का मामला, कैबिनेट मंत्री अरविंद पांडे कोर्ट में हुए पेश

गौरतलब है कि, प्रदेश के सांस्कृतिक कलाकार बीते एक साल से भारी आर्थिक नुकसान के दौर से गुजर रहे हैं. स्थिति कुछ यह है कि संस्कृति विभाग की ओर से अब तक प्रदेश के कई लोक कलाकारों के मानदेय और अन्य बिलों का भुगतान नहीं किया गया है. जिसे लेकर संस्कृति एवं पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने गहरी नाराजगी जताई है. साथ ही विभाग को आदेशित किया है कि वह जल्द से जल्द लोक कलाकारों के लंबित चल रहे मानदेय और अन्य बिलों का भुगतान करें.

देहरादून: कोरोना संक्रमण के खतरे के बीच पिछले साल भारी आर्थिक नुकसान के दौर से गुजर चुके प्रदेश के लोक कलाकारों को एक बार फिर सरकार आर्थिक रूप से मजबूती देने के प्रयासों में जुट चुकी है. जिसके तहत प्रदेश के संस्कृति एवं पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज लोक कलाकारों के लिए ऑनलाइन मंच तैयार करने को लेकर संस्कृति विभाग के महानिदेशक आशीष चौहान को निर्देशित कर चुके हैं. वहीं दूसरी तरफ अब प्रदेश के कुछ समाजसेवी भी आगे आकर अलग- अलग माध्यमों से लोक कलाकारों को प्रोत्साहित करने का प्रयास कर रहे हैं.

पारंपरिक वाद्य यंत्र कलाकारों के लिए जल्द आयोजित होगी प्रतियोगिता.
बता दें कि, लोक कलाकारों को एक बार फिर अलग पहचान दिलाने के लिए समाजसेवी और पेशे से डॉक्टर देहरादून के जाने-माने वरिष्ठ फिजीशियन डॉ. केपी जोशी आगामी अप्रैल माह में एक विशेष प्रतियोगिता का आयोजन कराने जा रहे हैं. यह प्रतियोगिता पारंपरिक वाद्य यंत्र कलाकारों के लिए होगी. इस प्रतियोगिता में प्रथम द्वितीय और तीसरे स्थान में आने वाले पारंपरिक वाद्य यंत्र कलाकार को न सिर्फ प्रोत्साहन राशि सहित सम्मानित किया जाएगा. बल्कि राज्य सरकार और अन्य समाजसेवी संस्थाओं की मदद से इन पारंपरिक वाद्य यंत्र कलाकारों को रोजगार भी दिया जाएगा. समाजसेवी और देहरादून के जाने-माने वरिष्ठ फिजीशियन डॉ. केपी जोशी ने बताया कि पारंपरिक वाद्य यंत्र कलाकारों की यह प्रतियोगिता राज्यस्तरीय होगी. वहीं इसका आयोजन राजधानी देहरादून में किया जाएगा. इस प्रतियोगिता के लिए प्रदेश के सभी 13 जनपदों से 5-5 पारंपरिक वाद्य यंत्र वादकों को चयनित किया जाएगा. प्रतियोगिता में प्रथम द्वितीय और तृतीय स्थान हासिल करने वाले पारंपरिक वाद्य यंत्र वादकों को 51,000 हजार, 21,000 और 11,000 रुपए की धनराशि से सम्मानित किया जाएगा.

पढ़ें: तहसीलदार से मारपीट का मामला, कैबिनेट मंत्री अरविंद पांडे कोर्ट में हुए पेश

गौरतलब है कि, प्रदेश के सांस्कृतिक कलाकार बीते एक साल से भारी आर्थिक नुकसान के दौर से गुजर रहे हैं. स्थिति कुछ यह है कि संस्कृति विभाग की ओर से अब तक प्रदेश के कई लोक कलाकारों के मानदेय और अन्य बिलों का भुगतान नहीं किया गया है. जिसे लेकर संस्कृति एवं पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने गहरी नाराजगी जताई है. साथ ही विभाग को आदेशित किया है कि वह जल्द से जल्द लोक कलाकारों के लंबित चल रहे मानदेय और अन्य बिलों का भुगतान करें.

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