देहरादून: मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत की जीरो टॉलरेंस नीति से यूपी निर्माण निगम में हड़कंप मचा हुआ है. सिडकुल में निर्माण कार्य को लेकर एसआईटी जांच में घिरा उत्तर प्रदेश राजकीय निर्माण निगम अब चिकित्सा शिक्षा विभाग में हुए कामों पर मुसीबत में फंस सकता है.
उत्तर प्रदेश राजकीय निर्माण निगम पर प्रदेश की सरकारों और अधिकारियों ने पिछले कई सालों में खास मेहरबानी दिखाई दी है. हालांकि त्रिवेंद्र सिंह रावत ने मुख्यमंत्री बनने के बाद यूपीआरएनएन का निर्माण कार्य में एकाधिकार खत्म किया. जिसके बाद अब मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने यूपी निर्माण निगम के कामों को लेकर स्पेशल ऑडिट करने के आदेश दिए हैं.
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चिकित्सा शिक्षा विभाग में स्पेशल ऑडिट के लिए वित्त विभाग को विभागीय निवेदन का इंतजार है. बता दें कि इससे पहले स्पेशल ऑडिट के आधार पर ही सिडकुल में यूपीआरएनएन के कार्य की एसआईटी जांच कर रही है. हालांकि एसआईटी जांच में अभी रिपोर्ट आना बाकी है.
वहीं चिकित्सा शिक्षाा विभाग में ही यूपी निर्माण निगम के पास करीब 1500 करोड़ का काम है. लेकिन अब त्रिवेंद्र सरकार ने यूपीआरएनएन के कार्यों की गुणवत्ता को लेकर ऑडिट करने की तैयारी कर ली है. बताया जा रहा है कि वित्त विभाग के स्पेशल ऑडिट में यूपी निर्माण निगम के चिकित्सा शिक्षा से जुड़े कार्यों में बड़ी गड़बड़ी सामने आ सकती है. दून मेडिकल कॉलेज में निर्मित ओपीडी की आर्टिफिशियल छत गिरना इसका जीता जागता सबूत है.