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यूपी निर्माण निगम पर लटकी स्पेशल ऑडिट की तलवार, खुल सकते हैं कई राज

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Published : Aug 16, 2019, 3:02 PM IST

Updated : Aug 16, 2019, 3:38 PM IST

उत्तराखंड में लंबे समय से कार्य कर रही उत्तर प्रदेश राजकीय निर्माण निगम के कामों पर मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने सख्ती दिखाई है. अक्सर विवादों में रहने वाले यूपी निर्माण निगम पर अब सरकार ने वित्त विभाग के स्पेशल ऑडिट का आदेश दिया है.

उत्तर प्रदेश राजकीय निर्माण निगम

देहरादून: मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत की जीरो टॉलरेंस नीति से यूपी निर्माण निगम में हड़कंप मचा हुआ है. सिडकुल में निर्माण कार्य को लेकर एसआईटी जांच में घिरा उत्तर प्रदेश राजकीय निर्माण निगम अब चिकित्सा शिक्षा विभाग में हुए कामों पर मुसीबत में फंस सकता है.

उत्तर प्रदेश राजकीय निर्माण निगम

उत्तर प्रदेश राजकीय निर्माण निगम पर प्रदेश की सरकारों और अधिकारियों ने पिछले कई सालों में खास मेहरबानी दिखाई दी है. हालांकि त्रिवेंद्र सिंह रावत ने मुख्यमंत्री बनने के बाद यूपीआरएनएन का निर्माण कार्य में एकाधिकार खत्म किया. जिसके बाद अब मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने यूपी निर्माण निगम के कामों को लेकर स्पेशल ऑडिट करने के आदेश दिए हैं.

पढे़ं- देहरादून शिफ्ट हो सकता है चौबटिया उद्यान निदेशालय, लोगों ने दी आंदोलन की चेतावनी

चिकित्सा शिक्षा विभाग में स्पेशल ऑडिट के लिए वित्त विभाग को विभागीय निवेदन का इंतजार है. बता दें कि इससे पहले स्पेशल ऑडिट के आधार पर ही सिडकुल में यूपीआरएनएन के कार्य की एसआईटी जांच कर रही है. हालांकि एसआईटी जांच में अभी रिपोर्ट आना बाकी है.

वहीं चिकित्सा शिक्षाा विभाग में ही यूपी निर्माण निगम के पास करीब 1500 करोड़ का काम है. लेकिन अब त्रिवेंद्र सरकार ने यूपीआरएनएन के कार्यों की गुणवत्ता को लेकर ऑडिट करने की तैयारी कर ली है. बताया जा रहा है कि वित्त विभाग के स्पेशल ऑडिट में यूपी निर्माण निगम के चिकित्सा शिक्षा से जुड़े कार्यों में बड़ी गड़बड़ी सामने आ सकती है. दून मेडिकल कॉलेज में निर्मित ओपीडी की आर्टिफिशियल छत गिरना इसका जीता जागता सबूत है.

देहरादून: मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत की जीरो टॉलरेंस नीति से यूपी निर्माण निगम में हड़कंप मचा हुआ है. सिडकुल में निर्माण कार्य को लेकर एसआईटी जांच में घिरा उत्तर प्रदेश राजकीय निर्माण निगम अब चिकित्सा शिक्षा विभाग में हुए कामों पर मुसीबत में फंस सकता है.

उत्तर प्रदेश राजकीय निर्माण निगम

उत्तर प्रदेश राजकीय निर्माण निगम पर प्रदेश की सरकारों और अधिकारियों ने पिछले कई सालों में खास मेहरबानी दिखाई दी है. हालांकि त्रिवेंद्र सिंह रावत ने मुख्यमंत्री बनने के बाद यूपीआरएनएन का निर्माण कार्य में एकाधिकार खत्म किया. जिसके बाद अब मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने यूपी निर्माण निगम के कामों को लेकर स्पेशल ऑडिट करने के आदेश दिए हैं.

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चिकित्सा शिक्षा विभाग में स्पेशल ऑडिट के लिए वित्त विभाग को विभागीय निवेदन का इंतजार है. बता दें कि इससे पहले स्पेशल ऑडिट के आधार पर ही सिडकुल में यूपीआरएनएन के कार्य की एसआईटी जांच कर रही है. हालांकि एसआईटी जांच में अभी रिपोर्ट आना बाकी है.

वहीं चिकित्सा शिक्षाा विभाग में ही यूपी निर्माण निगम के पास करीब 1500 करोड़ का काम है. लेकिन अब त्रिवेंद्र सरकार ने यूपीआरएनएन के कार्यों की गुणवत्ता को लेकर ऑडिट करने की तैयारी कर ली है. बताया जा रहा है कि वित्त विभाग के स्पेशल ऑडिट में यूपी निर्माण निगम के चिकित्सा शिक्षा से जुड़े कार्यों में बड़ी गड़बड़ी सामने आ सकती है. दून मेडिकल कॉलेज में निर्मित ओपीडी की आर्टिफिशियल छत गिरना इसका जीता जागता सबूत है.

Intro:स्पेशल रिपोर्ट.....


Summary- मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत की जीरो टॉलरेंस नीति से यूपी निर्माण निगम में हड़कंप मचा है.. सिड़कुल में निर्माण कार्य को लेकर एसआईटी जांच में घिरा उत्तर प्रदेश राजकीय निर्माण निगम अब चिकित्सा शिक्षा विभाग में हुए कामों पर मुसीबत में हैंं। 


निर्माण कार्यों में गड़बड़ी पर मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने नजरें तरेर ली हैं... सरकार की जीरो टॉलरेंस नीति का निशाना सवालों में रहने वाला यूपी निर्माण निगम है.. जो वित्त विभाग के स्पेशल ऑडिट में फंस सकता है। 





Body:उत्तर प्रदेश राजकीय निर्माण निगम पर प्रदेश की सरकारों और अधिकारियों की पिछले सालों में खास मेहरबानी दिखाई दी है। हालांकि त्रिवेंद्र सिंह रावत ने मुख्यमंत्री बनने के बाद यूपीआरएनएन का निर्माण कार्य में एकाधिकार खत्म किया.. लेकिन अब त्रिवेंद्र सरकार की जीरो टॉलरेंस नीति यूपी निर्माण निगम के गले की फांस बन गया है... दरअसल मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने यूपी निर्माण निगम के कामों को लेकर स्पेशल ऑडिट करने के आदेश दिए हैं... जिसके बाद चिकित्सा शिक्षा विभाग में स्पेशल ऑडिट के लिए वित्त विभाग को विभागीय रिक्वेेएस्ट का इंतजार है। आपको बता दें कि इससे पहले स्पेशल ऑडिट के आधार पर ही सिडकुल में करोड़ों के काम की एसआईटी जांच कर रही है।  


बाइट अमित नेगी वित्त सचिव उत्तराखंड


एसआईटी जांच में हालांकि अभी रिपोर्ट आना बाकी है लेकिन जानकारों के अनुसार जांच के पहले चरण में ही सिडकुल में निर्माण कार्यों में भारी अनियमितता की बात सामने आ रही है। उधर चिकित्सा शिक्षाा विभाग में ही यूपी निर्माण निगम करीब 1500 करोड़़ के काम कर रहा है। जबकि यूपी निर्माण निगम के कामों की गुणवत्ता हमेशा से ही सवालों में रही है। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने भी अपनी सरकार आने के बाद यूपी निर्माण निगम को राज्य में नए काम नहीं देने का फैसला किया था ...इसके बाद अब जो काम चल रहे हैं या खत्म कर दिए गए हैं उनकी गुणवत्ता को लेकर ऑडिट करने की तैयारी की जा रही है। खास बात यह भी है कि वित्त विभाग के स्पेशल ऑडिट में यूपी निर्माण निगम के चिकित्सा शिक्षा से जुड़े कामो में बड़ी गड़बड़ी सामने आ सकती है। इसी कड़ी में दून मेडिकल कॉलेज में निर्मित ओपीडी की आर्टिफिशियल छत गिरने की घटना इसका जीता जागता सबूत है। 




Conclusion:यूपी निर्माण निगम को उत्तराखंड में कैसे सैकड़ों करोड़ों के काम मिलते रहे यह अपने आप में जांच का विषय है और एसआईटी इस दिशा में भी सिडकुल को लेकर काम कर रही है।।।। लेकिन चिकित्सा शिक्षा विभाग में स्पेशल ऑडिट यूपी निर्माण निगम के कामों पर एक बड़ा खुलासा कर सकती है... जरूरत है कि जल्द इसका स्पेशल ऑडिट करवाया जाए ताकि गुणवत्ता को लेकर सारे सच सामने आ सके।


पीटीसी नवीन उनियाल देहरादून
Last Updated : Aug 16, 2019, 3:38 PM IST
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