ऋषिकेश: महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास विभाग के द्वारा 'स्पर्श' सेनेटरी नैपकिन योजना के तहत महिलाओं तक सस्ते दामों पर सेनेटरी नैपकिन पहुंचाने का कार्य किया जा रहा है. लेकिन कुछ लोग योजना का नाजायज फायदा उठाकर उसे दुकानों में बेच रहे हैं. ताजा मामला छिद्दरवाला का है. यहां पर ₹6 का नैपकिन ₹20 में एक दुकान पर बिक रहा है. ग्राम प्रधान ने सरकार से इस तरह का कार्य करने वालों पर सख्त कार्रवाई की मांग की है.
बता दें, राज्य सरकार महिलाओं को 'स्पर्श' सेनेटरी नैपकिन योजना के तहत ग्रामीण और शहरी महिलाओं को सस्ते दामों पर सेनेटरी नैपकिन उपलब्ध करा रही है. इसके लिए सरकार स्वयं सहायता समूहों और आंगनबाड़ी केंद्रों का सहारा ले रही है. लेकिन कुछ आंगनबाड़ी के केंद्रों में महिलाओं के लिए पहुंच रहे सेनेटरी नैपकिन जरूरतमंद महिलाओं को न देकर दुकानों में इसको बेचने का कार्य कर रहे हैं.
जानकारी मिली है कि छिद्दरवाला में एक दुकान में सैनेटरी नैपकिन बिकते हुए मिले. दुकान में बिक रहे एक नैपकिन के पैकेट की कीमत ₹20 लिए जा रहे हैं, जबकि एक पैकेट की कीमत मात्र ₹6 है. ग्राम प्रधान ध्यान सिंह असवाल ने बताया कि उन्होंने खुद एक पैकेट ₹20 में खरीदा है. उन्होंने इस पूरे मामले अधिकारियों की मिलीभगत का आरोप लगाया है.
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दुकान की मालिक रजनी रावत का कहना है कि एक आंगनबाड़ी में कार्य करने वाली महिला जिसका नाम पुष्पा है. उसके द्वारा यह सेनेटरी नैपकिन मुझे लाकर दिए गए हैं. उसने एक पैकेट ₹15 का दिया और ₹20 में बेचने के लिए कहा है.
इस मामले में जब सीडीपीओ अंजू डबराल का कहना है कि 'स्पर्श' सेनेटरी नैपकिन योजना की नैपकिन को किसी भी दुकान में नहीं बेचा जा सकता है. साथ ही इस पैकेट का अधिकतम मूल्य ₹6 निर्धारित किया गया है. यह मामला उनके संज्ञान में आया है. इसकी जांच कर कार्रवाई की जाएगी.