देहरादूनः 17 मई को बाबा केदारनाथ धाम के कपाट पूरे विधि-विधान से खोले जाने की तिथि तय कर दी गई है. हालांकि, उससे पहले केदारनाथ धाम के पैदल यात्रा मार्ग से बर्फ हटाए जाने को लेकर प्रमुख सचिव आरके सुधांशु ने एसओपी जारी कर पीडब्लूडी को आदेश जारी किए हैं. जारी किए गए एसओपी के आदेश में कहा गया है कि केदारनाथ धाम के कपाट खुलने से पहले संपूर्ण मार्ग से बर्फ हटाने के लिए मानक प्रचलन प्रक्रिया (एसओपी) के तहत कार्रवाई किए जाएं.
केदारनाथ यात्रा रूट से बर्फ हटाने को लेकर जारी एसओपी
- मार्ग से बर्फ हटाने के लिए सम्बन्धित खण्ड द्वारा बर्फ से अच्छादित मार्ग की लम्बाई, चौड़ाई और बर्फ की ऊंचाई का आंकलन कार्यस्थल के अनुसार प्रशासन के प्रतिनिधियों व निर्माण खण्ड, लोनिवि, गुप्ताकाशी के कनिष्ठ अभियन्ता/सहायक अभियन्ता द्वारा संयुक्त रूप से माप करते हुए आगणन कार्यस्थल के अनुसार गठित किया जायेगा.
- उच्च हिमालय क्षेत्र में कार्य करने वाले श्रमिकों हेतु व्यक्तिगत सुरक्षा उपकरण आगणन में रखा जायेगा.
- बर्फ हटाने के लिए खण्ड द्वारा माह फरवरी के प्रथम/द्वितीय सप्ताह में ऑनलाइन निविदा आमंत्रित की जोयगी.
- निविदा निस्तारण के पश्चात माह मार्च के प्रथम/द्वितीय सप्ताह में मौसम के अनुकूल मार्ग से बर्फ हटाने का कार्य प्रारम्भ कराया जोयगा.
ठेकेदारों द्वारा एसओपी के तहत कराए जाने वाले कार्य - बर्फ की सफाई करते समय 3 से 4 अस्थाई कैम्प श्रमिकों के रुकने की व्यवस्था ठेकेदार को करनी होगी, ताकि एक ही स्थान से श्रमिकों के आने-जाने के समय में कटौती हो सके.
- बर्फ की सफाई करने के लिए आवश्यक टीएण्डपी गैती बेल्या फावड़ा, हैमर, स्नो कटर व अमिकों को उच्च हिमायल क्षेत्र में ठण्ड से बचाने हेतु गर्म इनर कपड़े, दस्ताने, रेन कोट, ट्रॉउजर, जैकिट, गर्म जुराबें, गर्म बूट, चश्मा, हेलमेट, स्लीपिंग बैग, रजाई-गददे व उचित खाने-पीने की व्यवस्था करनी होगी.
- श्रमिकों की स्वास्थ्य सम्बन्धी व्यवस्था ठेकेदार को स्वयं करनी होगी.
- एक बार बर्फ सफाई होने पर पुनः बर्फ पड़ सकती है, जिसको पुनः साफ करना होगा.
- श्रमिकों के साथ पर्याप्त मात्रा में सुपरवाईजर रखने होंगें.