देहरादून: उत्तराखंड शिक्षा विभाग (Uttarakhand education department) में एक अजीब मामला सामने आया है. प्रदेश के सरकारी स्कूलों में छात्र-छात्राओं को प्रधानमंत्री पोषण योजना के तहत मिड-डे मील बनाने के लिए भोजनमाताओं की नियुक्त की गई हैं लेकिन अब शिक्षा विभाग के अधिकारियों के पास शिकायतें आई हैं कि प्रदेश के कई स्कूलों में भोजमाताओं के स्थान पर अन्य लोग स्कूलों में उनके स्थान पर मिड-डे मील बना रहे हैं. वहीं, एक बैठक में स्वयं शिक्षा मंत्री धन सिंह रावत ने अधिकारियों को इस सम्बंध में बताया कि कई स्थानों से ऐसी शिकायतें आ रही हैं कि भोजनमाताओं के स्थान पर अन्य लोग स्कूल में भोजन बना रहे हैं.
बता दें कि प्रधानमंत्री पोषण योजना (Prime Minister's Nutrition Scheme) के तहत छात्र-छात्राओं के भोजन व्यवस्था के लिए छात्रों की संख्या के आधार पर सरकारी विद्यालयों में भोजमाताओं को तैनात किया गया है. शिक्षा विभाग से मिली जानकारी के अनुसार प्रदेश के कई सरकारी स्कूलों में मिड-डे मील बनाने के लिए तैनात भोजनमाताओं के स्थान पर उनके पति या अन्य लोग जाकर भोजन बना रहे हैं.
पढ़ें- चंपावत में CM धामी का मेगा रोड शो, 'मां पूर्णागिरि और शारदा मैया ने मुझे यहां बुलाया'
बताया गया कि कई स्रोतों से यह जानकारी सामने आई है कि जब भोजनमाताएं अपने किसी काम या घर के किसी आवश्यक कार्य में व्यस्त रहती हैं. तब उनके स्थान पर जाकर अन्य लोग छात्र-छात्राओं के लिए भोजन बना रहे हैं. इन शिकायतों के बाद अब शिक्षा विभाग हरकत में आया है. शिक्षा महानिदेशक बंशीधर तिवारी ने निदेशक माध्यमिक और प्रारंभिक शिक्षा को निर्देश दिए हैं कि इस मामले की जांच की जाए.
वहीं, निदेशालय की ओर से सभी जिलों के मुख्य शिक्षा अधिकारियों को भी निर्देशित किया गया है कि अपने अपने जिलों में उन विद्यालयों की जांच की जाए, जहां पर भोजनमाताओं के स्थान पर अन्य लोग मिड-डे मील बना रहे हैं. शिक्षा विभाग के महानिदेशक बंशीधर तिवारी ने इसकी पुष्टि करते हुए कहा कि कई स्रोतों से जानकारी मिली है कि कई स्कूलों में भोजन माताओं की जगह अन्य लोग जाकर मिड-डे मील बना रहे हैं. जिसके लिए निर्देशित किया गया है कि भोजनमाताएं स्वयं विद्यालयों में मिड-डे मील बनाएं.