देहरादून: उत्तराखंड लोग सेवा आयोग (Uttarakhand Public Service Commission) की ओर से उत्तराखंड परिवहन विभाग (Uttarakhand Transport Department) में रीजनल इंस्पेक्टर (Regional Inspector) की 8 पदों पर भर्ती निकाली गई है. कल यानी 27 जून को आवेदन की अंतिम तिथि है. हालांकि, यह भर्ती प्रक्रिया सवालों के घेरे में है. उत्तराखंड के समाज सेवी शत्रुघ्न झा का कहना है कि रीजनल इंस्पेक्टर पोस्ट की भर्ती केंद्र के नियमों के आधार पर रही है. रीजनल इंस्पेक्टर एक टेक्निकल पोस्ट है. ऐसे में उत्तराखंड सरकार ने इस पोस्ट के लिए हैवी व्हीकल का लाइसेंस अनिवार्य नहीं किया है यानी अब लाइट व्हीकल लाइसेंस धारी भी इस पद के लिए आवेदन कर सकता है.
समाज सेवी शत्रुघ्न झा का कहना है कि जिस अधिकारी के पास हैवी व्हीकल का लाइसेंस और हैवी व्हीकल का कोई अनुभव नहीं है, वह अधिकारी हैवी व्हीकल का फिटनेस टेस्ट कैसे करेगा ? ऐसे में उन्होंने सरकार और आयोग से विज्ञप्ति में संशोधन कर दोबारा जारी करने की बात कही है.
दरअसल, उत्तराखंड परिवहन विभाग ने आयोग के माध्यम से संभागीय निरीक्षक प्राविधिक या नहीं रीजनल इंस्पेक्टर टेक्निकल के 8 पदों पर भर्ती निकाली है लेकिन भर्ती प्रक्रिया में इस बार जो अभ्यर्थियों की अहर्ताएं हैं वह काफी बदली हुई हैं. एक तरफ जहां ऑटोमोबाइल इंजीनियरिंग से 3 साल का डिप्लोमा पहले भी जरूरी था. पहले इस पद पर आने वाले अधिकारी के पास हैवी व्हीकल लाइसेंस होना जरूरी था, तो वहीं अब परिवहन विभाग ने नियमों को बदलकर इस पद के लिए हैवी व्हीकल लाइसेंस को हटाकर लाइट व्हीकल लाइसेंस अभ्यर्थी को भर्ती प्रक्रिया में शामिल होने की अनुमति दी है.
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बता दें, विभाग ने केंद्र द्वारा की गई नियमों में शिथिलता को आधार बनाया गया है लेकिन केंद्र द्वारा नियमों में दी गई शीतलता के साथ-साथ राज्यों को पर भी इसका अधिकार छोड़ा गया है कि राज्य अपने हिसाब से नियमों को तय कर सकता है. केंद्र ने केवल न्यूनतम अर्हता को रखा है, तो वहीं इसका सबसे बड़ा उदाहरण उत्तर प्रदेश में है, जहां पर केंद्र के नियमों को स्वीकार नहीं किया गया है, बल्कि उत्तर प्रदेश में अब भी आर आई पोस्ट के लिए अभ्यर्थी के पास हैवी व्हीकल लाइसेंस होना जरूरी है.