ETV Bharat / state

समाज कल्याण विभाग ने मृतकों को ही बांट दी पेंशन, अब लोक लेखा समिति की जांच का इंतजार - social welfare department uttarakhand news

समाज कल्याण विभाग में लापरवाही की इससे बड़ी हद क्या होगी कि प्रदेश में एक विभाग मुर्दों को भी पेंशन देता रहा .कैग की रिपोर्ट में इसका खुलासा हुआ.

समाज कल्याण विभाग उत्तराखंड समाचार, uk social welfare department news
समाज कल्याण विभाग ने मृतकों को ही बांट दी पेंशन .
author img

By

Published : Dec 13, 2019, 4:28 PM IST

देहरादून : समाज कल्याण विभाग में लापरवाही की इससे बड़ी हद क्या होगी कि प्रदेश में एक विभाग मुर्दों को भी पेंशन देता रहा और किसी ने इसपर ध्यान तक नहीं दिया. कैग की रिपोर्ट में सामने आये तथ्यों ने समाज कल्याण विभाग की कलई खोलकर रख दी है. उत्तराखंड में कैग की रिपोर्ट ने समाज कल्याण विभाग के अंदर चल रहे गड़बड़झाले को बेनकाब किया तो हर कोई हैरत में था.

समाज कल्याण विभाग ने मृतकों को ही बांट दी पेंशन .

दरअसल, विभाग कई महीनों तक मुर्दों को भी पेंशन दे रहा था. रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि विभाग के अधिकारी मृतकों को भी पेंशन बांट रहे थे, जिसमे करीब 10 लाख की राजस्व हानि सामने आई है. इसमें पिथौरागढ़, उधम सिंह नगर और चंपावत में 74 लोगों के अकाउंट में मौत के बाद भी पेंशन आती रही. यही नहीं इनके अकाउंट से पेंशन की रकम भी निकाली जाती रही.

यह भी पढ़ें-50 साल बाद कृष्णानगर के रहवासियों को जगी उम्मीद, मिलेंगी सुविधाएं

मामला इतना ही नहीं है, विभाग के द्वारा तय राशि से ज्यादा की रकम भी बांटी जाती रही. रिपोर्ट में कहा गया है कि तय राशि ₹800 महीना के लिहाज से लाभार्थियों को पैसा दिए जाने की बजाए ₹1000 के हिसाब से पेंशन बांटी गई, जिससे राज्य में करीब ₹1700000 का अधिक भुगतान किया गया. रिपोर्ट में ओवरऑल पेंशन योजना के तहत कहा गया कि केंद्र सरकार को भी पेंशनर्स की वास्तविक संख्या से अलग रिपोर्ट भेजी गई जिससे राज्य को लाखों का चूना लगा.





देहरादून : समाज कल्याण विभाग में लापरवाही की इससे बड़ी हद क्या होगी कि प्रदेश में एक विभाग मुर्दों को भी पेंशन देता रहा और किसी ने इसपर ध्यान तक नहीं दिया. कैग की रिपोर्ट में सामने आये तथ्यों ने समाज कल्याण विभाग की कलई खोलकर रख दी है. उत्तराखंड में कैग की रिपोर्ट ने समाज कल्याण विभाग के अंदर चल रहे गड़बड़झाले को बेनकाब किया तो हर कोई हैरत में था.

समाज कल्याण विभाग ने मृतकों को ही बांट दी पेंशन .

दरअसल, विभाग कई महीनों तक मुर्दों को भी पेंशन दे रहा था. रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि विभाग के अधिकारी मृतकों को भी पेंशन बांट रहे थे, जिसमे करीब 10 लाख की राजस्व हानि सामने आई है. इसमें पिथौरागढ़, उधम सिंह नगर और चंपावत में 74 लोगों के अकाउंट में मौत के बाद भी पेंशन आती रही. यही नहीं इनके अकाउंट से पेंशन की रकम भी निकाली जाती रही.

यह भी पढ़ें-50 साल बाद कृष्णानगर के रहवासियों को जगी उम्मीद, मिलेंगी सुविधाएं

मामला इतना ही नहीं है, विभाग के द्वारा तय राशि से ज्यादा की रकम भी बांटी जाती रही. रिपोर्ट में कहा गया है कि तय राशि ₹800 महीना के लिहाज से लाभार्थियों को पैसा दिए जाने की बजाए ₹1000 के हिसाब से पेंशन बांटी गई, जिससे राज्य में करीब ₹1700000 का अधिक भुगतान किया गया. रिपोर्ट में ओवरऑल पेंशन योजना के तहत कहा गया कि केंद्र सरकार को भी पेंशनर्स की वास्तविक संख्या से अलग रिपोर्ट भेजी गई जिससे राज्य को लाखों का चूना लगा.





Intro:ready to air

summary- विभाग में लापरवाही की इससे बड़ी हद क्या होगी कि प्रदेश में एक विभाग मुर्दों को भी पेंशन देता रहा और किसी ने इसपर ध्यान तक नही दिया...कैग की रिपोर्ट में सामने आये तथ्यों ने समाज कल्याण विभाग की कलई खोलकर रख दी है..


Body:उत्तराखंड में कैग की रिपोर्ट ने समाज कल्याण विभाग के अंदर चल रहे गड़बड़झाले को बेनकाब किया तो हर कोई हैरत में था..दरअसल विभाग कई महीनों तक मुर्दों को भी पेंशन दे रहा था...रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि विभाग के अधिकारी मृतकों को भी पेंशन बांट रहे थे...जिसमे करीब 10 लाख की राजस्व हानि सामने आई है..इसमें पिथौरागढ़, ऊधमसिंहनगर और चंपावत में 74 लोगों के अकाउंट में मौत के बाद भी पेंशन आती रही..यही नही इनके अकाउंट से पेंशन की रकम भी निकाली जाती रही.. मामला यहीं तक नहीं था विभाग के द्वारा तय राशि से ज्यादा की रकम भी बांटी जाती रही रिपोर्ट में कहा गया है कि तय राशि ₹800 महीना के लिहाज से लाभार्थियों को पैसा दिए जाने की बजाए ₹1000 के हिसाब से पेंशन बांटी गई... जिससे राज्य में करीब ₹1700000 का अधिक भुगतान किया गया... रिपोर्ट में ओवरऑल पेंशन योजना के तहत कहा गया कि केंद्र सरकार को भी पेंशनर्स की वास्तविक संख्या से अलग रिपोर्ट भेजी गई...जिससे राज्य को लाखों का चूना लगा।

बाईट-उत्पल कुमार, मुख्य सचिव, उत्तराखंड



Conclusion:
ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.