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उत्तराखंड: बर्फ की चादर से ढके चारों धाम, प्रदेश के 11 जिलों की थमी रफ्तार - उत्तराखंड में बारिश

दो दिनों से हो रही लगातार बर्फबारी के बाद उत्तराखंड के लगभग सभी जिले इसकी चपेट में आ गए हैं. वहीं, बर्फबारी के कारण चारधामों ने भी बर्फ की चादर ओढ़ ली है.

snowfall
बर्फ का तांडव
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Published : Jan 8, 2020, 2:41 AM IST

देहरादून: बीते 2 दिनों से उत्तराखंड के पहाड़ी इलाकों में हो रही बारिश और बर्फबारी ने अब हिमालय राज्य की मुसीबतें बढ़ा दी हैं. आलम ये है कि राज्य के 13 में से 11 जिले भयंकर बर्फबारी की चपेट में हैं. उत्तराखंड के उत्तरकाशी से लेकर चमोली, गढ़वाल से लेकर कुमाऊं के लगभग 11 जिले बर्फ के आगोश में है. वहीं, प्रशासन यातायात को सुचारू रूप से बनाए रखने के लिए लगातार बर्फ हटाने का काम कर रहा है.

मौसम विभाग के अनुसार, अगले दो दिनों तक राज्य में मौसम इसी तरह से ही बना रहेगा. उत्तराखंड के प्रसिद्ध चारधाम बर्फ से ढक गए हैं. इतना ही नहीं, जो लोग उत्तराखंड के पहाड़ी इलाकों में बर्फबारी का आनंद लेने आ रहे हैं. अब उनके लिए बर्फबारी मुसीबत का सबब बनती जा रही है.

बर्फ का तांडव

उत्तराखंड के चारों तरफ बिछी सफेद बर्फ की चादर का नजारा काफी मनमोहक लग रहा है. लेकिन पिछले कई सालों के बाद प्रदेश में बीते कुछ दिनों से लगातार हो रही भारी बर्फबारी ने लोगों की मुश्किलें बढ़ा दी हैं. यही नहीं, उत्तराखंड के पहाड़ी क्षेत्रों में लगातार हो रही भारी बर्फबारी के चलते कई रास्ते भी बंद हो गए हैं. इन रास्तों से लगातार क्रेन द्वारा बर्फ को हटाया जा रहा है, जिससे पर्यटकों को कोई दिक्कत न हो. हालांकि, गंगोत्री, यमुनोत्री, केदारनाथ और बदरीनाथ के कपाट अक्टूबर-नवम्बर महीने में बंद हो गए थे, जिसके बाद से ही चारधामों में आलम ये है कि चारों धाम पूरी तरह बर्फ के आगोश में आ गए हैं.

अगर बात करें मौसम विभाग की भविष्यवाणी की तो मौसम विभाग द्वारा जारी अलर्ट सच साबित हुआ है. पिछले कुछ दिनों से प्रदेश के पहाड़ी क्षेत्रों पर न सिर्फ बर्फबारी जारी है, बल्कि मैदानी क्षेत्रों में भी बीते दिनों से बारिश हो रही है. इससे उत्तराखंड कड़ाके की ठंड के चपेट में आ गया है. साथ ही पर्वतीय क्षेत्रों में लगातार हो रही भारी बर्फबारी और मैदानी क्षेत्रों में लगातार हो रही बारिश ने लोगों की मुश्किलें बढ़ा दी हैं, जिससे आम जन-जीवन अस्त-व्यस्त हो गया है.

ये भी पढ़ें: बर्फबारी बनी आफत: थल-मुनस्यारी मोटरमार्ग तीसरे दिन भी बंद, पेयजल और विद्युत आपूर्ति भी ठप

वहीं, मौसम विभाग के अलर्ट के बाद आपदा विभाग समेत प्रशासन अलर्ट नजर आ रहा है. जिस क्षेत्र में अधिक बर्फबारी होने की संभावना है, वहां जेसीबी के साथ ही चूना, नमक आदि की भी व्यवस्था की गई है, जिससे तत्काल जमी बर्फ को पिघलाया जा सके. यही नहीं, अगर बहुत अधिक बर्फबारी होती है और यातायात अवरुद्ध होता है तो उस दौरान सड़कों के किनारे जेसीबी, स्टोन कटर आदि की भी व्यवस्था की गई है.

आपदा विभाग के निदेशक पीयूष रौतेला ने बताया कि इस सीजन बहुत अच्छी बर्फबारी हुई है क्योकि पिछले साल दिसम्बर महीने से ही बर्फबारी होनी शुरू हो गई थी. इससे न सिर्फ स्थानीय फलों का उत्पादन बढ़ेगा, बल्कि उत्तराखंड आने वाले पर्यटकों की संख्या में भीं इजाफा होगा. जिससे स्थानीय लोगों को रोजगार मिलेगा. साथ ही उन्होंने बताया कि प्रदेश में हुई भारी बारिश से कुछ जगहों पर यातायात बाधित हुआ है. लेकिन, वर्तमान समय में थल मुनस्यारी और चोपता, मंडल रोड बर्फबारी के कारण बंद है बाकी प्रदेश में यातायात सुचारु रूप से चल रहा है.

देहरादून: बीते 2 दिनों से उत्तराखंड के पहाड़ी इलाकों में हो रही बारिश और बर्फबारी ने अब हिमालय राज्य की मुसीबतें बढ़ा दी हैं. आलम ये है कि राज्य के 13 में से 11 जिले भयंकर बर्फबारी की चपेट में हैं. उत्तराखंड के उत्तरकाशी से लेकर चमोली, गढ़वाल से लेकर कुमाऊं के लगभग 11 जिले बर्फ के आगोश में है. वहीं, प्रशासन यातायात को सुचारू रूप से बनाए रखने के लिए लगातार बर्फ हटाने का काम कर रहा है.

मौसम विभाग के अनुसार, अगले दो दिनों तक राज्य में मौसम इसी तरह से ही बना रहेगा. उत्तराखंड के प्रसिद्ध चारधाम बर्फ से ढक गए हैं. इतना ही नहीं, जो लोग उत्तराखंड के पहाड़ी इलाकों में बर्फबारी का आनंद लेने आ रहे हैं. अब उनके लिए बर्फबारी मुसीबत का सबब बनती जा रही है.

बर्फ का तांडव

उत्तराखंड के चारों तरफ बिछी सफेद बर्फ की चादर का नजारा काफी मनमोहक लग रहा है. लेकिन पिछले कई सालों के बाद प्रदेश में बीते कुछ दिनों से लगातार हो रही भारी बर्फबारी ने लोगों की मुश्किलें बढ़ा दी हैं. यही नहीं, उत्तराखंड के पहाड़ी क्षेत्रों में लगातार हो रही भारी बर्फबारी के चलते कई रास्ते भी बंद हो गए हैं. इन रास्तों से लगातार क्रेन द्वारा बर्फ को हटाया जा रहा है, जिससे पर्यटकों को कोई दिक्कत न हो. हालांकि, गंगोत्री, यमुनोत्री, केदारनाथ और बदरीनाथ के कपाट अक्टूबर-नवम्बर महीने में बंद हो गए थे, जिसके बाद से ही चारधामों में आलम ये है कि चारों धाम पूरी तरह बर्फ के आगोश में आ गए हैं.

अगर बात करें मौसम विभाग की भविष्यवाणी की तो मौसम विभाग द्वारा जारी अलर्ट सच साबित हुआ है. पिछले कुछ दिनों से प्रदेश के पहाड़ी क्षेत्रों पर न सिर्फ बर्फबारी जारी है, बल्कि मैदानी क्षेत्रों में भी बीते दिनों से बारिश हो रही है. इससे उत्तराखंड कड़ाके की ठंड के चपेट में आ गया है. साथ ही पर्वतीय क्षेत्रों में लगातार हो रही भारी बर्फबारी और मैदानी क्षेत्रों में लगातार हो रही बारिश ने लोगों की मुश्किलें बढ़ा दी हैं, जिससे आम जन-जीवन अस्त-व्यस्त हो गया है.

ये भी पढ़ें: बर्फबारी बनी आफत: थल-मुनस्यारी मोटरमार्ग तीसरे दिन भी बंद, पेयजल और विद्युत आपूर्ति भी ठप

वहीं, मौसम विभाग के अलर्ट के बाद आपदा विभाग समेत प्रशासन अलर्ट नजर आ रहा है. जिस क्षेत्र में अधिक बर्फबारी होने की संभावना है, वहां जेसीबी के साथ ही चूना, नमक आदि की भी व्यवस्था की गई है, जिससे तत्काल जमी बर्फ को पिघलाया जा सके. यही नहीं, अगर बहुत अधिक बर्फबारी होती है और यातायात अवरुद्ध होता है तो उस दौरान सड़कों के किनारे जेसीबी, स्टोन कटर आदि की भी व्यवस्था की गई है.

आपदा विभाग के निदेशक पीयूष रौतेला ने बताया कि इस सीजन बहुत अच्छी बर्फबारी हुई है क्योकि पिछले साल दिसम्बर महीने से ही बर्फबारी होनी शुरू हो गई थी. इससे न सिर्फ स्थानीय फलों का उत्पादन बढ़ेगा, बल्कि उत्तराखंड आने वाले पर्यटकों की संख्या में भीं इजाफा होगा. जिससे स्थानीय लोगों को रोजगार मिलेगा. साथ ही उन्होंने बताया कि प्रदेश में हुई भारी बारिश से कुछ जगहों पर यातायात बाधित हुआ है. लेकिन, वर्तमान समय में थल मुनस्यारी और चोपता, मंडल रोड बर्फबारी के कारण बंद है बाकी प्रदेश में यातायात सुचारु रूप से चल रहा है.

Intro:Ready To Air.......

बीते 2 दिनों से उत्तराखंड के पहाड़ी इलाकों में हो रही बारिश ने अब हिमालय राज्य की मुसीबतें बढ़ा दी है आलम यह है कि राज्य के 13 में से 11 जिले भयंकर बर्फबारी की चपेट में है। उत्तराखंड के उत्तरकाशी से लेकर चमोली,  गढ़वाल से लेकर कुमाऊ के लगभग 11 जिले बर्फ के आगोश में है मौसम विभाग की मानें तो अगले दो दिनों तक राज्य में मौसम इसी तरह से ही बना रहेगा। उत्तराखंड के प्रसिद्ध चारधाम में बैठे देवी-देवताओं ने बर्फ की समाधि से ले है। इतना ही नहीं जो लोग उत्तराखंड के पहाड़ी इलाकों में बर्फबारी का आनंद लेने आ रहे है अब उनके लिए बर्फबारी मुसीबत का सबब बनती जा रही है,


Body:उत्तराखंड के चारो तरफ पड़ी सफ़ेद बर्फ की चादर का नज़ारा काफी मनमोहक तो लग रहा है। लेकिन पिछले कई सालो के बाद, प्रदेश में बीते कुछ दिनों से लगातार हो रही भारी बर्फ़बारी ने लोगों की मुश्किले बढ़ा दी है। यही नहीं उत्तराखंड के पहाड़ी क्षेत्रो में लगातार हो रही भारी बर्फ़बारी के चलते कई रास्ते भी बंद हो गए है तो कई रास्तो से लगातार क्रेन द्वारा बर्फ़ हटाया जा रहा है। ताकि पर्यटकों को कोई दिक्कत न हो। यही नहीं उत्तराखंड चारधाम ने भी बर्फ में समाधी ले ली है। हालांकि गंगोत्री, यमुनोत्री, केदारनाथ और बद्रीनाथ के कपाट अक्टूबर-नवम्बर महीने में बंद हो गए थे। जिसके बाद से ही चारोधामों में आलम यह है कि चारोधाम पूरी तरह बर्फ के आगोश में आ गए है। और कई फिट तक का बर्फ जमा हो गया। जिसके चलते चारधाम का नज़ारा और भी खूबसूरत हो गया है। 

मौसम विभाग द्वारा जारी अलर्ट की भविष्यवाणी सच साबित हुई है। और पिछले कुछ दिनों से प्रदेश के पहाड़ी क्षेत्रो पर न सिर्फ बर्फ़बारी जारी है बल्कि मैदानी क्षेत्रो में भी बीते दिन से बारिश हो रही है। जिससे पूरा उत्तराखंड कड़ाके की ठण्ड के चपेट में आ गया है। यही नहीं पर्वतीय क्षेत्रो में लगातार हो रही भारी बर्फ़बारी और मैदानी क्षेत्रो में लगातार हो रही बारिश ने लोगो की मुश्किलें बढ़ा दी है। जिससे आम जन-जीवन, अस्त-व्यस्त हो गया है। यही नहीं मौसम विभाग के अनुसार पर्वतीय क्षेत्रो में बारिश से मैदानी इलाकों में शीतलहर का प्रकोप भी तेज हो सकता है।

बाइट - विक्रम सिंह, निदेशक, मौसम विज्ञान केंद्र 


तो वही मौसम विभाग के अलर्ट के बाद आपदा विभाग समेत प्रशासन अलर्ट नज़र आ रहा है। और जिस क्षेत्र में अधिक बर्फबारी होने की संभावना है, वहां जेसीबी के साथ ही चुना, नमक आदि की भी व्यवस्था की गई है ताकि तत्काल जमी बर्फ को पिघलाया जा सके। यही नहीं अगर बहुत अधिक बर्फबारी होती है और यातायात अवरुद्ध होता है तो उस दौरान सड़कों के किनारे जेसीबी, स्टोन कटर आदि की भी व्यवस्था की गई है ताकि अगर यातायात अवरुद्ध होता है तो उस दौरान जेसीबी के माध्यम से सड़कों से बर्फ हटाया जा सके, ताकि यातायात को सुचारू रूप से चलाया जा सके। 

वही आपदा विभाग के निदेशक पीयूष रौतेला ने बताया कि इस सीजन बहुत अच्छी बर्फ़बारी हुई है। क्योकि पिछले साल दिसम्बर महीने से ही बर्फबरी होनी शुरू हो गयी है। जिससे न सिर्फ स्थानियो फलो का उत्पादन बढ़ेगा बल्कि उत्तराखंड आने वाले पर्यटकों की संख्या में भीं इजाफा होगा। जिससे स्थानीय लोगो को रोजगार मिलेगा। साथ ही बताया कि प्रदेश में हुई भारी बारिश से कुछ जगहों पर  यातायात बाधित हुई है। लेकिन वर्तमान समय में थल मुनस्यारी और चोपता, मंडल रोड बर्फबारी के कारण बंद है बाकी प्रदेश में यातायात सुचारु रूप से चल रहा है। 

बाइट - पीयूष रौतेला, निदेशक, आपदा विभाग 




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