देहरादून: उत्तराखंड में अब तक सरकारी नौकरियों में भ्रष्टाचार का मुद्दा राजनीति में छाया रहा, लेकिन पिछले 24 घंटे में राज्य की राजनीति पीएम मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट स्मार्ट सिटी पर थम गई है. खास बात यह है कि देहरादून के मेयर ने स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट (Smart city project Dehradhun) में भ्रष्टाचार की आशंका जताकर इस परियोजना को कांग्रेस के लिए बड़ा हथियार बना दिया है और अब सत्ताधारी से लेकर विपक्षी दल तक स्मार्ट सिटी के कामों पर अपना-अपना रुख रख रहे हैं.
उत्तराखंड में साल 2017 से स्मार्ट सिटी के काम को आगे बढ़ाया जा रहा है. खास बात यह है कि सैकड़ों करोड़ रुपए इस प्रोजेक्ट पर अब तक लगाये जा चुके हैं और अब भी इसमें काम जारी है. बड़ी बात यह है कि इस प्रोजेक्ट को भाजपा के ही नेता भ्रष्टाचार और गड़बड़ी के साथ लापरवाही से भी जोड़ते रहे हैं. स्थिति यह है कि सरकार के मंत्रियों से लेकर विधायक भी परियोजना पर सवाल खड़े कर चुके हैं और अब भाजपा के एक मेयर सुनीय उनियाल गामा (sunil uniyal gama on Smart city project) ने इसमें भ्रष्टाचार की आशंका जता दी है.
इस मामले पर होती राजनीति को देखकर कांग्रेस ने फौरन इस मुद्दे को लपक लिया है. अब कांग्रेस के नेता भाजपा की इस योजना को भाजपा की सरकार में ही भाजपा द्वारा ही पलीता लगाने की बात कह रहे हैं. उत्तराखंड में शायद ही कोई ऐसी परियोजना होगी, जिसका इतना विरोध हुआ होगा. बड़ी बात यह है कि यह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का ड्रीम प्रोजेक्ट है. देहरादून में जिस तरह इस प्रोजेक्ट को देहरादून जिले के कई विधायकों द्वारा नकारा जाता रहा है और इसके कामों पर सवाल खड़े किए जाते रहे हैं, उससे साफ है कि इस परियोजना के कामों से भाजपा के विधायक कभी खुश नहीं रहे हैं.
इतना ही नहीं शहरी विकास मंत्री ने भी अधिकारियों को इस पर पूर्व में फटकार लगाई थी. जबकि देहरादून जिले के मेयर सुनील उनियाल अपने कार्यकाल के अंतिम वर्ष में इस परियोजना के कामों पर अधिकारियों को कोसने लगे हैं और इसके भ्रष्टाचार की बात भी कहने लगे हैं. हालांकि भाजपा सरकार की होती फजीहत को लेकर पार्टी के नेता इस पर सरकार का बचाव कर रहे हैं और यदि कोई गड़बड़ी हुई है तो उसका परीक्षण कराए जाने की बात कहकर खुद का पल्ला झाड़ रहे हैं.