ETV Bharat / state

ऋषिकेश: 8 करोड़ की लागत से बनाया जाएगा स्लज बेड, संक्रमण से मिलेगा छुटकारा

एसटीपी से निकलने वाले स्लज से जनता को राहत दिलाने के लिए नमामि गंगे के अफसरों ने करीब 8 करोड़ का स्लज बेड बनाने की तैयारी शुरू कर दी है.

Main News of Rishikesh
एसटीपी से निकलने वाला स्लज
author img

By

Published : Feb 20, 2020, 9:56 PM IST

ऋषिकेश: एसटीपी से निकलने वाले स्लज के संभावित संक्रमण से अब जनता को छुटकारा मिल सकेगा. स्थानीय लोगों की ओर से लगातार व्यक्त की जा रही आपत्ति के बाद नमामि गंगे के अफसरों ने मामले का संज्ञान ले लिया है. नमामि गंगे के परियोजना प्रबंधक संदीप कश्यप ने कहा कि ढालवाला स्थित चोरपानी में पांच एमएलडी का एसटीपी संचालित है.

इसके साथ ही श्यामपुर स्थित लक्कड़घाट में 26 एमएलडी क्षमता वाले एसटीपी का ट्रायल रन किया जा रहा है. दोनों ही प्लांटों से निकलने वाले स्लज को खाद में तब्दील करने के लिए स्लज बेड बनाया जाएगा. जिसके लिए ड्राइंग बनाने के लिए निर्देश जारी कर दिए गए हैं.

8 करोड़ की लागत से बनाया जाएगा स्लज बेड.

गौरतलब है कि पूर्व योजना के तहत एसटीपी से निकलने वाले स्लज को नगर निगम के संभावित ट्रंचिंग ग्राउंड में डंप करने की योजना थी. मौजूदा हालात ये हैं कि नगर निगम ने लालपानी में ट्रंचिंग ग्राउंड के लिए वन विभाग की जमीन तो चयनित कर ली है. लेकिन अभी भी प्रोजेक्ट को मूर्त रूप लेने में वर्षों की अवधि लगने की संभावना है.

उधर, नमामि गंगे के दो एसटीपी संचालित हो चुके हैं. जबकि एक टेस्टिंग मोड में है. लिहाजा वैकल्पिक व्यवस्था न होने के कारण एसटीपी परिसर में ही स्लज डंप किया जा रहा है. एसटीपी के आसपास रहने वाले लोगों ने स्लज से उठने वाली दुर्गंध और संक्रमण के खतरे की संभावना जताते हुए कई बार विरोध प्रदर्शन भी किया. आखिरकार निगम के ट्रंचिंग ग्राउंड की आस छोड़ नमामि गंगे के अफसरों ने खुद ही स्लज प्रबंधन की राह निकालनी शुरू कर दी है.

ये भी पढ़ें: यात्रियों को झटकाः मार्च तक बंद रहेगा देहरादून रेलवे स्टेशन से इन ट्रेनों का संचालन

परियोजना प्रबंधक संदीप कश्यप ने बताया कि चोरपानी और लक्कड़घाट एसटीपी के ठेकेदारों को स्लज बेड की ड्राइंग तैयार कर सौंपेने के निर्देश दिए गए हैं. दोनों एसटीपी के स्लज बेड बनाने में करीब आठ करोड़ का व्यय होगा. उधर, चंद्रेश्वर नगर एसटीपी से निकलने वाले स्लज को लक्कड़घाट एसटीपी परिसर में डंप कर खाद बनाई जाएगी.

ऋषिकेश: एसटीपी से निकलने वाले स्लज के संभावित संक्रमण से अब जनता को छुटकारा मिल सकेगा. स्थानीय लोगों की ओर से लगातार व्यक्त की जा रही आपत्ति के बाद नमामि गंगे के अफसरों ने मामले का संज्ञान ले लिया है. नमामि गंगे के परियोजना प्रबंधक संदीप कश्यप ने कहा कि ढालवाला स्थित चोरपानी में पांच एमएलडी का एसटीपी संचालित है.

इसके साथ ही श्यामपुर स्थित लक्कड़घाट में 26 एमएलडी क्षमता वाले एसटीपी का ट्रायल रन किया जा रहा है. दोनों ही प्लांटों से निकलने वाले स्लज को खाद में तब्दील करने के लिए स्लज बेड बनाया जाएगा. जिसके लिए ड्राइंग बनाने के लिए निर्देश जारी कर दिए गए हैं.

8 करोड़ की लागत से बनाया जाएगा स्लज बेड.

गौरतलब है कि पूर्व योजना के तहत एसटीपी से निकलने वाले स्लज को नगर निगम के संभावित ट्रंचिंग ग्राउंड में डंप करने की योजना थी. मौजूदा हालात ये हैं कि नगर निगम ने लालपानी में ट्रंचिंग ग्राउंड के लिए वन विभाग की जमीन तो चयनित कर ली है. लेकिन अभी भी प्रोजेक्ट को मूर्त रूप लेने में वर्षों की अवधि लगने की संभावना है.

उधर, नमामि गंगे के दो एसटीपी संचालित हो चुके हैं. जबकि एक टेस्टिंग मोड में है. लिहाजा वैकल्पिक व्यवस्था न होने के कारण एसटीपी परिसर में ही स्लज डंप किया जा रहा है. एसटीपी के आसपास रहने वाले लोगों ने स्लज से उठने वाली दुर्गंध और संक्रमण के खतरे की संभावना जताते हुए कई बार विरोध प्रदर्शन भी किया. आखिरकार निगम के ट्रंचिंग ग्राउंड की आस छोड़ नमामि गंगे के अफसरों ने खुद ही स्लज प्रबंधन की राह निकालनी शुरू कर दी है.

ये भी पढ़ें: यात्रियों को झटकाः मार्च तक बंद रहेगा देहरादून रेलवे स्टेशन से इन ट्रेनों का संचालन

परियोजना प्रबंधक संदीप कश्यप ने बताया कि चोरपानी और लक्कड़घाट एसटीपी के ठेकेदारों को स्लज बेड की ड्राइंग तैयार कर सौंपेने के निर्देश दिए गए हैं. दोनों एसटीपी के स्लज बेड बनाने में करीब आठ करोड़ का व्यय होगा. उधर, चंद्रेश्वर नगर एसटीपी से निकलने वाले स्लज को लक्कड़घाट एसटीपी परिसर में डंप कर खाद बनाई जाएगी.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.