देहरादून: राजधानी देहरादून में अक्सर भू-माफिया का बोलबाला रहता है. लंबे समय से भू-माफिया के खिलाफ आ रही शिकायतों पर अब सरकार ने भी सख्त रुख अख्तियार कर लिया है. इसी के मद्देनजर शुक्रवार को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी द्वारा दिए गए कड़े निर्देश के बाद डीआइजी गढ़वाल रेंज स्तर पर एसआईटी टीम का गठन कर दिया गया है. जो इस पूरे जालसाजी के खेल की जांच पड़ताल कर कानूनी कार्रवाई करेगी.
जमीन पर भू-माफिया का कब्जा: राजधानी देहरादून की तमाम सरकारी और गैर-सरकारी बेशकीमती जमीनों में एक दशक से भी अधिक समय से कब्जा कर धोखाधड़ी बदस्तूर जारी हैं. हाल के दिनों में सबसे ज्यादा चर्चा विकास नगर तहसील परगना क्षेत्र पछवादून और ईस्ट होपटाउन के अंतर्गत टौंस नदी के ईर्द-गिर्द सैकड़ों हेक्टेयर की भूमि की रही है. जमीन पर वर्षों से भू-माफिया द्वारा कब्जा कर दिल्ली, पंजाब, हरियाणा व उत्तर प्रदेश के लोगों को फर्जी रजिस्ट्री कर बेचा जा रहा है. जबकि जानकारी के अनुसार इस क्षेत्र के खसरा नंबर- 846, 870, 919, 861 ,862 व 971 खाता खतौनी जमीनों की खरीद-फरोख्त प्रशासन की ओर से बंद है.
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लेकिन इसके बावजूद सरकारी आदेशों की धज्जियां उड़ाते हुए ईस्ट होपटाउन- पछवादून जैसे तमाम अन्य सरकारी व गैर सरकारी जमीनों को धड़ल्ले से कब्जा कर बिना रोक टोक के बेचा जा रहा है. हालांकि वर्षों से चल रहे भू-माफिया के इस गोरखधंधे को देखते हुए एक बार फिर सरकार की नींद टूटी हैं. इसी के मद्देनजर शुक्रवार को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी द्वारा दिए गए कड़े निर्देश के बाद डीआइजी गढ़वाल रेंज स्तर पर एसआईटी टीम का गठन कर दिया गया है. जो इस पूरे जालसाजी के खेल की जांच पड़ताल कर कानूनी कार्रवाई करेगी.
क्या कह रहे स्थानीय लोग: ईटीवी भारत से बातचीत करते हुए स्थानीय ग्रामीण और कुछ जन जनप्रतिनिधियों ने बताया कि लगभग एक दशक से भी अधिक समय से इस क्षेत्र में तमाम सरकारी गैर सरकारी जमीनों को स्थानीय और बाहरी भू-माफिया ने कब्जा किया है. साथ ही फर्जी कागजी कार्रवाई कर बाहरी लोगों को जमीन को बेचा जा रहा है. उन्होंने कहा कि यह पूरा खेल राजस्व विभाग की मिलीभगत से बदस्तूर जारी है.
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स्थानीय सामाजिक कार्यकर्ता सुरेंद्र सिंह नेगी के मुताबिक, कई बार शासन-प्रशासन द्वारा इस पूरे गोरखधंधे पर जांच पड़ताल करने का दावा जरूर किया गया. लेकिन आज तक हर तरह की जांच केवल खानापूर्ति तक समित रही है. हालांकि मुख्यमंत्री के आदेश पर एसआईटी का गठन किया गया है. जिससे कार्रवाई की आस जगी है. उन्होंने कहा कि दुर्भाग्य की बात है कि उत्तराखंड सरकार सचिवालय के चंद किलोमीटर की दूरी पर एक दशक से भी अधिक समय से सरकारी और गैर सरकारी जमीनों को धड़ल्ले से कब्जा कर भू-माफिया द्वारा खुर्दपुर किया जा रहा है.
वहीं दो साल से दिल्ली से यहां स्कूल चला रहे योगेंद्र ममगाई का कहना है कि यहां फर्जी दस्तावेजों के आधार पर भूमि पर कब्जाकर भू-माफिया द्वारा एक ही प्रॉपर्टी को कई लोगों को बेचा जा रहा है. जिस कारण क्षेत्र में आए दिन प्लॉट को लेकर मारपीट होती रहती है.
वहीं इलाके के आरटीआई कार्यकर्ता राजेश कुमार का कहना है कि जो भी भू-माफिया के खिलाफ लामबंद होता है उसे जान से मारने तक की धमकियां मिलती हैं. स्थानीय लोगों में भू-माफिया का खौफ साफ देखा जा सकता है.राजेश कुमार का कहना है कि राजस्व विभाग की मिलीभगत से यह धंधा चल रहा है. शिकायत करने के बाद भी कार्रवाई नहीं होती है. उन्होंने कहा कि एसआईटी की जांच निष्पक्ष व पारदर्शी तरीके से होने पर भू-माफिया पर नकेल कसा जा सकता है.