देहरादून: उत्तराखंड के चर्चित अंकिता हत्याकांड (Famous Ankita murder case) में आरोपियों का नार्को टेस्ट कराने का मामला अब असमंजस की स्थिति में नजर आ रहा है. आरोपियों की असहमति के चलते इस मामले में अभियोजन पक्ष को एक के बाद एक तारीख में मिल रही है. अब इस मामले में अगली तारीख कोर्ट से 10 जनवरी 2023 मुकर्रर की गई है. उधर SIT का कहना है कि कोर्ट के अनुमति बिना आरोपियों का नार्को टेस्ट नहीं किया जा सकता.
इसके बावजूद आरोपियों के खिलाफ कुछ ऐसे साइंटिफिक मजबूत एविडेंस हैं. जिनको अगली सप्लीमेंट्री चार्जशीट (Supplementary charge sheet in Ankita murder case) में दाखिल कर कोर्ट में प्रस्तुत किया जाएगा. जिससे इस गंभीर अपराध ने आरोपियों के खिलाफ अभियोजन पक्ष मजबूती से पैरवी कर कानूनी प्रक्रिया के तहत सख्त से सख्त सजा दिला सके.
साइंटिफिक एविडेंस पर सप्लीमेंट्री चार्जशीट: उत्तराखंड के एडीजी लॉ एंड ऑर्डर वी मुरुगेशन का भी मानना है कि आरोपियों की असहमति और कोर्ट के अनुमति बिना नार्को टेस्ट नहीं किया जा सकता. इसके बावजूद हमारे पास कई ऐसे डिजिटल और साइंटिफिक एविडेंस है, जिनकी जांच चल रही है. ऐसे में इसकी प्रबल संभावना है कि हम दूसरी सप्लीमेंट्री चार्जशीट महत्वपूर्ण एविडेंस के साथ कोर्ट में दाखिल करेंगे. जिससे आरोपियों के खिलाफ मजबूत पैरवी कर उन्हें कानूनी प्रक्रिया के तहत कड़ी से कड़ी सजा दिलाई जा सके.
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वहीं, दूसरी तरफ अंकिता हत्याकांड मामले में एसआईटी की तरफ से निजी अधिवक्ता द्वारा पैरवी करने की अनुमति भी लगभग शासन से सैद्धांतिक रूप से मिल चुकी है. ऐसे में आदेश पारित होते ही कोर्ट ट्रायल शुरू होते ही विशेष निजी अधिवक्ता द्वारा मजबूत पैरवी करने की तैयारी है. एडीजी का मानना है कि अभियोजन पक्ष के सरकारी अधिवक्ता के पास कई अन्य तरह केस होने के कारण ऐसे गंभीर मामलों के लिए समय पर्याप्त नहीं होता, यही कारण है कि अंकिता हत्याकांड मामले में मजबूत पैरवी के लिए निजी अधिवक्ता की व्यवस्था बनाई जा रही है. जिससे इस केस की प्रभावी तरीके से पैरवी करवाई जा सके.