देहरादून: एसआईटी इसी हफ्ते अंकिता भंडारी की हत्या के तीनों आरोपियों के खिलाफ अदालत में चार्जशीट दाखिल करेगी. अंकिता भंडारी हत्याकांड की जांच कर रही एसआईटी की प्रभारी डीआईजी पी रेणुका देवी ने ने कहा कि तीनों आरोपियों पुलकित आर्य, सौरभ और अंकित के खिलाफ चार्जशीट लगभग पूरी कर ली गई है. एसआईटी इसी हफ्ते चार्जशीट अदालत में दाखिल कर देगी.
तीन अलग-अलग जेलों में बंद हैं अंकिता भंडारी के हत्या आरोपी: उत्तराखंड के बहुचर्चित अंकिता भंडारी मर्डर केस में पकड़े गए तीनों आरोपियों को अलग-अलग जेलों में शिफ्ट किया गया है. मुख्य आरोपी पुलकित आर्य पौड़ी जेल में ही रखा गया है. अन्य आरोपी सौरभ को टिहरी जेल में बंद किया गया है. अंकित को देहरादून की जेल में शिफ्ट किया गया है. आपको बता दें 18 सितंबर 2022 को हुई अंकिता की हत्या मामले में पुलिस ने 23 सितंबर को तीन आरोपियों पुलकित आर्य, अंकित के साथ सौरभ को जेल भेजा था. पहले तीनों आरोपी पौड़ी की जेल में ही थे. बाद में तीनों आरोपियों को अलग-अलग जेलों में भेज दिया गया. बताया गया कि सुरक्षा की दृष्टि से ये कदम उठाये गये हैं.
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18 सितंबर की रात नहर में फेंककर की गई थी अंकिता की हत्या: बता दें कि पौड़ी गढ़वाल जिले के यमकेश्वर स्थित गंगा भोगपुर स्थित वनंतरा रिजॉर्ट के मालिक पुलकित आर्य और उसके अन्य दो साथियों पर आरोप है कि उन्होंने रिसेप्शनिस्ट अंकिता भंडारी की 18 सितंबर की रात नहर में फेंककर हत्या कर दी थी. मामला सामने आने के बाद रिजॉर्ट मालिक ने ही राजस्व क्षेत्र में अंकिता भंडारी की गुमशुदगी दर्ज करवाई गई थी. उसके बाद 19 साल की अंकिता का शव बीते 24 सितंबर को ऋषिकेश के नजदीक चीला नहर से बरामद किया गया था.
अंकिता के हत्या आरोपियों पर लग चुका है गैंगस्टर एक्ट: उत्तराखंड के चर्चित अंकिता भंडारी हत्याकांड मामले में जेल में बंद आरोपियों पर पुलिस ने गैंगस्टर अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया हुआ है. पौड़ी की वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक श्वेता चौबे ने कार्यभार संभालते ही एक आदेश जारी कर पौड़ी के पुलिस क्षेत्राधिकारी प्रेम लाल टम्टा और लक्ष्मण झूला के थाना प्रभारी को तत्काल हत्याकांड के आरोपियों पुलकित आर्य, अंकित गुप्ता और सौरभ भास्कर के खिलाफ गैंगस्टर अधिनियम के तहत मामला दर्ज कर कानूनी कार्रवाई करने के निर्देश दिए थे.
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मुकदमे में लगाए गए गंभीर आरोप: आदेश पर कार्रवाई करते हुए आरोपियों के विरुद्ध 2/3 उत्तर प्रदेश गिरोह बंद एवं समाज विरोधी क्रियाकलाप निवारण अधिनियम 1986 के तहत मामला दर्ज किया गया. दर्ज मुकदमे में कहा गया है कि आरोपी गिरोह का सरगना आर्य तथा गिरोह के सदस्य भास्कर एवं गुप्ता रिजॉर्ट तथा उसके आसपास के क्षेत्र में अनैतिक व्यापार जैसे अपराधों में संलिप्त होकर अवैध रूप से धन अर्जित कर समाज विरोधी कार्य करते थे.