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सिडकुल घोटाला: 100 फाइलों की जांच पूरी, 15 नवंबर तक शासन को भेजी जाएगी रिपोर्ट

सिडकुल घोटाले मामले में 100 फाइलों की जांच पूरी कर ली गई है. जिसकी रिपोर्ट शासन को भेजने के लिए तैयारी चल रही है. उसके बाद शासन स्तर पर कि यह निर्णय लिया जाएगा कि किस फाइल के मामले में मुकदमा दर्ज कर आगे की कार्रवाई करनी है, और किस फाइल के विषय में विभागीय कार्रवाई सुनिश्चित करनी है.

SIDCUL scam
सिडकुल घोटाला
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Published : Oct 16, 2020, 10:17 PM IST

Updated : Oct 16, 2020, 10:41 PM IST

देहरादून: उत्तराखंड के चर्चित सिडकुल घोटाले मामले में 100 फाइलों की जांच एसआईटी टीम ने पूरी कर ली है. जांच की अंतिम प्रक्रिया पूरी कर एसआईटी प्रमुख आईजी गढ़वाल रेंज द्वारा आगामी 15 नवंबर को निस्तारण होने वाली इन फाइलों को शासन के समक्ष पेश किया जाएगा. जिसके बाद शासन द्वारा यह तय किया जाएगा कि किन फाइलों पर मुकदमा दर्ज होना है और किन फाइलों पर विभागीय कार्रवाई सुनिश्चित की जानी है. वहीं, इस जांच में एसआईटी ने भारी अनियमितताएं पाई है.

बता दें कि सिडकुल घोटाले से जुड़ी लगभग 325 फाइलों में से 100 फाइलों की जांच एसआईटी टीम ने अलग-अलग तकनीकी विशेषज्ञों के सहयोग से पूरी की है. गढ़वाल आईजी अभिनव कुमार के नेतृत्व में पहले चरण 100 फाइलों में भारी गड़बड़ी पाई है.

जानकारी देते आईजी गढ़वाल अभिनव कुमार.

एसआईटी को जांच में मिली भारी अनियमितताएं

एसआईटी के मुताबिक, इन फाइलों की जांच में पहले सभी तरह के दस्तावेज एकत्र कर आरोपित लोगों के बयान दर्ज किए गए. इसके बाद सिडकुल घोटाले के निर्माण और अन्य तरह की गड़बड़ी को पकड़ने के लिए पहले राजकीय निर्माण तकनीकी विशेषज्ञों निरीक्षण कर जांच में सहयोग लिया गया. वहीं, सिडकुल घोटाले से जुड़ी फाइलों में वित्तीय गड़बड़ी को पकड़ने के लिए ट्रेजरी और आर्थिक विशेषज्ञों भी शामिल हैं.

ये भी पढ़ें: सिडकुल घोटाला: मार्च 2021 तक जांच पूरी करने का लक्ष्य- IG गढ़वाल

जांच में विशेषज्ञों की राय ली गई

एसआईटी ने सिडकुल घोटाले की फाइलों में सभी तरह के तकनीकी जांच पड़ताल कराने के बाद अंत में कानूनी कार्रवाई के लिए भी विशेषज्ञों से सहयोग लिया है. सिडकुल घोटाले के अलग-अलग जिलों से संबंधित फाइलों में वहां के कानूनी विशेषज्ञों और शासकीय अधिवक्ता (DGC) जांच में सहयोग लेकर इस बात की रायशुमारी की है कि घोटाले से जुड़ी फाइलों में किस-किस तरह की आईपीसी की धाराएं लगाकर आगे कानूनी कार्रवाई बढ़ाई जा सकती है.

कार्रवाई पर शासन लेगा अंतिम निर्णय

सिडकुल घोटाले से जुड़ी जांच की 100 फाइलों के विषय में एसआईटी अध्यक्ष आईजी अभिनव कुमार ने बताया कि आगामी 15 नवंबर 2020 तक जांच की सभी औपचारिकताएं पूरी कर शासन को रिपोर्ट भेज दी जाएगी. पिछले तीन से चार महीनों के दरमियान जांच की फाइलों में अलग-अलग किस्म की भारी गड़बड़ी पकड़ी गई है. जिसकी रिपोर्ट शासन को भेजने के लिए तैयारी चल रही है. उसके बाद शासन स्तर पर कि यह निर्णय लिया जाएगा कि किस फाइल के मामले में मुकदमा दर्ज कर आगे की कार्रवाई करनी है, और किस फाइल के विषय में विभागीय कार्रवाई सुनिश्चित करनी है.

क्या है सिडकुल घोटाला

2012 से वर्ष 2017 के बीच सिडकुल द्वारा उत्तराखंड के अलग-अलग जनपदों में निर्माण कार्य कराए गए थे. जिसमें मानकों के विपरीत उत्तर प्रदेश राजकीय निर्माण निगम को ठेके दिए गए थे. इसी निर्माण कार्यों के दौरान ऑडिट कराए जाने पर घोर अनियमितताएं सामने आई थी. सरकारी धन के दुरुपयोग करने से लेकर करोड़ों रुपए का घोटाला सामने आया था. इतना ही नहीं सिडकुल में वेतन निर्धारण और अलग-अलग पदों में भर्ती संबंधी मामले भी कई तरह के अनियमितताएं और घोटाले के रूप में पाया गया.

देहरादून: उत्तराखंड के चर्चित सिडकुल घोटाले मामले में 100 फाइलों की जांच एसआईटी टीम ने पूरी कर ली है. जांच की अंतिम प्रक्रिया पूरी कर एसआईटी प्रमुख आईजी गढ़वाल रेंज द्वारा आगामी 15 नवंबर को निस्तारण होने वाली इन फाइलों को शासन के समक्ष पेश किया जाएगा. जिसके बाद शासन द्वारा यह तय किया जाएगा कि किन फाइलों पर मुकदमा दर्ज होना है और किन फाइलों पर विभागीय कार्रवाई सुनिश्चित की जानी है. वहीं, इस जांच में एसआईटी ने भारी अनियमितताएं पाई है.

बता दें कि सिडकुल घोटाले से जुड़ी लगभग 325 फाइलों में से 100 फाइलों की जांच एसआईटी टीम ने अलग-अलग तकनीकी विशेषज्ञों के सहयोग से पूरी की है. गढ़वाल आईजी अभिनव कुमार के नेतृत्व में पहले चरण 100 फाइलों में भारी गड़बड़ी पाई है.

जानकारी देते आईजी गढ़वाल अभिनव कुमार.

एसआईटी को जांच में मिली भारी अनियमितताएं

एसआईटी के मुताबिक, इन फाइलों की जांच में पहले सभी तरह के दस्तावेज एकत्र कर आरोपित लोगों के बयान दर्ज किए गए. इसके बाद सिडकुल घोटाले के निर्माण और अन्य तरह की गड़बड़ी को पकड़ने के लिए पहले राजकीय निर्माण तकनीकी विशेषज्ञों निरीक्षण कर जांच में सहयोग लिया गया. वहीं, सिडकुल घोटाले से जुड़ी फाइलों में वित्तीय गड़बड़ी को पकड़ने के लिए ट्रेजरी और आर्थिक विशेषज्ञों भी शामिल हैं.

ये भी पढ़ें: सिडकुल घोटाला: मार्च 2021 तक जांच पूरी करने का लक्ष्य- IG गढ़वाल

जांच में विशेषज्ञों की राय ली गई

एसआईटी ने सिडकुल घोटाले की फाइलों में सभी तरह के तकनीकी जांच पड़ताल कराने के बाद अंत में कानूनी कार्रवाई के लिए भी विशेषज्ञों से सहयोग लिया है. सिडकुल घोटाले के अलग-अलग जिलों से संबंधित फाइलों में वहां के कानूनी विशेषज्ञों और शासकीय अधिवक्ता (DGC) जांच में सहयोग लेकर इस बात की रायशुमारी की है कि घोटाले से जुड़ी फाइलों में किस-किस तरह की आईपीसी की धाराएं लगाकर आगे कानूनी कार्रवाई बढ़ाई जा सकती है.

कार्रवाई पर शासन लेगा अंतिम निर्णय

सिडकुल घोटाले से जुड़ी जांच की 100 फाइलों के विषय में एसआईटी अध्यक्ष आईजी अभिनव कुमार ने बताया कि आगामी 15 नवंबर 2020 तक जांच की सभी औपचारिकताएं पूरी कर शासन को रिपोर्ट भेज दी जाएगी. पिछले तीन से चार महीनों के दरमियान जांच की फाइलों में अलग-अलग किस्म की भारी गड़बड़ी पकड़ी गई है. जिसकी रिपोर्ट शासन को भेजने के लिए तैयारी चल रही है. उसके बाद शासन स्तर पर कि यह निर्णय लिया जाएगा कि किस फाइल के मामले में मुकदमा दर्ज कर आगे की कार्रवाई करनी है, और किस फाइल के विषय में विभागीय कार्रवाई सुनिश्चित करनी है.

क्या है सिडकुल घोटाला

2012 से वर्ष 2017 के बीच सिडकुल द्वारा उत्तराखंड के अलग-अलग जनपदों में निर्माण कार्य कराए गए थे. जिसमें मानकों के विपरीत उत्तर प्रदेश राजकीय निर्माण निगम को ठेके दिए गए थे. इसी निर्माण कार्यों के दौरान ऑडिट कराए जाने पर घोर अनियमितताएं सामने आई थी. सरकारी धन के दुरुपयोग करने से लेकर करोड़ों रुपए का घोटाला सामने आया था. इतना ही नहीं सिडकुल में वेतन निर्धारण और अलग-अलग पदों में भर्ती संबंधी मामले भी कई तरह के अनियमितताएं और घोटाले के रूप में पाया गया.

Last Updated : Oct 16, 2020, 10:41 PM IST
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