देहरादून: उत्तराखंड के समाज कल्याण विभाग में अधिकारियों की मिलीभगत से करोड़ों रुपए के छात्रवृत्ति घोटाले में रडार पर आए हरिद्वार और देहरादून के निजी शिक्षण संस्थानों के खिलाफ एसआईटी जांच एकाएक धीमी पड़ती नजर आ रही है. पुलिस मुख्यालय का कहना है कि कांवड़ मेले की व्यवस्थाओं के चलते इसकी जांच में कुछ समय के लिए रुकावट आयी थी, लेकिन अब SIT जांच में तेजी लाई जा रही है.
इससे पहले छात्रवृत्ति घोटाला मामले में हरिद्वार जनपद के 10 निजी कॉलेज संचालकों सहित समाज कल्याण अधिकारी को एसआईटी टीम द्वारा गिरफ्तार कर जेल भेजा जा चुका है. हालांकि, अभी तक देहरादून के आरोपित किसी भी निजी शिक्षण संस्थानों पर कोई प्रभावी कार्रवाई नहीं हो सकी है. एसआईटी का मानना है कि इस घोटाले की सबसे बड़ी बंदरबांट हरिद्वार जनपद के निजी कॉलेजों में की गई है.
इस मामले में पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार ने बताया कि कांवड़ मेले जैसे बड़े आयोजन के चलते कुछ समय के लिए छात्रवृत्ति घोटाले की जांच रुक गई थी, लेकिन अब फिर से एसआईटी हरिद्वार और देहरादून के निजी कॉलेजों के खिलाफ जांच पड़ताल को तेज कर दिया गया है.
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उन्होंने कहा कि घोटाले की जड़ें अत्यधिक गहरी होने के चलते पुख्ता सबूतों को जुटाने में समय लग रहा है, लेकिन सरकारी धन को हड़पने वाले किसी भी शिक्षण संस्थान को बख्शा नहीं जाएगा. बहुत जल्द ही SIT टीम द्वारा देहरादून और खासकर हरिद्वार के घोटालेबाज निजी कॉलेजो पर प्रभावी शिकंजा कसा जाएगा.