देहरादून: आईएसबीटी के पास दौलतराम ट्रस्ट की बहुचर्चित करोड़ों की 700 बीघा बेशकीमती जमीन फर्जीवाड़ा मामले में शासन ने एक बार फिर एसआईटी का गठन किया गया है. देहरादून डीआईजी अरुण मोहन जोशी के नेतृत्व में बनाई गई एसआईटी टीम इस हाई प्रोफाइल नेटवर्क के फर्जीवाड़े की इन्वेस्टिगेशन में लग गई है. ऐसे में एक बार फिर भू-माफिया से लेकर सफेदपोश नेताओं की शह पर खुर्दबुर्द की गई इस बेशकीमती प्रॉपर्टी हड़पने वाले गुनहगारों का पर्दाफाश होने की उम्मीद बढ़ गई है.
जानकारी के मुताबिक इस बेशकीमती प्रॉपर्टी फर्जीवाड़ा मामले में सफेदपोश नेताओं से लेकर कई हाई प्रोफाइल लोग रडार पर हैं. हालांकि इससे पहले भी हाईकोर्ट के निर्देश पर इस हाई प्रोफाइल फर्जीवाड़े की जांच के लिए संजय गुंज्याल के नेतृत्व में एक एसआईटी टीम गठित की गई थी. मगर अभी तक इस मामले में कोई भी ठोस कार्रवाई अंजाम तक नहीं पहुंच सकी. उधर, देहरादून डीआईजी अरुण मोहन जोशी ने भी इस मामले पर साफ तौर से कहा है कि उनकी टीम जल्द ही इस मामले की निष्पक्ष जांच कर दोषियों पर कानूनी शिकंजा कसेगी.
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हाई प्रोफाइल प्रॉपर्टी फर्जीवाड़े में हुई भाई की हुई हत्या
देहरादून के बहुचर्चित दौलतराम ट्रस्ट भूमि फर्जीवाड़े का पर्दाफाश करने वाले नगर निगम के तत्कालीन दिवंगत अधिवक्ता राजेश सूरी की बहन एडवोकेट रीता सूरी का कहना है कि उनके भाई राजेश की हत्या इसी हाई प्रोफाइल प्रॉपर्टी के कारण हुई थी. वह सालों से भाई को इंसाफ दिलाने के लिए लड़ाई लड़ रही है. एडवोकेट रीता सूरी इस बेशकीमती जमीन को खुर्दबुर्द करने के पीछे भू-माफिया के साथ सफेदपोश नेताओं का भी हाथ होने की बात कहती हैं.
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ऐसे में एक बार फिर मौजूदा सरकार द्वारा एसआईटी गठित कर जो जांच पड़ताल देहरादून के तेजतर्रार डीआईजी अरुण मोहन जोशी के नेतृत्व में सौंपी गई है, उससे न्याय की उम्मीद जग गई है.
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बहुचर्चित प्रॉपर्टी मामले में निष्पक्ष जांच
दौलतराम ट्रस्ट की 700 बीघा प्रॉपर्टी फर्जीवाड़ा मामले में देहरादून डीआईजी अरुण मोहन जोशी ने कहा कि उनकी टीम का प्रयास रहेगा कि वे इस मामले में निष्पक्ष जांच करें. साथ ही वे कोशिश करेंगे कि असली गुनहगारों पर जल्द से जल्द कानूनी शिकंजा कस लिया जाए.