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हल्द्वानी के नीलकंठ मल्टीस्पेशलिटी हॉस्पिटल को कारण बताओ नोटिस जारी

हल्द्वानी के नीलकंठ मल्टीस्पेशलिटी हॉस्पिटल को राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण से कारण बताओ नोटिस जारी किया है. अस्पताल पर आरोप है अटल आयुष्मान कार्ड का लाभ न देते हुए मरीज से वसूली की गई.

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देहरादून
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Published : May 27, 2021, 7:33 AM IST

देहरादूनः उत्तराखंड में कोरोना संक्रमण पर स्वास्थ्य विभाग अस्पतालों को गाइडलाइन का पालन और मानवता का पाठ पढ़ा रहा है. दूसरी तरफ कुछ अस्पताल ऐसे हैं कि ऐसे हालातों में भी लोगों की जेब काटने से बाज नहीं आ रहे हैं. ऐसा ही मामला हल्द्वानी में नीलकंठ मल्टीस्पेशलिटी हॉस्पिटल से साममे आया है. जहां मरीजों को योजना का लाभ नहीं देते हुए उनसे जमकर वसूली की गई.

मरीजों से वसूली के खुलासे के बाद नीलकंठ मल्टीस्पेशलिटी हॉस्पिटल राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण के निशाने पर है. प्राधिकरण की तरफ से न केवल इस अस्पताल को कारण बताओ नोटिस देकर 7 दिन में जवाब मांगा गया है, बल्कि अस्पताल से कुल 3 लाख 75 हजार की वसूली करने के आदेश भी जारी किए गए हैं.

किया जा सकता है ब्लैक लिस्ट

दरअसल, अस्पताल की तरफ से अटल आयुष्मान कार्ड धारक मरीज लीलाधर नैनवाल से अवैध रूप से 3 लाख 75 हजार की धनराशि वसूलने का आरोप है. मरीज के पास योजना का कार्ड होने के बावजूद भी उसे कैशलेस सुविधा नहीं दी गई. उससे नगद रुपये वसूले गए. इसकी शिकायत मिलने के बाद राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण ने फौरन अस्पताल को 7 दिनों के अंदर कारण बताओ नोटिस का जवाब देने के लिए कहा है. साथ ही अस्पताल की तरफ से जवाब ना मिलने पर आयुष्मान योजना के अंतर्गत अस्पताल को ब्लैक लिस्ट करने के लिए भी कहा गया है.

ये भी पढ़ेंः कोरोना संकट: दिल्ली के 400 लावारिस शवों की अस्थियां गंगा में विसर्जित

सचिव से पीएमओ को भेजी गई रिपोर्ट

उधर राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण की तरफ से बताया गया कि अस्पताल की तरफ से कोरोना के 275 मरीजों का उपचार किया गया. ऐसे में सचिव स्वास्थ्य, महानिदेशक चिकित्सा स्वास्थ्य, जिलाधिकारी नैनीताल, पीएमओ नैनीताल को भी रिपोर्ट भेजी गई है. इस पर अस्पताल द्वारा किए गए उपचार के संबंध में एक विशेष ऑडिट कराने का विचार करने के लिए भी कहा गया है.

डीके कोटिया का सीधा संवाद

दूसरी तरफ प्राधिकरण के अध्यक्ष डीके कोटिया अस्पतालों से वर्चुअल बातचीत भी कर रहे हैं. इस दौरान योजना का लाभ लाभार्थियों को दिए जाने के संबंध में भी सीधे अस्पतालों से संवाद किया जा रहा है. साथ ही ऐसा नहीं करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की बात भी कही जा रही है. इसी दिशा में श्री महंत इंद्रेश अस्पताल से भी डीके कोटिया ने वर्चुअली बात की.

देहरादूनः उत्तराखंड में कोरोना संक्रमण पर स्वास्थ्य विभाग अस्पतालों को गाइडलाइन का पालन और मानवता का पाठ पढ़ा रहा है. दूसरी तरफ कुछ अस्पताल ऐसे हैं कि ऐसे हालातों में भी लोगों की जेब काटने से बाज नहीं आ रहे हैं. ऐसा ही मामला हल्द्वानी में नीलकंठ मल्टीस्पेशलिटी हॉस्पिटल से साममे आया है. जहां मरीजों को योजना का लाभ नहीं देते हुए उनसे जमकर वसूली की गई.

मरीजों से वसूली के खुलासे के बाद नीलकंठ मल्टीस्पेशलिटी हॉस्पिटल राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण के निशाने पर है. प्राधिकरण की तरफ से न केवल इस अस्पताल को कारण बताओ नोटिस देकर 7 दिन में जवाब मांगा गया है, बल्कि अस्पताल से कुल 3 लाख 75 हजार की वसूली करने के आदेश भी जारी किए गए हैं.

किया जा सकता है ब्लैक लिस्ट

दरअसल, अस्पताल की तरफ से अटल आयुष्मान कार्ड धारक मरीज लीलाधर नैनवाल से अवैध रूप से 3 लाख 75 हजार की धनराशि वसूलने का आरोप है. मरीज के पास योजना का कार्ड होने के बावजूद भी उसे कैशलेस सुविधा नहीं दी गई. उससे नगद रुपये वसूले गए. इसकी शिकायत मिलने के बाद राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण ने फौरन अस्पताल को 7 दिनों के अंदर कारण बताओ नोटिस का जवाब देने के लिए कहा है. साथ ही अस्पताल की तरफ से जवाब ना मिलने पर आयुष्मान योजना के अंतर्गत अस्पताल को ब्लैक लिस्ट करने के लिए भी कहा गया है.

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सचिव से पीएमओ को भेजी गई रिपोर्ट

उधर राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण की तरफ से बताया गया कि अस्पताल की तरफ से कोरोना के 275 मरीजों का उपचार किया गया. ऐसे में सचिव स्वास्थ्य, महानिदेशक चिकित्सा स्वास्थ्य, जिलाधिकारी नैनीताल, पीएमओ नैनीताल को भी रिपोर्ट भेजी गई है. इस पर अस्पताल द्वारा किए गए उपचार के संबंध में एक विशेष ऑडिट कराने का विचार करने के लिए भी कहा गया है.

डीके कोटिया का सीधा संवाद

दूसरी तरफ प्राधिकरण के अध्यक्ष डीके कोटिया अस्पतालों से वर्चुअल बातचीत भी कर रहे हैं. इस दौरान योजना का लाभ लाभार्थियों को दिए जाने के संबंध में भी सीधे अस्पतालों से संवाद किया जा रहा है. साथ ही ऐसा नहीं करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की बात भी कही जा रही है. इसी दिशा में श्री महंत इंद्रेश अस्पताल से भी डीके कोटिया ने वर्चुअली बात की.

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