देहरादून: पूर्व आईएएस अधिकारी शत्रुघ्न सिंह ने बुधवार को मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत के प्रधान सलाहकार का पदभार संभाला है. वहीं शत्रुघ्न सिंह को मुख्यमंत्री का प्रधान सलाहकार बनाने का फैसला राज्य सरकार के लिए मास्टर स्ट्रोक माना जा रहा है. कोरोना से निपटने में नाकाम राज्य सरकार के सामने अपनी छवि को सुधारने की चुनौती है, जिसकी कमान अब शत्रुघ्न सिंह को सौंपी गई है.
कोराना संक्रमण के मामले पर राज्य सरकार की छवि सुधारने की चुनौती
साल 2016 में सेवानिवृत्त हो चुके आईएएस अधिकारी शत्रुघ्न सिंह व्यवहार कुशल और ब्यूरोक्रेसी के मामले में बेहद अनुभवी माने जाते हैं. सरकार को उम्मीद है कि प्रधान सलाहकार के रूप में उनकी कार्यकुशलता का अनुभव राज्य सरकार के लिए फायदेमंद साबित होगा.
उत्तराखंड में लंबा कार्य अनुभव
उत्तराखंड के वरिष्ठ पत्रकार भागीरथ शर्मा ने शत्रुघन सिंह के 15 साल पूराने अनुभव को साझा किया. उन्होंने कहा कि भ्रष्टाचारियों के खिलाफ उनका रवैया बेहद सख्त है. उन्होंने बताया कि वो व्यवहार कुशल और मीडिया फ्रेंडली हैं. उनकी छवि बिल्कुल साफ है. सिस्टम में ब्यूरोक्रेसी से कैसे काम लेना हैं? ये उन्हें अच्छे से आता है. उनके अनुभव की बात करें तो उत्तराखंड में उन्होंने लंबे समय तक सेवाएं दी हैं.
पढ़ें: 'मददगार' राघव जुयाल ने कहा- उत्तराखंड के हालात बेहद खतरनाक, सोनू सूद ने एक कॉल पर दी प्रेरणा
भुवन चंद खंडूड़ी की सलाह आई काम
शत्रुघ्न सिंह को आरएसएस और खंडूड़ी की पसंद कहा जा रहा है. सूत्र बताते हैं कि उनकी केंद्र में राजनाथ सिंह से लेकर संघ के कई बड़े नेताओं से करीबी संबंध हैं. शत्रुघ्न सिंह अयोध्या में राम मंदिर समिति के सदस्य भी हैं. कहा जा रहा है कि मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत को शत्रुघ्न सिंह का सुझाव भुवन चंद खंडूड़ी ने ही दिया है.