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यौन उत्पीड़न केस: विधायक ने दर्ज कराया बयान, महिला का आरोप- मुंह बंद रखने के लिये ऑफर हुए 25 लाख

द्वाराहाट विधायक यौन शोषण व ब्लैकमेल मामले में जांच अधिकारी बदलते ही विधायक पर दबाव पड़ा है. भाजपा विधायक महेश नेगी ने सीओ सदर ऑफिस पहुंचकर अपना बयान दर्ज करवाया है. वहीं महिला ने आरोप लगाया कि विधायक की पत्नी ने मुंह बंद रखने के लिये 25 लाख रुपए का ऑफर दिया था.

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आरोपित महिला ने पुलिस की कार्यप्रणाली पर खड़े किये सवाल.
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Published : Aug 19, 2020, 7:20 PM IST

Updated : Aug 20, 2020, 10:53 AM IST

देहरादून: दुष्कर्म व यौन उत्पीड़न मामले में जांच अधिकारी बदलने के बाद भाजपा विधायक महेश नेगी ने सीओ सदर ऑफिस पहुंचकर अपना बयान दर्ज करवाया है. सीओ सदर अनुज कुमार ने शाम 7:30 बजे से रात 8:35 बजे तक विधायक के बयान दर्ज किए. इससे पहले उनपर आरोप लग रहे थे कि वह पुलिस पूछताछ व बयान देने में स्वास्थ्य का हवाला देकर लेटलतीफी कर रहे हैं. देहरादून डीआईजी ने इस पूरे प्रकरण की जांच के लिए नेहरू कॉलोनी सीओ पल्लवी त्यागी की जगह अब सीओ सदर ऑफिसर अनुज कुमार को सौंपते हुए बिना किसी दबाव के निष्पक्ष जांच करने के कड़े आदेश दिए हैं.

वहीं, भाजपा विधायक महेश नेगी पर दुष्कर्म व यौन उत्पीड़न का आरोप लगाकर ब्लैकमेल करने के मामले में फंसी महिला ने एक और गंभीर आरोप लगाया है. महिला का कहना है कि विधायक की पत्नी ने उसे मुंह बंद करने के लिए पहले 5 फिर 25 लाख रुपये तक ऑफर किये थे, लेकिन उसने इस ऑफर को ठुकराते हुए विधायक के कारनामों को उजागर करते हुये न्याय दिलाने की मांग की.

आरोपित महिला ने पुलिस की कार्यप्रणाली पर खड़े किये सवाल.

बता दें ब्लैकमेलिंग केस में बुधवार को आरोपित महिला और उसकी भाभी से नेहरू कॉलोनी पुलिस ने घंटों चौकी में बैठाकर मामले से जुड़ी पूछताछ की. इससे पहले विधायक और उनके बेटे से भी पुलिस पूछताछ कर चुकी हैं. अब पुलिस 160 के तहत विधायक के बयान दर्ज करने की तैयारी कर रही है.

पढ़ें-यौन शोषण केस: ईटीवी भारत से बोले बीजेपी MLA महेश नेगी- जल्द करेंगे बड़ा खुलासा

न्याय के लिए हाईकोर्ट की शरण में जाउंगी: आरोपित महिला

वहीं, नेहरू कॉलोनी चौकी में दो बार आकर बयान देने वाली आरोपित महिला ने बुधवार को मीडिया से खुलकर बात की. जिसमें महिला ने कहा कि पुलिस ने विधायक की पत्नी द्वारा दी गई तहरीर पर उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज कर दिया है. मगर, उनके द्वारा दी गई तहरीर पर पुलिस विधायक के खिलाफ मुकदमा क्यों दर्ज नहीं कर रही है. उन्होंने कहा साफ तौर पर नजर आ रहा है कि पुलिस राजनीतिक दबाव में है. महिला ने कहा कि पुलिस से सहयोग न मिलने के कारण अब वह न्याय के लिए हाईकोर्ट की शरण में जा रही है.

पढ़ें- BJP MLA यौन शोषण मामला: पेचीदा हुआ केस, अब विधायक की पत्नी ने उठाया ये कदम

विधायक ने आत्महत्या करने की दी धमकी: आरोपित महिला
विधायक को ब्लैकमेल करने के आरोप में फंसी महिला ने साफ तौर पर कहा कि 5 अगस्त 2020 को उसकी बातचीत विधायक महेश नेगी से हुई थी, जिसमें उसने विधायक से कहा था कि उसकी 3 महीने की बच्ची को पिता का नाम नहीं मिल रहा है, जिसके चलते उसे कई तरह की परेशानियां उठानी पड़ रही हैं. ऐसे में विधायक बच्ची को पिता का नाम दें. आरोपित महिला का कहना है विधायक ने सीधे तौर पर कहा इस प्रकरण से उसको आगामी विधानसभा चुनाव में नुकसान होगा. अगर इसके बाद भी अगर वह अपनी जिद पर अड़ी रही तो वह आत्महत्या कर लेंगे.

पढ़ें- विधायक की पत्नी ने दर्ज कराया ब्लैकमेलिंग का मुकदमा, लगाए गंभीर आरोप

जिला पंचायत अध्यक्ष कर रहीं हैं मदद : आरोपित महिला
विधायक मामले में आरोपी महिला ने यह भी साफ किया कि उसे कोई विपक्ष की पार्टी से राजनीतिक मदद नहीं मिल रही है. उन्होंने अल्मोड़ा जिला पंचायत अध्यक्ष से जरूर मदद मांगी थी. ऐसे में उसकी पीड़ा को देखते हुए पंचायत अध्यक्ष इस केस में उसकी मदद कर रहे हैं.

पढ़ें- फीस माफी को लेकर गढ़वाल विवि में ABVP का विरोध प्रदर्शन, आंदोलन की चेतावनी

जांच में सहयोग न करने वाला होगा गिरफ्तार: डीआईजी

देहरादून डीआईजी ने साफ कहा कि मामला बेहद गंभीर है, ऐसे में दोनों पक्षों की ओर से जिसके भी सबूत व साक्ष्य सत्य पाए जाएंगे, उसी के आधार पर चार्जशीट तैयार की जाएगी. पहले ही एक मुकदमा दर्ज किया जा चुका है. इसी के चलते एक ही दर्ज मुकदमे की जांच में दोनों पक्षों के प्रार्थना पत्र शामिल किये गए हैं. मामले की गंभीरता को देखते हुए जांच अधिकारी को बदल कर आगे की जांच सीओ सदर को ट्रांसफर की गई है.

डीआईजी ने साफ तौर पर कहा कि इस पूरे प्रकरण में पुलिस निष्पक्ष जांच कर रही है. उन्होंने कहा अगर कोई जांच में सहयोग नहीं करता है तो उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी.

देहरादून: दुष्कर्म व यौन उत्पीड़न मामले में जांच अधिकारी बदलने के बाद भाजपा विधायक महेश नेगी ने सीओ सदर ऑफिस पहुंचकर अपना बयान दर्ज करवाया है. सीओ सदर अनुज कुमार ने शाम 7:30 बजे से रात 8:35 बजे तक विधायक के बयान दर्ज किए. इससे पहले उनपर आरोप लग रहे थे कि वह पुलिस पूछताछ व बयान देने में स्वास्थ्य का हवाला देकर लेटलतीफी कर रहे हैं. देहरादून डीआईजी ने इस पूरे प्रकरण की जांच के लिए नेहरू कॉलोनी सीओ पल्लवी त्यागी की जगह अब सीओ सदर ऑफिसर अनुज कुमार को सौंपते हुए बिना किसी दबाव के निष्पक्ष जांच करने के कड़े आदेश दिए हैं.

वहीं, भाजपा विधायक महेश नेगी पर दुष्कर्म व यौन उत्पीड़न का आरोप लगाकर ब्लैकमेल करने के मामले में फंसी महिला ने एक और गंभीर आरोप लगाया है. महिला का कहना है कि विधायक की पत्नी ने उसे मुंह बंद करने के लिए पहले 5 फिर 25 लाख रुपये तक ऑफर किये थे, लेकिन उसने इस ऑफर को ठुकराते हुए विधायक के कारनामों को उजागर करते हुये न्याय दिलाने की मांग की.

आरोपित महिला ने पुलिस की कार्यप्रणाली पर खड़े किये सवाल.

बता दें ब्लैकमेलिंग केस में बुधवार को आरोपित महिला और उसकी भाभी से नेहरू कॉलोनी पुलिस ने घंटों चौकी में बैठाकर मामले से जुड़ी पूछताछ की. इससे पहले विधायक और उनके बेटे से भी पुलिस पूछताछ कर चुकी हैं. अब पुलिस 160 के तहत विधायक के बयान दर्ज करने की तैयारी कर रही है.

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न्याय के लिए हाईकोर्ट की शरण में जाउंगी: आरोपित महिला

वहीं, नेहरू कॉलोनी चौकी में दो बार आकर बयान देने वाली आरोपित महिला ने बुधवार को मीडिया से खुलकर बात की. जिसमें महिला ने कहा कि पुलिस ने विधायक की पत्नी द्वारा दी गई तहरीर पर उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज कर दिया है. मगर, उनके द्वारा दी गई तहरीर पर पुलिस विधायक के खिलाफ मुकदमा क्यों दर्ज नहीं कर रही है. उन्होंने कहा साफ तौर पर नजर आ रहा है कि पुलिस राजनीतिक दबाव में है. महिला ने कहा कि पुलिस से सहयोग न मिलने के कारण अब वह न्याय के लिए हाईकोर्ट की शरण में जा रही है.

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विधायक ने आत्महत्या करने की दी धमकी: आरोपित महिला
विधायक को ब्लैकमेल करने के आरोप में फंसी महिला ने साफ तौर पर कहा कि 5 अगस्त 2020 को उसकी बातचीत विधायक महेश नेगी से हुई थी, जिसमें उसने विधायक से कहा था कि उसकी 3 महीने की बच्ची को पिता का नाम नहीं मिल रहा है, जिसके चलते उसे कई तरह की परेशानियां उठानी पड़ रही हैं. ऐसे में विधायक बच्ची को पिता का नाम दें. आरोपित महिला का कहना है विधायक ने सीधे तौर पर कहा इस प्रकरण से उसको आगामी विधानसभा चुनाव में नुकसान होगा. अगर इसके बाद भी अगर वह अपनी जिद पर अड़ी रही तो वह आत्महत्या कर लेंगे.

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जिला पंचायत अध्यक्ष कर रहीं हैं मदद : आरोपित महिला
विधायक मामले में आरोपी महिला ने यह भी साफ किया कि उसे कोई विपक्ष की पार्टी से राजनीतिक मदद नहीं मिल रही है. उन्होंने अल्मोड़ा जिला पंचायत अध्यक्ष से जरूर मदद मांगी थी. ऐसे में उसकी पीड़ा को देखते हुए पंचायत अध्यक्ष इस केस में उसकी मदद कर रहे हैं.

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जांच में सहयोग न करने वाला होगा गिरफ्तार: डीआईजी

देहरादून डीआईजी ने साफ कहा कि मामला बेहद गंभीर है, ऐसे में दोनों पक्षों की ओर से जिसके भी सबूत व साक्ष्य सत्य पाए जाएंगे, उसी के आधार पर चार्जशीट तैयार की जाएगी. पहले ही एक मुकदमा दर्ज किया जा चुका है. इसी के चलते एक ही दर्ज मुकदमे की जांच में दोनों पक्षों के प्रार्थना पत्र शामिल किये गए हैं. मामले की गंभीरता को देखते हुए जांच अधिकारी को बदल कर आगे की जांच सीओ सदर को ट्रांसफर की गई है.

डीआईजी ने साफ तौर पर कहा कि इस पूरे प्रकरण में पुलिस निष्पक्ष जांच कर रही है. उन्होंने कहा अगर कोई जांच में सहयोग नहीं करता है तो उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी.

Last Updated : Aug 20, 2020, 10:53 AM IST
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