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'हाथ जोड़ो' अभियान से पहले ही 'हाथ' में दरार! बैठक से दिग्गजों ने बनाई दूरी

देहरादून में आयोजित कांग्रेस बैठक से प्रदेश प्रभारी देवेंद्र यादव और चकराता विधायक प्रीतम सिंह गायब दिखे. वहीं, पूर्व सीएम हरीश रावत भी बैठक की शुरुआत में भारत जोड़ो यात्रा के लिए निकल गए. जिसको लेकर करण माहरा ने कहा सभी को एक कमरे में बंद नहीं किया जा सकता.

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बैठक से दिग्गजों ने बनाई दूरी
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Published : Dec 18, 2022, 8:16 PM IST

Updated : Dec 18, 2022, 9:00 PM IST

बैठक से दिग्गजों ने बनाई दूरी

देहरादून: उत्तराखंड में कांग्रेस नेता चाहे कितना भी दावा कर लें कि पार्टी के भीतर सबकुछ ऑल इज वेल है. लेकिन उनकी यात्रा हो या रैली, फिर चाहे पार्टी की बैठक. हर जगह कांग्रेस में दो फाड़ नजर आने लगता है. कभी भी एक मंच पर कांग्रेस के दिग्गज नेता और विधायक एक साथ नजर नहीं आते हैं. एक ऐसा ही वाकया आज फिर से देहरादून कांग्रेस मुख्यालय में हाथ से हाथ जोड़ो अभियान को लेकर आयोजित बैठक में देखने को मिला. जहां पूर्व सीएम हरीश रावत अपनी उपस्थिति दिखाकर वहां से निकल गए. जबकि पूर्व प्रदेश अध्यक्ष और चकराता विधायक बैठक में शामिल नहीं हुए.

कांग्रेस की बैठक से दिग्गज नदारद: बता दें कि भारत जोड़ो यात्रा के बाद अब कांग्रेस देशभर में 26 जनवरी से हाथ से हाथ जोड़ो अभियान चलाने जा रही है. जिसको लेकर देहरादून में पार्टी मुख्यालय में कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा ने वरिष्ठ नेताओं, विधायक और पदाधिकारियों के साथ बैठक बुलाई थी, लेकिन बैठक में पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत कुछ देर के लिए पहुंचे, उसके बाद बैठक छोड़कर भारत जोड़ो यात्रा के लिए निकल पड़े. वहीं, बैठक में पूर्व कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष और चकराता विधायक प्रीतम सिंह की गैरमौजूदगी देखने को मिली. इस बैठक में कांग्रेस प्रदेश प्रभारी देवेंद्र यादव को भी शामिल होना था, लेकिन वो भी गायब रहे.

करण माहरा ने दी सफाई: वहीं, जब इस बारे में करण माहरा से पूछा गया तो उन्होंने कहा कुछ लोगों का कहना है कि प्रदेश प्रभारी देवेंद्र यादव आते नहीं हैं, लेकिन पिछले 7 महीनों में प्रभारी 5 बार उत्तराखंड दौरे पर आ चुके हैं. यह जरूरी नहीं है कि हर कोई फिजिकली प्रेजेंट हो, क्योंकि उसकी उपस्थिति फोन और चिट्ठी के माध्यम से भी होती है. ऐसे में यदि कांग्रेस का संगठन कार्य नहीं कर रहा है तो तब उंगली उठनी चाहिए.

करण माहरा ने कहा राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा के इस चरण में काजी निजामुद्दीन और कांग्रेस प्रदेश प्रभारी देवेंद्र यादव का रहना जरूरी था, इसके अलावा 23 तारीख को दिल्ली में एक महत्वपूर्ण बैठक होने जा रही है. उसकी भी जिम्मेदारी देवेंद्र यादव को सौंपी गई है. जिसके चलते वह हाथ से हाथ जोड़ो अभियान को लेकर आयोजित की गई इस बैठक में नहीं पहुंच सके.
ये भी पढ़ें: 26 जनवरी से कांग्रेस का हाथ से हाथ जोड़ो अभियान, पार्टी मुख्यालय में हुई अहम बैठक

सबको एक कमरे में बंद नहीं किया जा सकता: वहीं, माहरा ने बैठक में कई विधायकों और वरिष्ठ नेताओं की गैरमौजूदगी पर कहा कि सबको एक कमरे में बंद नहीं रखा जा सकता है. यह प्रश्न तो सत्ता पक्ष से पूछना चाहिए जिनके दो पूर्व मुख्यमंत्री वर्तमान मुख्यमंत्री पर आरोप लगा रहे हैं कि इनके शासनकाल में भ्रष्टाचार और घूसखोरी बढ़ गई है. जबकि वर्तमान मुख्यमंत्री का कहना है कि जब मछली मुंह खोलती है तो पकड़ी जाती है. ऐसे में यह प्रश्न विपक्षी से नहीं, बल्कि बीजेपी से करना चाहिए.

सुमित हृदयेश ने कांग्रेस नेताओं से की अपील: वहीं, बैठक में पहुंचे हल्द्वानी से विधायक सुमित हृदयेश ने भी नदारद विधायकों और नेताओं से हाथ जोड़कर आग्रह किया है कि पार्टी के कार्यक्रमों में भाग लें, क्योंकि उनकी उपस्थिति से कार्यक्रम की गरिमा बढ़ने के साथ ही एक अच्छा संदेश जाता है. उन्होंने चकराता विधायक प्रीतम सिंह के बैठक में शामिल नहीं होने पर सफाई दी. उन्होंने कहा कहा प्रीतम सिंह को भारत जोड़ो यात्रा में जाने का अवसर मिला है. इसलिए वह यात्रा में शामिल होने गए हैं. सुमित ने कहा हरीश रावत और प्रीतम सिंह कांग्रेस पार्टी के लिए राष्ट्रीय स्तर के नेता हैं. इसलिए इन नेताओं की कार्य क्षमता और कार्य सूची बहुत लंबी चौड़ी है. यही कारण है कि प्रीतम सिंह बैठक में नहीं पहुंच सके.

बीजेपी ने कांग्रेस पर साधा निशाना: वहीं, कांग्रेस की बैठक में दिग्गजों की दूरी पर बीजेपी को निशाना साधने का मौका मिल गया. भाजपा ने कांग्रेस के हाथ से हाथ जोड़ो अभियान पर निशाना साधा. बीजेपी प्रवक्ता संजीव वर्मा ने कहा कांग्रेस पार्टी अंदरूनी गुटबाजी से जूझ रही है. कांग्रेस पार्टी की भारत जोड़ो यात्रा पूरी तरह से फ्लॉप शो है. इस यात्रा में टुकड़े-टुकड़े गैंग के लोग जुड़ रहे हैं. जिनका भारत के विकास से दूर-दूर तक कोई नाता नहीं है.
ये भी पढ़ें: CM धामी बोले- मुस्लिम समुदाय शिक्षा और विकास की मुख्य धारा में शामिल क्यों नहीं है?

अंतर्द्वंद से जूझ रही कांग्रेस: संजीव वर्मा ने कहा उत्तराखंड कांग्रेस बुरी तरह से अंतर्द्वंद से जूझ रही है. इनके 5 शीर्ष नेता पांच कोनों में अपनी अलग-अलग दिशा तय करते हैं. इन नेताओं में आपसी सामंजस्य का अभाव है. जबकि कांग्रेस पार्टी हाथ से हाथ जोड़ने की बात कर रही है. भले ही अब कांग्रेस हाथ जोड़ो या भारत जोड़ो का नारा दे, लेकिन अब कांग्रेस पार्टी का कोई भी सपना साकार होने वाला नहीं है.

कांग्रेस का हाथ से हाथ जोड़ो अभियान: बता दें कि कांग्रेस 26 जनवरी से 26 मार्च तक हाथ से हाथ जोड़ो अभियान चलाने जा रही है. जिसको लेकर देहरादून में एक अहम बैठक बुलाई गई थी. इस बैठक में नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य, कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष करण माहरा, विधायक ममता राकेश, विधायक राजेंद्र भंडारी, विधायक सुमित हृदयेश पूर्व कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल मौजूद रहे. वहीं, हरीश रावत बैठक शुरू होने के कुछ देर बाद ही वहां से निकल गए. जबकि प्रदेश प्रभारी देवेंद्र यादव और चकराता विधायक प्रीतम सिंह बैठक में शामिल नहीं हुए.

बैठक में करण माहरा ने कांग्रेस पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं को हाथ से हाथ जोड़ो अभियान के तहत पार्टी को सशक्त बनाने को लेकर मंथन किया. उन्होंने कहा शहरों के विकास और गांवों की खुशहाली के लिए कांग्रेस हर इकाई के साथ जनता की आवाज उठाने के लिए प्रतिबद्ध है.

बैठक से दिग्गजों ने बनाई दूरी

देहरादून: उत्तराखंड में कांग्रेस नेता चाहे कितना भी दावा कर लें कि पार्टी के भीतर सबकुछ ऑल इज वेल है. लेकिन उनकी यात्रा हो या रैली, फिर चाहे पार्टी की बैठक. हर जगह कांग्रेस में दो फाड़ नजर आने लगता है. कभी भी एक मंच पर कांग्रेस के दिग्गज नेता और विधायक एक साथ नजर नहीं आते हैं. एक ऐसा ही वाकया आज फिर से देहरादून कांग्रेस मुख्यालय में हाथ से हाथ जोड़ो अभियान को लेकर आयोजित बैठक में देखने को मिला. जहां पूर्व सीएम हरीश रावत अपनी उपस्थिति दिखाकर वहां से निकल गए. जबकि पूर्व प्रदेश अध्यक्ष और चकराता विधायक बैठक में शामिल नहीं हुए.

कांग्रेस की बैठक से दिग्गज नदारद: बता दें कि भारत जोड़ो यात्रा के बाद अब कांग्रेस देशभर में 26 जनवरी से हाथ से हाथ जोड़ो अभियान चलाने जा रही है. जिसको लेकर देहरादून में पार्टी मुख्यालय में कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा ने वरिष्ठ नेताओं, विधायक और पदाधिकारियों के साथ बैठक बुलाई थी, लेकिन बैठक में पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत कुछ देर के लिए पहुंचे, उसके बाद बैठक छोड़कर भारत जोड़ो यात्रा के लिए निकल पड़े. वहीं, बैठक में पूर्व कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष और चकराता विधायक प्रीतम सिंह की गैरमौजूदगी देखने को मिली. इस बैठक में कांग्रेस प्रदेश प्रभारी देवेंद्र यादव को भी शामिल होना था, लेकिन वो भी गायब रहे.

करण माहरा ने दी सफाई: वहीं, जब इस बारे में करण माहरा से पूछा गया तो उन्होंने कहा कुछ लोगों का कहना है कि प्रदेश प्रभारी देवेंद्र यादव आते नहीं हैं, लेकिन पिछले 7 महीनों में प्रभारी 5 बार उत्तराखंड दौरे पर आ चुके हैं. यह जरूरी नहीं है कि हर कोई फिजिकली प्रेजेंट हो, क्योंकि उसकी उपस्थिति फोन और चिट्ठी के माध्यम से भी होती है. ऐसे में यदि कांग्रेस का संगठन कार्य नहीं कर रहा है तो तब उंगली उठनी चाहिए.

करण माहरा ने कहा राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा के इस चरण में काजी निजामुद्दीन और कांग्रेस प्रदेश प्रभारी देवेंद्र यादव का रहना जरूरी था, इसके अलावा 23 तारीख को दिल्ली में एक महत्वपूर्ण बैठक होने जा रही है. उसकी भी जिम्मेदारी देवेंद्र यादव को सौंपी गई है. जिसके चलते वह हाथ से हाथ जोड़ो अभियान को लेकर आयोजित की गई इस बैठक में नहीं पहुंच सके.
ये भी पढ़ें: 26 जनवरी से कांग्रेस का हाथ से हाथ जोड़ो अभियान, पार्टी मुख्यालय में हुई अहम बैठक

सबको एक कमरे में बंद नहीं किया जा सकता: वहीं, माहरा ने बैठक में कई विधायकों और वरिष्ठ नेताओं की गैरमौजूदगी पर कहा कि सबको एक कमरे में बंद नहीं रखा जा सकता है. यह प्रश्न तो सत्ता पक्ष से पूछना चाहिए जिनके दो पूर्व मुख्यमंत्री वर्तमान मुख्यमंत्री पर आरोप लगा रहे हैं कि इनके शासनकाल में भ्रष्टाचार और घूसखोरी बढ़ गई है. जबकि वर्तमान मुख्यमंत्री का कहना है कि जब मछली मुंह खोलती है तो पकड़ी जाती है. ऐसे में यह प्रश्न विपक्षी से नहीं, बल्कि बीजेपी से करना चाहिए.

सुमित हृदयेश ने कांग्रेस नेताओं से की अपील: वहीं, बैठक में पहुंचे हल्द्वानी से विधायक सुमित हृदयेश ने भी नदारद विधायकों और नेताओं से हाथ जोड़कर आग्रह किया है कि पार्टी के कार्यक्रमों में भाग लें, क्योंकि उनकी उपस्थिति से कार्यक्रम की गरिमा बढ़ने के साथ ही एक अच्छा संदेश जाता है. उन्होंने चकराता विधायक प्रीतम सिंह के बैठक में शामिल नहीं होने पर सफाई दी. उन्होंने कहा कहा प्रीतम सिंह को भारत जोड़ो यात्रा में जाने का अवसर मिला है. इसलिए वह यात्रा में शामिल होने गए हैं. सुमित ने कहा हरीश रावत और प्रीतम सिंह कांग्रेस पार्टी के लिए राष्ट्रीय स्तर के नेता हैं. इसलिए इन नेताओं की कार्य क्षमता और कार्य सूची बहुत लंबी चौड़ी है. यही कारण है कि प्रीतम सिंह बैठक में नहीं पहुंच सके.

बीजेपी ने कांग्रेस पर साधा निशाना: वहीं, कांग्रेस की बैठक में दिग्गजों की दूरी पर बीजेपी को निशाना साधने का मौका मिल गया. भाजपा ने कांग्रेस के हाथ से हाथ जोड़ो अभियान पर निशाना साधा. बीजेपी प्रवक्ता संजीव वर्मा ने कहा कांग्रेस पार्टी अंदरूनी गुटबाजी से जूझ रही है. कांग्रेस पार्टी की भारत जोड़ो यात्रा पूरी तरह से फ्लॉप शो है. इस यात्रा में टुकड़े-टुकड़े गैंग के लोग जुड़ रहे हैं. जिनका भारत के विकास से दूर-दूर तक कोई नाता नहीं है.
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अंतर्द्वंद से जूझ रही कांग्रेस: संजीव वर्मा ने कहा उत्तराखंड कांग्रेस बुरी तरह से अंतर्द्वंद से जूझ रही है. इनके 5 शीर्ष नेता पांच कोनों में अपनी अलग-अलग दिशा तय करते हैं. इन नेताओं में आपसी सामंजस्य का अभाव है. जबकि कांग्रेस पार्टी हाथ से हाथ जोड़ने की बात कर रही है. भले ही अब कांग्रेस हाथ जोड़ो या भारत जोड़ो का नारा दे, लेकिन अब कांग्रेस पार्टी का कोई भी सपना साकार होने वाला नहीं है.

कांग्रेस का हाथ से हाथ जोड़ो अभियान: बता दें कि कांग्रेस 26 जनवरी से 26 मार्च तक हाथ से हाथ जोड़ो अभियान चलाने जा रही है. जिसको लेकर देहरादून में एक अहम बैठक बुलाई गई थी. इस बैठक में नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य, कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष करण माहरा, विधायक ममता राकेश, विधायक राजेंद्र भंडारी, विधायक सुमित हृदयेश पूर्व कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल मौजूद रहे. वहीं, हरीश रावत बैठक शुरू होने के कुछ देर बाद ही वहां से निकल गए. जबकि प्रदेश प्रभारी देवेंद्र यादव और चकराता विधायक प्रीतम सिंह बैठक में शामिल नहीं हुए.

बैठक में करण माहरा ने कांग्रेस पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं को हाथ से हाथ जोड़ो अभियान के तहत पार्टी को सशक्त बनाने को लेकर मंथन किया. उन्होंने कहा शहरों के विकास और गांवों की खुशहाली के लिए कांग्रेस हर इकाई के साथ जनता की आवाज उठाने के लिए प्रतिबद्ध है.

Last Updated : Dec 18, 2022, 9:00 PM IST
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