देहरादून: पूरी दुनिया कोरोना महामारी से त्रस्त है. हर वैज्ञानिक और डॉक्टर इसकी दवाई के लिए जी-जान एक किये हुए है. ऐसे में अगर कोई ये कह दे कि उनके पास कोरोना की दवाई है तो फिर जमघट तो लगेगा ही. ठीक ऐसा ही नजारा आज सचिवालय में देखने को मिला, जब यहां कर्मचारियों में ये खबर फ़ैल गई कि प्रदेश के प्रमुख वन संरक्षक जयराज कोरोना की दवाई बांट रहे हैं.
दरअसल, प्रमुख वन संरक्षक जयराज सचिवालय में मुख्य सचिव कार्यालय में चल रही वन एवं खनिज की एक महत्वपूर्ण बैठक में भाग लेने पहुंचे थे. लेकिन बैठक खत्म होने के बाद वह मुख्य सचिव कार्यालय में मौजूद अन्य कर्मचारियों को कोरोना वायरस की दवाई बोल कर एक दवाई बांटने लगे और कर्मचारी भी कोरोना वायरस जैसी खतरनाक बीमारी से लड़ने वाली इस दवाई को लेने के लिए लपकने लगे.
जानकारी प्राप्त करने पर ज्ञात हुआ कि प्रमुख वन संरक्षक जयराज द्वारा विभाग के लिए बड़ी मात्रा में "आर्सेनिक-30" होम्योपैथिक दवाई ली गयी है. जिसे वह सचिवालय में मौजूद मुख्य सचिव के कार्यालय के कर्मचारियों को बांट रहे थे. इस दौरान उक्त दवाई के कई नुस्खे वहां मौजूद लोगों को बता रहे थे. साथ ही खुद चेहरे से मास्क हटाकर अन्य लोगों को मास्क पहनने की नसीहत भी दे रहे थे.
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जब प्रमुख वन संरक्षक जयराज से इस बारे में पूछा गया तो उन्होंने बताया कि यह दवाई उन्होंने आयुष से अधिकृत "आर्सेनिक-30" होम्योपैथी दवाई खरीदी है. साथ ही उन्होंने इसे इस्तेमाल करने का भी तरीका बताया. आपको बता दें कि यह वही होम्योपैथिक दवा है जो कि बीते रोज उत्तराखंड कैबिनेट ने इम्युनिटी सिस्टम को मजबूत बनाने के लिए अधिकृत की है.