देहरादून: सभी लोगों को रंगों के पर्व होली का बेसबरी से इंतजार रहता है. इस त्योहार को लेकर हर कोई उत्साहित रहता है. हालांकि पिछले साल की तरह इस बार भी लोगों में कोरोना महामारी को लेकर डर जरूर बना हुआ है. वहीं, लोगों के जहन में ये सवाह बना हुआ है कि इस बार होली पर किस तरह के गुलाल का प्रयोग करें कि त्वचा को कोई नुकसान ना पहुंचे और सुरक्षित होली का आनंद भी उठा सकें.
वरिष्ठ त्वचा रोग विशेषज्ञ डॉ. अनिल आर्य के मुताबिक होली पर बाजारों में मिलने वाले गुलालों में कई तरह के रसायनिक पदार्थ मिले होते हैं. जिसके इस्तेमाल से लोगों की त्वचा में अक्सर कई तरह की गंभीर बीमारियां हो जाती हैं.
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ऐसे में लोगों को रंगों से खेलते हुए अपनी त्वचा का विशेष ध्यान रखने की जरूरत है, जहां तक हो सके रंग खेलने से पहले लोगों को अपने शरीर पर वैसलीन या नारियल का तेल, सरसों या फिर ऑलिव ऑयल लगा लेना चाहिए. इससे कैमिकल युक्त रंग और गुलाल से त्वचा को खास नुकसान नहीं पहुंचेगा.
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वरिष्ठ डॉ. आर्य ने कहा कि जहां तक हो संभव हो सके तो इस बार होली पर लोगों को प्राकृतिक रंगों का ही इस्तेमाल करना चाहिए. ये बाजारों में आसानी से मिल जाएंगे. लेकिन अपने घरों पर तैयार किया गया प्राकृतिक रंग बाजारों में मिलने वाले प्राकृतिक रंगों के मुकाबले कहीं बेहतर होता है. अगर हम अपने घर् पर तैयार किए गए प्राकृतिक रंग का ही इस्तेमाल करेंगे तो इससे हमारी त्वचा को कोई नुकसान हो ही नहीं सकता.