देहरादून: आगामी उत्तराखंड विधानसभा चुनाव 2022 से पहले कांग्रेस में एक बार फिर भगदड़ मची हुई है. कांग्रेस के वरिष्ठ नेता नेतृत्व से नाराज होकर पार्टी का हाथ छोड़कर अन्य दलों में जा रहे हैं. हाल ही में पुरोला विधायक राजकुमार कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में गए. वहीं अब कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व कैबिनेट मंत्री हीरा सिंह बिष्ट ने इशारा किया है कि यदि पार्टी उनकी अनदेखी करती रही तो वे किसी अन्य रास्ते पर विचार करेंगे.
2017 में कांग्रेस की हार का बड़ा कारण पार्टी की अंदरूनी फूट थी. 2017 के विधानसभा चुनाव से पहले पार्टी के कई दिग्गज नेता बीजेपी में शामिल हो गए थे. चुनाव के ठीक पहले पार्टी पूरी तरह बिखर गई थी. इसका खामियाजा कांग्रेस को 2017 के विधानसभा चुनाव में भुगतना पड़ा था. तब दिग्गजों ने इसीलिए पार्टी छोड़ी थी कि कांग्रेस में उनकी अनदेखी हो रही है. वही हालात 2022 के चुनाव से पहले बनते हुए दिख रहे हैं. पुरोला विधायक राजकुमार के कांग्रेस छोड़ने के बाद पूर्व कैबिनेट मंत्री हीरा सिंह बिष्ट ने कांग्रेस नेतृत्व पर अनदेखी का आरोप लगाया है.
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हीरा सिंह बिष्ट ने अपना दर्द बयां करते हुए कहा कि उन्होंने कांग्रेस के लिए हमेशा संघर्ष किया है. पूरी जिंदगी सड़कों पर गुजारी है, लेकिन जिन लोगों ने पार्टी के लिए कुछ भी नहीं किया वो अपनी पीड़ा व्यक्त कर रहे हैं. ये वे लोग हैं जो बैठे-बैठे सब कुछ बन गए.
हीरा सिंह बिष्ट ने कहा कि वे बड़े घरानों और ऊपर से टपक कर नहीं आए हैं, बल्कि पूरी जिंदगी कांग्रेस का झंडा बुलंद करते हुए पार्टी को सींचा है. 2017 में भी उन्हें खरीदने की बहुत कोशिश की गई थी, लेकिन तब भी वो नहीं डगमगाए थे. हीरा सिंह बिष्ट ने कहा कि उन्हें भविष्य की चिंता नहीं है, लेकिन जब कोई चाहेगा कि हीरा सिंह बिष्ट की पार्टी को आवश्यकता नहीं है तो वो तय करेंगे की कौन सा रास्ता चुनना है. हालांकि अभी ऐसी कोई जरूरत नहीं है.
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बता दें कि बता दें कि हीरा सिंह बिष्ट एनडी तिवारी सरकार में परिवहन मंत्री भी रहे. वो कई सालों से इंटक कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष के रूप में भी सक्रिय हैं और मजदूरों के हितों के लिए संघर्षरत हैं. अपने राजनीतिक जीवन में हीरा सिंह बिष्ट ने समय-समय पर मलिन बस्तियों के निवासियों की आवाज बुलंद की. ऐसे वरिष्ठ नेता का पार्टी से नाराज होना कांग्रेस के लिए चिंता का विषय बन सकता है.
वहीं हीरा सिंह बिष्ट की नाराजगी पर कांग्रेस प्रवक्ता गरिमा दसौनी ने कहा कि वे कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं में से एक हैं. यदि उनकी कोई नाराजगी पार्टी के प्रति है तो पार्टी नेतृत्व उनके साथ बातचीत करते हुए उनकी जो भी शिकायतें होगी उन्हें दूर करेगा.