देहरादून: प्रदेश के सरकारी स्कूलों की व्यवस्था में सुधार लाने के लिए राज्य सरकार की ओर से अटल उत्कृष्ट विद्यालयों के तौर पर प्रदेश के 189 विद्यालयों का चयन किया गया है. वर्तमान में सीबीएसई बोर्ड से मान्यता हासिल करने के लिए बोर्ड इन स्कूलों की ऑनलाइन समीक्षा कर रहा है. लेकिन स्थिति कुछ यह है कि प्रदेश के इन चयनित अटल उत्कृष्ट विद्यालयों में से कई विद्यालय सीबीएसई बोर्ड के मापदंडों पर खरा नहीं उतर पा रहे हैं.
ईटीवी भारत से बात करते हुए अटल उत्कृष्ट विद्यालय योजना के नोडल अधिकारी और समग्र शिक्षा अभियान के राज्य परियोजना निदेशक डॉ मुकुल कुमार सती ने बताया की वर्तमान में 148 विद्यालय सीबीएसई से मान्यता हासिल करने के लिए केवाईसी का कार्य पूरा कर चुके हैं. जिसमें से 124 विद्यालय सीबीएसई की मान्यता की ऑनलाइन कार्यवाही पूरी भी कर चुके हैं. लेकिन वहीं दूसरी तरफ सीबीएसई की ओर से शेष बचे 24 विद्यालयों पर आपत्ति जताई गई है. ऐसे में शिक्षा सचिव के माध्यम से सीबीएसई बोर्ड के चेयरमैन को एक पत्र भेजा जा रहा है. जिसमें बोर्ड से अपनी आपत्तियां हटाने की अपील की जाएगी.
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गौरतलब है कि सीबीएसई बोर्ड की ओर से प्रदेश के जिन 24 चयनित अटल उत्कृष्ट विद्यालयों पर आपत्ति जताई गई है. उसमें बोर्ड की ओर से कुछ विद्यालयों से अप्रूवल लेटर मांगा गया है तो वहीं दूसरी तरफ कुछ विद्यालयों की वेबसाइट के साथ ही प्लेग्राउंड और क्लासरूम की संख्या पर आपत्ति जताई गई है.
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बहरहाल, प्रदेश के सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले छात्रों को निजी विद्यालयों की तर्ज पर बेहतर सुविधाओं के साथ अंग्रेजी माध्यम में शिक्षा प्रदान करने के लिए राज्य सरकार अटल उत्कृष्ट योजना लेकर आई है.
वहीं, सरकार नए शिक्षण सत्र से अटल उत्कृष्ट विद्यालयों को शुरू करने का ऐलान भी कर चुकी है, लेकिन वर्तमान में राज्य सरकार और शिक्षा विभाग के समक्ष सबसे बड़ी चुनौती इन चयनित अटल उत्कृष्ट विद्यालयों को सीबीएसई से मान्यता दिलाने की है. आखिर नए शैक्षणिक सत्र की शुरुआत से पहले चयनित 189 अटल उत्कृष्ट विद्यालय सीबीएसई बोर्ड से मान्यता हासिल कर पाते हैं कि नहीं? यह एक बड़ा सवाल है.