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मसूरी में वर्ल्ड अर्थ-डे पर पहाड़ियों पर फेंके बीज बॉल, जानिए क्या है 'फेंको मगर प्यार से'

हिलदारी जन आंदोलन के प्रोजेक्ट मैनेजर अरविंद शुक्ला ने कहा कि संस्था द्वारा मसूरी में फेंको मगर 'प्यार से' नामक अभियान चलाया जा रहा है. जिसके तहत लोगों को सड़क किनारे पहाड़ियों में कूड़ा नहीं बल्कि बीज बॉल फेंकने के लिए प्रेरित किया जा रहा है.

अर्थ-डे पर पहाड़ियों पर फेंके बीज बॉल.
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Published : Apr 22, 2019, 9:54 PM IST

Updated : Apr 22, 2019, 11:19 PM IST

मसूरी: पहाड़ियों को फिर से हरा-भरा और सुंदर बनाने के उद्देश्य से हिलदारी जन आंदोलन के तहत वर्ल्ड अर्थ-डे मनाया गया. इस दौरान पहाड़ियों पर बीज बॉल फेंककर लोगों ने जंगलों के संरक्षण का संकल्प लिया. इस दौरान लगभग 1500 बीज बॉल को मसूरी की पहाड़ियों में डाला गया.

वर्ल्ड अर्थ-डे पर पहाड़ियों पर फेंके बीज बॉल

हिलदारी जन आंदोलन के प्रोजेक्ट मैनेजर अरविंद शुक्ला ने कहा कि संस्था द्वारा मसूरी में फेंको मगर 'प्यार से' नामक अभियान चलाया जा रहा है. जिसके तहत लोगों को सड़क किनारे पहाड़ियों में कूड़ा नहीं बल्कि बीज बॉल फेंकने के लिए प्रेरित किया जा रहा है. उन्होंने बताया कि बीज बॉल मिट्टी के ऐसे लड्डू हैं, जिनके अंदर लोकल और लुप्त प्रजातियों के बीज हैं, जो जमीन पर गिरकर स्वतः ही उग जाते हैं.

उन्होंने बताया कि इस कार्यक्रम के तहत मसूरी में करीब 1500 बीज बॉल पहाड़ियों में फेंके गए. जिसका परिणाम आने वाले 2 सालों में देखने को मिलेगा. उन्होंने कहा कि संयुक्त राष्ट्र द्वारा स्थापित अर्थ-डे का उद्देश्य पर्यावरण को हो रहे नुकसान के प्रति लोगों को जागरूक करना है.

मसूरी डीएफओ कहकशा नसीम ने आंदोलन से जुड़े लोगों की सराहना करते हुए कहा कि इस अभियान से मसूरी को सुंदर और हराभरा बनाने में सहयोग मिलेगा. उन्होंने बताया कि पहाड़ियों में बीज बॉल फेंकने का पुराना चलन है. जब पहला वर्ल्ड वार हुआ था तो उसके बाद भी कई हरी-भरी पहाड़ियां बम गिरने से नष्ट हो गई थी. जिसके बाद उनको हराभरा करने के लिए बीज बॉल या गोरिल्ला बम फेंके गए थे, जिसमें कई प्रजाति के पेड़ों के बीच होते थे.

उन्होंने बताया कि फेंके गए बीज बॉल पानी के संपर्क में आते ही पनपने लगते हैं. डीएफओ ने बताया कि इस प्रयास से मसूरी की पहाड़ियों कुछ सालों के बाद हरी-भरी देखने को मिलेगी.

मसूरी: पहाड़ियों को फिर से हरा-भरा और सुंदर बनाने के उद्देश्य से हिलदारी जन आंदोलन के तहत वर्ल्ड अर्थ-डे मनाया गया. इस दौरान पहाड़ियों पर बीज बॉल फेंककर लोगों ने जंगलों के संरक्षण का संकल्प लिया. इस दौरान लगभग 1500 बीज बॉल को मसूरी की पहाड़ियों में डाला गया.

वर्ल्ड अर्थ-डे पर पहाड़ियों पर फेंके बीज बॉल

हिलदारी जन आंदोलन के प्रोजेक्ट मैनेजर अरविंद शुक्ला ने कहा कि संस्था द्वारा मसूरी में फेंको मगर 'प्यार से' नामक अभियान चलाया जा रहा है. जिसके तहत लोगों को सड़क किनारे पहाड़ियों में कूड़ा नहीं बल्कि बीज बॉल फेंकने के लिए प्रेरित किया जा रहा है. उन्होंने बताया कि बीज बॉल मिट्टी के ऐसे लड्डू हैं, जिनके अंदर लोकल और लुप्त प्रजातियों के बीज हैं, जो जमीन पर गिरकर स्वतः ही उग जाते हैं.

उन्होंने बताया कि इस कार्यक्रम के तहत मसूरी में करीब 1500 बीज बॉल पहाड़ियों में फेंके गए. जिसका परिणाम आने वाले 2 सालों में देखने को मिलेगा. उन्होंने कहा कि संयुक्त राष्ट्र द्वारा स्थापित अर्थ-डे का उद्देश्य पर्यावरण को हो रहे नुकसान के प्रति लोगों को जागरूक करना है.

मसूरी डीएफओ कहकशा नसीम ने आंदोलन से जुड़े लोगों की सराहना करते हुए कहा कि इस अभियान से मसूरी को सुंदर और हराभरा बनाने में सहयोग मिलेगा. उन्होंने बताया कि पहाड़ियों में बीज बॉल फेंकने का पुराना चलन है. जब पहला वर्ल्ड वार हुआ था तो उसके बाद भी कई हरी-भरी पहाड़ियां बम गिरने से नष्ट हो गई थी. जिसके बाद उनको हराभरा करने के लिए बीज बॉल या गोरिल्ला बम फेंके गए थे, जिसमें कई प्रजाति के पेड़ों के बीच होते थे.

उन्होंने बताया कि फेंके गए बीज बॉल पानी के संपर्क में आते ही पनपने लगते हैं. डीएफओ ने बताया कि इस प्रयास से मसूरी की पहाड़ियों कुछ सालों के बाद हरी-भरी देखने को मिलेगी.

Intro:मसूरी में पहाड़ियों में बीज बॉल फेंक कर मनाया अर्थ डे
रिपोर्टर सुनील सोनकर
एंकर वीओ
मसूरी को हरा-भरा और सुंदर बनाने के उद्देश्य से हिलदारी जन आंदोलन के तहत वर्ल्ड अर्थ डे मनाया गया मसूरी की विभिन्न पहाड़ियों पर बीज बॉल फेंक कर लोगों ने पहाड़ों के जंगलों को संग्रक्षण करने का संकल्प लिया गया मसूरी के विभिन्न क्षेत्र में संस्थान के द्वारा वर्ल्ड अर्थ डे के तहत कार्यक्रम आयोजित किए गए जिसका शुभारंभ मसूरी वन प्रभाग की डीएफ कहकशा नसीम द्वारा किया गया इस मौके पर मसूरी के व्यापार मंडल, बैंक के कर्मचारियों और स्कूली बच्चों द्वारा पहाड़ियों पर बीज बाल फैका गया और पर्यावरण के प्रति जागरूक होने का आग्रह किया गया


Body:हिलदारी जन आंदोलन के प्रोजेक्ट मैनेजर अरविंद शुक्ला ने कहा कि संस्था द्वारा मसूरी में फैंको को मगर प्यार से नामक अभियान चलाया जा रहा है जिसके तहत लोगों को सड़क किनारे पहाड़ियों में कूड़ा नहीं बीज बॉल फेंकने के लिए प्रेरित किया जा रहा है उन्होंने बताया कि बीज बॉल मिट्टी के ऐसे लड्डू नमूना हैं जिनके अंदर लोकल और लुप्त प्रजातियों के बीच है जो जमीन पर गिरकर पर स्वतः ही उग जाते हैं उन्होंने बताया कि मसूरी के लाइब्रेरी चौक जॉर्ज एवरेस्ट बर्लोगंज दलाई लामा हिल कैमल बैक रोड चार दुकान और जबर खेत के अलग-अलग क्षेत्रों में कार्यक्रम के तहत करीब 1500 बीज बॉल को पहाडियो में फेंके जा रहे हैं जिसके परिणाम आने वाले 2 सालों में देखने को मिलेगा उन्होंने कहा कि संयुक्त राष्ट्र द्वारा स्थापित अर्थ डे का उद्देश्य पर्यावरण को हो रहे नुकसान के प्रति सजग करना है ऐसे में अगर लोग स्वयं को जिम्मेदारी भरा काम करें तो पर्यावरण को बचाया जा सकता है


Conclusion:मसूरी डीएफओ कहकशा नसीम ने हिलदारी जन आंदोलन से जुड़े लोगों की सराहना करते हुए कहा कि इस अभियान से मसूरी को सुंदर और हरा भरा बनाने में सहयोग मिलेगा उन्होंने बताया कि पहाड़ियों में बीज बॉल फेंकने का पुराना चलन है जब पहला वर्ल्ड वार हुआ था उसके बाद कई हरी भरी पहाड़ियों बम गिरने से नष्ट हो गई थी जिसके बाद उनको हरा भरा करने के लिए बीज बोम या गोरिल्ला बोम फेंके जाते थे जिसमें कई प्रजाति के पेड़ों के बीच होते थे उन्होंने कहा कि फेंके गए बीज बॉल पानी के संपर्क में आते ही पनपने लगते हैं और हल्के हल्के पेड़ों का रुप ले लेते हैं उन्होंने कहा कि इस प्रयास से मसूरी की पहाड़ियों कुछ सालों बाद हरी-भरी देखने को मिलेगी
मसूरी व्यापार मंडल के महामंत्री जगजीत कुकरेजा और अन्य लोगों ने कहा कि हिलदारी जन आंदोलन के तहत पर्यावरण के साथ जंगलों को संरक्षित करने का अच्छा प्रयास है और उनके द्वारा हिलदारी जन आंदोलन में पूरा सहयोग किया जाएगा क्योंकि अगर जंगल है तो जीवन है
Last Updated : Apr 22, 2019, 11:19 PM IST
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