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सचिवालय की कार्यप्रणाली में बड़ा बदलाव, अब जल्द होगा फाइलों का निस्तारण

अब सचिवालय में आने वाली फाइलें निम्न स्तर के अधिकारियों से होते हुए उच्च स्तर के अधिकारियों तक जाएंगी. इसके बाद ये फाइलें सीधे अनुभाग में भेज दी जाएंगी.

देहरादून सचिवालय.
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Published : Sep 21, 2019, 1:07 PM IST

देहरादून: सचिवालय में अधिकारियों को सीएम त्रिवेन्द्र सिंह रावत की पाठशाला के बाद तीसरा बड़ा बदलाव देखने को मिला. इसके तहत अब सचिवालय में कोई भी फाइल निम्न अधिकारी से उच्च अधिकारी तक जाएगी, लेकिन उसके बाद फाइल सीधे उच्च अधिकारी से अनुभाग जाएगी. जिससे फाइलों का निस्तारण जल्द हो पाएगा.

बता दें कि जुलाई माह के अंत में सीएम त्रिवेन्द्र रावत ने उत्तराखंड राज्य स्थापना दिवस के बाद पहली बार सचिवालय में अनुभाग अधिकारियों से लेकर टॉप मोस्ट नौकरशाहों तक को नैतिकता का पाठ पढ़ाया था. नैतिकता की इस एक दिवसीय कार्यशाला में सचिवालय के तकरीबन एक तिहाई अधिकारी मौजूद रहे, जहां अधिकारियों को सचिवालय की कार्यप्रणाली को लेकर मुख्यमंत्री ने कई बातें बताई थीं.

इस एक दिवसीय कार्यशाला के बाद उत्तराखंड सचिवालय में एक के बाद एक बदलाव देखने को मिले. सबसे पहले सचिवालय में होने वाले काम काजों में तेजी लाने के लिए फाइलों के चार अलग-अलग वर्ग बनाए गए. अब जिन फाइलों में महत्वपूर्ण और जरूरी विषय हैं, उनको अलग वर्ग में रखा जाएगा और जिन फाइलों में जल्दबाजी की जरूरत नहीं है उनको अलग किया जाएगा. इस तरह से सचिवालय में सभी फाइलों को चार अलग-अलग वर्गों में विभाजित किया जाएगा, जिससे जरूरी और महत्वपूर्ण कार्य जल्द होंगे.

ये भी पढ़ें: उत्तराखंड की सबसे लंबी FIR: सॉफ्टवेयर फेल, 5 दिन से हो रही दर्ज, अभी लगेगा और वक्त

वहीं, दूसरा बदलाव ये देखने को मिला कि पहले सचिवालय में कागज के एक तरफ का उपयोग किया जाता था, जिसे अब बदल कर दोनों तरफ कर दिया गया है. मतलब, जिस तरह से पहले एक ऑर्डर को लिखने के लिए दो कागज लगते थे, लेकिन अब एक ही कागज लगेगा.

तीसरा फैसला मुख्य सचिव के निर्देशों के अनुसार, अब फाइलें नीचे से ऊपर तक हर एक अधिकारी से होते हुए जाएंगी और सचिव स्तर से फाइल डायरेक्ट अनुभाग में भेज दी जाएगी. इससे फाइलों में लगने वाले अतिरिक्त समय में कटौती होगी और सचिवालय की कार्यप्रणाली में तेजी आएगी.

देहरादून: सचिवालय में अधिकारियों को सीएम त्रिवेन्द्र सिंह रावत की पाठशाला के बाद तीसरा बड़ा बदलाव देखने को मिला. इसके तहत अब सचिवालय में कोई भी फाइल निम्न अधिकारी से उच्च अधिकारी तक जाएगी, लेकिन उसके बाद फाइल सीधे उच्च अधिकारी से अनुभाग जाएगी. जिससे फाइलों का निस्तारण जल्द हो पाएगा.

बता दें कि जुलाई माह के अंत में सीएम त्रिवेन्द्र रावत ने उत्तराखंड राज्य स्थापना दिवस के बाद पहली बार सचिवालय में अनुभाग अधिकारियों से लेकर टॉप मोस्ट नौकरशाहों तक को नैतिकता का पाठ पढ़ाया था. नैतिकता की इस एक दिवसीय कार्यशाला में सचिवालय के तकरीबन एक तिहाई अधिकारी मौजूद रहे, जहां अधिकारियों को सचिवालय की कार्यप्रणाली को लेकर मुख्यमंत्री ने कई बातें बताई थीं.

इस एक दिवसीय कार्यशाला के बाद उत्तराखंड सचिवालय में एक के बाद एक बदलाव देखने को मिले. सबसे पहले सचिवालय में होने वाले काम काजों में तेजी लाने के लिए फाइलों के चार अलग-अलग वर्ग बनाए गए. अब जिन फाइलों में महत्वपूर्ण और जरूरी विषय हैं, उनको अलग वर्ग में रखा जाएगा और जिन फाइलों में जल्दबाजी की जरूरत नहीं है उनको अलग किया जाएगा. इस तरह से सचिवालय में सभी फाइलों को चार अलग-अलग वर्गों में विभाजित किया जाएगा, जिससे जरूरी और महत्वपूर्ण कार्य जल्द होंगे.

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वहीं, दूसरा बदलाव ये देखने को मिला कि पहले सचिवालय में कागज के एक तरफ का उपयोग किया जाता था, जिसे अब बदल कर दोनों तरफ कर दिया गया है. मतलब, जिस तरह से पहले एक ऑर्डर को लिखने के लिए दो कागज लगते थे, लेकिन अब एक ही कागज लगेगा.

तीसरा फैसला मुख्य सचिव के निर्देशों के अनुसार, अब फाइलें नीचे से ऊपर तक हर एक अधिकारी से होते हुए जाएंगी और सचिव स्तर से फाइल डायरेक्ट अनुभाग में भेज दी जाएगी. इससे फाइलों में लगने वाले अतिरिक्त समय में कटौती होगी और सचिवालय की कार्यप्रणाली में तेजी आएगी.

Intro:
एंकर- सचिवालय में अधिकारियों को मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र रावत की पाठशाला के बाद तीसरा बड़ा बदलाव देखने को मिला है जिसके तहत अब सचिवालय में कोई भी फाइल नीचे से ऊपर तो पूर्व की भांति निम्न अधिकारी से उच्च अधिकारी तक जाएगी लेकिन वापिसी में फाइल पूर्व की तरह सभी अधिकारियों से होते हुए नही बल्कि उच्च अधिकारी से सीधे अनुभाग जाएगी यानी कि अब फाइलों यंहा से वंहा धक्के नही खाएगी बल्कि जल्द काम होगा।






Body:वीओ- हाल ही में जुलाई माह के आखिरी में सीएम त्रिवेन्द्र रावत ने उत्तराखंड राज्य स्थापना के बाद पहली बार सचिवालय में अनुभाग अधिकारियों से लेकर टॉप मोस्ट नोकरशाहों तक को नैतिकता का पथ पढ़ाया गया था। नैतिकता की इस एक दिवसीय कार्यशाला में सचिवालय के तकरीबन एक तिहाई अधिकारी ias pcs अधिकारी मौजूद रहे जहां अधिकारियों को सचिवालय की कार्यप्रणाली को लेकर मुख्यमंत्री ने कई बाते बताई थी।

इस एक दिवसीय कार्यशाला के बाद उत्तराखंड सचिवालय में एक के बाद एक बदलाव देखने को मिले। सबसे पहले सचिवालय में होने वाले काम काजों में तेजी लाने के लिए फाइलों के चार अलग-अलग वर्ग बनाए गए यानी कि जिन फाइलों में महत्वपूर्ण और जरूरी विषय है उनको अलग वर्ग में रखा गया और जिन फाइलों में जल्दबाजी की जरूरत नहीं है उनको अलग रखा गया इस तरह से सचिवालय में सभी फाइलों को चार अलग-अलग वर्गों में विभाजित किया गया जिससे जरूरी और महत्वपूर्ण कार्य जल्द होंगे

दूसरा बदलाव ये देखने को मिला की पहले सचिवालय में कागज के एक तरफ का उपयोग किया जाता था जिसे की अब बदल कर अब दोनों तरफ कर दिया गया है। यानी कि जिस तरह से पहले एक ऑर्डर को लिखने के लिए दो कागज लगते थे अब एक ही कागज लगेगा साथ ही साथ दो अलग-अलग कागज होने से भृष्टाचार पर भी लगाम लगेगी।

और अब तीसरा फैसला मुख्यसचिव के निर्देशों के अनुसार अब फाइलें नीचे से ऊपर तो हर एक अधिकारी से होते हुए जाएंगे लेकिन ऊपर से नीचे अब फाइलों को एक अधिकारी से दूसरे अधिकारी के टेबल पर जाने की जरूरत नहीं है और सचिव स्तर से फाइल डायरेक्ट अनुभाग में भेज दी जाएगी इससे फाइलों में लगने वाला अतिरिक्त समय मैं कटौती होगी और सचिवालय की कार्यप्रणाली में तेजी आएगी।




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