देहरादून: उत्तराखंड विधानसभा का मॉनसून सत्र का आज दूसरा दिन है. सदन में प्रश्नकाल के बाद विधानसभा मॉनसून सत्र के दूसरे दिन उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने विधानसभा में सदन समक्ष 3 विश्वविद्यालय को जुड़े संसोधन विधेयक रखे. डॉ. धन सिंह रावत ने IMS यूनिसन विश्वविद्यालय, DIT विश्वविद्यालय, हिमालयन गढ़वाल विश्वविद्यालय के संसोधन विधेयक को पुनर्स्थापित किया.
वहीं, कृषि मंत्री सुबोध उनियाल ने उत्तराखंड फल पौधशाला विनियमन संसोधन विधेयक रखा. संसदीय कार्य मंत्री व शहरी विकास मंत्री बंशीधर भगत ने सदन के पटल पर GST विधेयक रखा. इसके अलावा उन्होंने उत्तराखंड नगर निकायों एवं प्राधिकरणों के लिए विशेष प्रावधान संसोधन विधेयक भी सदन में रखा. इस विधेयक के पास होने के बाद मलिन बस्तियों को राहत मिलेगी मिलेगी राहत, साथ ही अतिक्रमण ध्वस्तीकरण पर तीन साल की छूट मिलेगी. पहले दिन की कार्यवाही के बाद बुधवार सुबह 11 बजे तक के लिए सदन स्थगित कर दिया गया है.
वहीं, नियम 58 के तहत सदन में कार्यस्थगन करते हुए ममता राकेश और काजी निजामुद्दीन ने जाति प्रमाण-पत्र का विषय उठाया. स्थाई निवासी और जाति के प्रमाण-पत्र के मानकों को का विषय विपक्ष ने उठाया. इस पर संसदीय कार्य मंत्री ने कहा यह नियम कांग्रेस लाई थी. इस मामले में सुबोध उनियाल सरकार के पक्ष में उतरे.
इससे पहले सदन में प्रश्नकाल समाप्त हो गया है. प्रश्नकाल में सरकार की ओर से 18 प्रश्नों के उत्तर दिये गए. सदन की कार्रवाई शुरू होने से पहले विपक्ष ने सदन के बाहर जमकर हंगामा किया. विपक्ष के विधायक ने कई मुद्दों को लेकर सरकार का विरोध करने के लिए विधानसभा के बाहर सीढ़ियों पर बैठकर धरना दिया.
विपक्ष के विधायक हरीश धामी ने ईटीवी भारत से कहा कि उनके धारचूला के लोग लगातार नेटवर्क कनेक्टिविटी को लेकर लोग जूझ रहे हैं. उन्होंने कहा कि सीमा क्षेत्रों में लोग नेपाल के सिम इस्तेमाल करने के लिए मजबूर हैं. केंद्र और राज्य सरकार डिजिटल इंडिया की बात करती है लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और ही है, जो साफ नजर आ रहा है.
वहीं, केदारनाथ विधायक मनोज रावत ने कहा कि देश में सारे तीर्थ स्थान और सारे पर्यटन स्थल खुल चुके हैं लेकिन उत्तराखंड सरकार ने सिर्फ चारधाम यात्रा बंद कर रखी है. ऐसे में यहां के स्थानीय लोगों और व्यापारियों की रोजी रोटी पर संकट गहरा गया है. रावत ने कहा कि उन्होंने सरकार का ध्यान आकर्षित करने के लिए धरना दिया है.
देवस्थानम बोर्ड को लेकर मनोज रावत ने कहा कि देवस्थानम बोर्ड का शुरू से ही विरोध हो रहा है. तीर्थ पुरोहित और हक हकूकधारी लगातार बोर्ड को निरस्त करने की मांग कर रहे हैं लेकिन इसको लेकर सरकार का रवैया लगातार उदासीन बना हुआ है. विपक्ष अब इस मामले पर सदन में प्राइवेट बिल लाने जा रहा है, जिसमें वह सत्तापक्ष के विधायकों से भी मत की मांग करेंगे और इस बिल के माध्यम से वह देवस्थानम बोर्ड को निरस्त करने का प्रस्ताव रखेंगे.
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बता दें, मॉनसून सत्र के पहले दिन दिवंगत नेता प्रतिपक्ष डॉ. इंदिरा हृदयेश, उप्र के पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह, पूर्व केंद्रीय मंत्री बची सिंह रावत समेत 7 पूर्व विधायकों श्रद्धांजलि दी गई. ऐसे में पूरा दिन शांतिपूर्ण रहा लेकिन आज सत्र का दूसरा दिन हंगामेदार है. आज 2022-22 के लिए अनुपूरक बजट के साथ ही विधेयक भी पेश किए जाएंगे, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी शाम चार बजे अनूपूरक बजट पेश करेंगे.