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उत्तराखंड SDRF ने आंध्र प्रदेश में चल रहे रेस्क्यू ऑपरेशन को किया पूरा, जांबाजों को किया गया सम्मानित

उत्तराखंड एसडीआरएफ की फ्लड टीम नदी के तेज बहाव में रेस्क्यू और सर्चिंग में पारंगत मानी जाती है. ये टीम बिहार और उत्तर प्रदेश में रेस्क्यू कार्य में अपनी काबलियत साबित कर चुकी है.

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Published : Sep 25, 2019, 12:23 PM IST

SDRF

देहरादून: आंध्र प्रदेश से वापस लौटी उत्तराखंड राज्य आपदा मोचन बल (एसडीआरएफ) के 6 सदस्यीय दल को डीजीपी अनिल कुमार रतूड़ी ने उत्कृष्ट रेस्क्यू कार्य करने के लिए सम्मानित किया. ये टीम मगंलवार को ही पूर्वी गोदावरी जिले से वासप लौटी है. एसडीआरएफ ने एनडीआरएफ के साथ मिलकर पांच दिनों कुल 23 शवों को बरामद किया था.

बता दें कि 15 सितंबर को आंध्र प्रदेश के पूर्वी गोदवारी जिले में देवी पट्टन इलाके में 60 लोगों से भरी हुई एक नाव पलट गई थी. इस हादसे में कुछ लोगों को मौके पर बचा लिया गया था, लेकिन 25 डूब गए थे. जिनकी तलाश में एनडीआरएफ ने उत्तराखंड एसडीआरएफ की मदद मांगी थी.

पढ़ें- बाघ और गुलदार के अंग बरामद होने पर हाईकोर्ट सख्त, तीन हफ्ते में जवाब पेश करने के आदेश

जिसके बाद 16 सितंबर को एसडीआरएफ की फ्लड टीम सोनार सिस्टम, अंडर वाटर ड्रोन और रेस्टट्यूब जैसे अत्याधुनिक उपकरणों के साथ घटना स्थल पहुंची थी, जहां एसडीआरएफ और एनडीआरएफ ने डूबे हुए लोगों की तलाश में करीब 6 दिनों तक रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया. पांच दिनों तक चले इस रेस्क्यू ऑपरेशन में कुल 23 शवों को बरामद किया गया.

21 सितंबर को आंध्र प्रदेश सरकार ने उत्तराखंड एसडीआरएफ के 6 सदस्यीय दल को इस सराहनीय कार्य करने लिए मोमेंटो व प्रशस्ति पत्र से सम्मानित किया था. छह सदस्यीय दल इंस्पेक्टर जितेंद्र जोशी के नेतृत्व में गया था.

पढ़ें- सफाई व्यवस्था को लेकर शहरी विकास मंत्री ने अधिकारियों को दिए सख्त निर्देश

गौरतलब है कि उत्तराखंड एसडीआरएफ की फ्लड टीम नदी के तेज बहाव में रेस्क्यू और सर्चिंग में पारंगत मानी जाती है. ये टीम बिहार और उत्तर प्रदेश में रेस्क्यू कार्य में अपनी काबलियत साबित कर चुकी है.

देहरादून: आंध्र प्रदेश से वापस लौटी उत्तराखंड राज्य आपदा मोचन बल (एसडीआरएफ) के 6 सदस्यीय दल को डीजीपी अनिल कुमार रतूड़ी ने उत्कृष्ट रेस्क्यू कार्य करने के लिए सम्मानित किया. ये टीम मगंलवार को ही पूर्वी गोदावरी जिले से वासप लौटी है. एसडीआरएफ ने एनडीआरएफ के साथ मिलकर पांच दिनों कुल 23 शवों को बरामद किया था.

बता दें कि 15 सितंबर को आंध्र प्रदेश के पूर्वी गोदवारी जिले में देवी पट्टन इलाके में 60 लोगों से भरी हुई एक नाव पलट गई थी. इस हादसे में कुछ लोगों को मौके पर बचा लिया गया था, लेकिन 25 डूब गए थे. जिनकी तलाश में एनडीआरएफ ने उत्तराखंड एसडीआरएफ की मदद मांगी थी.

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जिसके बाद 16 सितंबर को एसडीआरएफ की फ्लड टीम सोनार सिस्टम, अंडर वाटर ड्रोन और रेस्टट्यूब जैसे अत्याधुनिक उपकरणों के साथ घटना स्थल पहुंची थी, जहां एसडीआरएफ और एनडीआरएफ ने डूबे हुए लोगों की तलाश में करीब 6 दिनों तक रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया. पांच दिनों तक चले इस रेस्क्यू ऑपरेशन में कुल 23 शवों को बरामद किया गया.

21 सितंबर को आंध्र प्रदेश सरकार ने उत्तराखंड एसडीआरएफ के 6 सदस्यीय दल को इस सराहनीय कार्य करने लिए मोमेंटो व प्रशस्ति पत्र से सम्मानित किया था. छह सदस्यीय दल इंस्पेक्टर जितेंद्र जोशी के नेतृत्व में गया था.

पढ़ें- सफाई व्यवस्था को लेकर शहरी विकास मंत्री ने अधिकारियों को दिए सख्त निर्देश

गौरतलब है कि उत्तराखंड एसडीआरएफ की फ्लड टीम नदी के तेज बहाव में रेस्क्यू और सर्चिंग में पारंगत मानी जाती है. ये टीम बिहार और उत्तर प्रदेश में रेस्क्यू कार्य में अपनी काबलियत साबित कर चुकी है.

Intro:pls-नोट- महोदय, इस खबर से संबंधित फोटोग्राफ्स ईमेल से भेजे गए हैं।


summary- आंध्र प्रदेश रेस्क्यू से वापस लौटी उत्तराखंड एसडीआरएफ टीम को पुलिस मुखिया से मिली शाबाशी।


पिछले दिनों आंध्र प्रदेश के पूर्वी गोदावरी जिले में देवी पट्टन इलाके में पर्यटकों से भरी नाव गोदावरी के विशाल लहरों के वेग में पलटने के कारण घटना में लापता 25 लोगों के खोजने का कार्य करने वाली उत्तराखंड के एसडीआरएफ टीम अपना टास्क पूरा कर मंगलवार देहरादून पुलिस मुख्यालय पहुंची... जहां उत्तराखंड डीजीपी अनिल कुमार रतूड़ी द्वारा आंध्र प्रदेश में उत्कृष्ट रेस्क्यू कार्य करने वाली एसडीआरएफ सेनानायक तृप्ति भट्ट सहित टीम के 6 सदस्यों को शाबाशी देते हुए उत्साहवर्धन किया गया।




Body:आंध्रप्रदेश के गोदावरी में नाव पलटने की घटना के बाद वहां की सरकार द्वारा डिमांड कर उत्तराखंड एसडीआरएफ को रेस्क्यू कार्य के लिए बुलाया गयाथा..जिसके तहत एसडीआरएफ टीम ने आंध्रप्रदेश की घटना वाले इलाके में पहुंचकर एनडीआरएफ के सहयोग से कई दिन तक सर्च इन ऑपरेशन चलाकर रेस्क्यू कार्य पूरा किया।
एसडीआरएफ और एनडीआरएफ ने सर्च ऑपरेशन के तहत 17 सितंबर 2019 को लापता हुए 18 सैलानियों का शव और 18 सितंबर 2019 को 5 शव मिलाकर कुल 23 साल सर्चिंग कर बरामद किए।
जानकारी के मुताबिक घटना से पहले रॉयल वशिष्ठ नामक नोका में 9 चालक दल सहित करीब 60 व्यक्ति सवार थे।

इससे पहले इसी क्रम में 19 सितंबर 2019 को एसडीआरएफ टीम द्वारा घटनास्थल पर अपने साथ लाए गए अत्याधुनिक उपकरण सोनार सिस्टम के माध्यम से नदी के नीचे नाव की छवि व स्थिति का पता लगाया.. जिसके बाद इस इस विषय के बारे में वहाँ के उच्च अधिकारी को जानकारी दी गई..उनके द्वारा भी नाव की सभी की पहचान की गई। जिसके बाद लापता शवों को सर्चिंग का कार्य पूरा किया गया।

उधर 21 सितंबर 2019 को आंध्र प्रदेश सरकार द्वारा उत्तराखंड की 6 सदस्य एसडीआरएफ टीम को उनके सराहनीय कार्य के लिए के0 खन्ना बाबू,स्पेशल कमिश्नर डिजास्टर मैनेजमेंट आंध्र प्रदेश सरकार द्वारा मोमेंटो व प्रशस्ति पत्र प्रदान कर सम्मानित किया गया।


Conclusion:उत्तराखंड एसडीआरएफ की विशेष फ्लड टीम को तेज बहाव नदियों में रेस्क्यू वह सर्चिंग के लिए परंपरागत व आधुनिक उपकरण -सोनार सिस्टम,अंडर वाटर ड्रोन, रेस्ट्यूब से लैस होने के कारण आंध्र प्रदेश सरकार द्वारा रेस्क्यू वर्षा सिंह के लिए एसडीआरएफ उत्तराखंड पुलिस से मांग की गई थी जिसके चलते एसडीआरएफ की विशेष सदस्य टीम अपने सभी आधुनिक उपकरणों के साथ इंस्पेक्टर जितेंद्र जोशी के नेतृत्व में 16 सितंबर को हवाई मार्ग से आंध्र प्रदेश के घटनास्थल पर पहुंची थी।
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