ETV Bharat / state

ऋषिगंगा की झील खतरनाक नहीं, मौके पर पहुंची SDRF ने जारी किया वीडियो - Lake in Rishiganga Valley is not dangerous

नवनीत भुल्लर ने एक वीडियो साझा किया है, जिसमें उन्होंने बताया है कि इस झील की चौड़ाई 50 मीटर के करीब है, इसके साथ ही इसकी लंबाई फिलहाल 200 मीटर तो दिखाई दे रही है लेकिन आगे से मोड़ होने की वजह से पूरी लंबाई दिखाई नहीं दे रही.

sdrf-team-led-by-navneet-bhullar-reached-the-lake-site-at-rishiganga-valley
SDRF ने जारी किया वीडियो
author img

By

Published : Feb 13, 2021, 8:44 PM IST

Updated : Feb 13, 2021, 10:04 PM IST

देहरादून: जोशीमठ के रैणी गांव में आयी आपदा के बाद से ही लगातार राहत बचाव कार्य जारी है. वहीं, हाल ही में रैणी गांव के समीप देखी गई झील को लेकर अब स्थिति लगभग स्पष्ट हो गई है. जहां एक ओर वाडिया के वैज्ञानिक, झील की जानकारी जुटाने में जुटे हैं तो वहीं, ऋषिगंगा वैली में मौजूद झील का निरीक्षण करने के लिए एसडीआरएफ की टीम पहुंच गई है.

SDRF ने जारी किया वीडियो

मौके पर पहुंचे एसडीआरएफ कमांडेंट नवनीत भुल्लर ने झील का मुआयना किया. यह बात निकलकर सामने आई कि इस झील का पानी बिल्कुल साफ है और ठीक-ठाक मात्रा में इस झील से पानी निकल रहा है. ऐसे में यह झील खतरनाक नहीं है.

पढ़ें- चारधाम परियोजना की क्या है स्थिति, नितिन गडकरी ने दी ये जानकारी

नवनीत भुल्लर ने एक वीडियो साझा किया है, जिसमें उन्होंने बताया है कि इस झील की चौड़ाई 50 मीटर के करीब है. इसके साथ ही इसकी लंबाई फिलहाल 200 मीटर तो दिखाई दे रही है लेकिन आगे से मोड़ होने की वजह से पूरी लंबाई दिखाई नहीं दे रही. वीडियो में नवनीत भुल्लर बताते हैं कि झील के एक किनारे से अच्छा खासा पानी डिस्चार्ज हो रहा है, यानी एक रिवर की तरह पानी डिस्चार्ज हो रहा है. झील का पानी बिल्कुल साफ है. यही नहीं, जहां लेक बनी है उसके मुहाने पर जो मलबा इकट्ठा है वो करीब 500-700 मीटर तक का है जिसमें बर्फ भी शामिल है. इसके साथ ही मलबे पर कुछ जगहों पर पानी भी जमा हुआ दिखाई दे रहा है.

पढ़ें- विकासनगर: अनियंत्रित होकर पलटा डंपर, चालक घायल

गौर हो कि ऋषिगंगा वैली में झील की सूचना मिलने के बाद से ही वैज्ञानिक लगातार हेलीकॉप्टर के माध्यम से उसका निरीक्षण कर रहे थे, जिसके बाद उत्तराखंड सरकार ने इस झील के निरीक्षण करने के लिए एक कमेटी का गठन किया था. इसी सिलसिले में एसडीआरएफ की टीम को इस झील के निरीक्षण करने के लिए रवाना किया गया था.

बता दें ऋषिगंगा के मुहाने पर बनी झील के पानी से फिलहाल कोई खतरा न हो, लेकिन लगातार राज्य आपदा प्रतिवादन बल उत्तराखंड (SDRF) सतर्क है, राहत एवं बचाव कार्यों में लगा हुआ है. पेंग से लेकर तपोवन तक SDRF द्वारा मैन्युअली अर्ली वार्निंग सिस्टम विकसित किया गया है.

पेंग, रैणी व तपोवन में SDRF की एक एक टीम तैनात की गई है. दूरबीन, सैटेलाइट फोन व PA सिस्टम से लैस SDRF की टीमें किसी भी आपातकालीन स्थिति में आसपास के गांव के साथ जोशीमठ तक के क्षेत्र को सतर्क कर देंगी. राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण DIG SDRF ने बताया कि SDRF की टीमें लगातार सैटेलाइट फोन के माध्यम से सम्पर्क में हैं.

देहरादून: जोशीमठ के रैणी गांव में आयी आपदा के बाद से ही लगातार राहत बचाव कार्य जारी है. वहीं, हाल ही में रैणी गांव के समीप देखी गई झील को लेकर अब स्थिति लगभग स्पष्ट हो गई है. जहां एक ओर वाडिया के वैज्ञानिक, झील की जानकारी जुटाने में जुटे हैं तो वहीं, ऋषिगंगा वैली में मौजूद झील का निरीक्षण करने के लिए एसडीआरएफ की टीम पहुंच गई है.

SDRF ने जारी किया वीडियो

मौके पर पहुंचे एसडीआरएफ कमांडेंट नवनीत भुल्लर ने झील का मुआयना किया. यह बात निकलकर सामने आई कि इस झील का पानी बिल्कुल साफ है और ठीक-ठाक मात्रा में इस झील से पानी निकल रहा है. ऐसे में यह झील खतरनाक नहीं है.

पढ़ें- चारधाम परियोजना की क्या है स्थिति, नितिन गडकरी ने दी ये जानकारी

नवनीत भुल्लर ने एक वीडियो साझा किया है, जिसमें उन्होंने बताया है कि इस झील की चौड़ाई 50 मीटर के करीब है. इसके साथ ही इसकी लंबाई फिलहाल 200 मीटर तो दिखाई दे रही है लेकिन आगे से मोड़ होने की वजह से पूरी लंबाई दिखाई नहीं दे रही. वीडियो में नवनीत भुल्लर बताते हैं कि झील के एक किनारे से अच्छा खासा पानी डिस्चार्ज हो रहा है, यानी एक रिवर की तरह पानी डिस्चार्ज हो रहा है. झील का पानी बिल्कुल साफ है. यही नहीं, जहां लेक बनी है उसके मुहाने पर जो मलबा इकट्ठा है वो करीब 500-700 मीटर तक का है जिसमें बर्फ भी शामिल है. इसके साथ ही मलबे पर कुछ जगहों पर पानी भी जमा हुआ दिखाई दे रहा है.

पढ़ें- विकासनगर: अनियंत्रित होकर पलटा डंपर, चालक घायल

गौर हो कि ऋषिगंगा वैली में झील की सूचना मिलने के बाद से ही वैज्ञानिक लगातार हेलीकॉप्टर के माध्यम से उसका निरीक्षण कर रहे थे, जिसके बाद उत्तराखंड सरकार ने इस झील के निरीक्षण करने के लिए एक कमेटी का गठन किया था. इसी सिलसिले में एसडीआरएफ की टीम को इस झील के निरीक्षण करने के लिए रवाना किया गया था.

बता दें ऋषिगंगा के मुहाने पर बनी झील के पानी से फिलहाल कोई खतरा न हो, लेकिन लगातार राज्य आपदा प्रतिवादन बल उत्तराखंड (SDRF) सतर्क है, राहत एवं बचाव कार्यों में लगा हुआ है. पेंग से लेकर तपोवन तक SDRF द्वारा मैन्युअली अर्ली वार्निंग सिस्टम विकसित किया गया है.

पेंग, रैणी व तपोवन में SDRF की एक एक टीम तैनात की गई है. दूरबीन, सैटेलाइट फोन व PA सिस्टम से लैस SDRF की टीमें किसी भी आपातकालीन स्थिति में आसपास के गांव के साथ जोशीमठ तक के क्षेत्र को सतर्क कर देंगी. राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण DIG SDRF ने बताया कि SDRF की टीमें लगातार सैटेलाइट फोन के माध्यम से सम्पर्क में हैं.

Last Updated : Feb 13, 2021, 10:04 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.