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आपदा से बचाव के लिए SDRF जवान ले रहे ट्रेनिंग, हर चुनौतियों से निपटने को हैं तैयार

जॉलीग्रांट स्थित SDRF मुख्यालय में SDRF जवान आपदा प्रबंधन की ट्रेनिंग ले रहे हैं. साथ ही यात्रा सीजन में आने वाली चुनौतियों के लिए तैयारियां कर रहे हैं. ये टीमें आने वाली आपदाओं से निपटने के लिए चार धाम मार्ग पर मुस्तैद हो चुकी हैं.

आपदा से बचाव के लिए SDRF जवान ले रहे ट्रेनिंग.
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Published : May 7, 2019, 11:46 PM IST

डोइवाला: उत्तराखंड में गंगोत्री-यमुनोत्री के कपाट खुलने के साथ ही चार धाम यात्रा का आगाज हो गया है. प्रदेश सरकार का उद्देश्य रहता है कि राज्य में आने वाले यात्री शांतिपूर्ण तरीके से और बिना दुर्घटनाग्रस्त हुए अपने घर सकुशल पहुंच जाएं. इसके साथ ही दुर्घटनाओं को रोकने और रेस्क्यू कर यात्रियों की जान बचाने में सबसे पहले पहुंचने वाली SDRF टीम भी यात्रा सीजन को लेकर पूरी तरह से तैयार हो गई है.

जॉलीग्रांट स्थित SDRF मुख्यालय में SDRF जवान आपदा प्रबंधन की ट्रेनिंग ले रहे हैं. साथ ही यात्रा सीजन में आने वाली चुनौतियों के लिए तैयार हैं. वर्तमान में 469 SDRF जवान और 120 उपनल जवान यात्रा मार्गों पर डटे हुए हैं.

आपदा से बचाव के लिए SDRF जवान ले रहे ट्रेनिंग.
SDRF कमांडेंट तृप्ति भट्ट ने बताया कि चारधाम यात्रा सीजन का आगाज हो चुका है. SDRF जवानों के लिए भी यह यात्रा सीजन चुनौतीपूर्ण होता है. सभी जवान कड़ी मेहनत कर ट्रेनिंग ले रहे हैं. साथ ही प्रदेश में दुर्घटना की सूचना मिलने पर लोगों की जान बचाने में भी अहम भूमिका निभाते हैं.

SDRF कमांडेंट तृप्ति भट्ट ने बताया कि लगातार SDRF जवानों को आपदा प्रबंधन की ट्रेनिंग दी जाती है. साथ ही जॉलीग्रांट मुख्यालय में कुशल ट्रेनिंग के साथ-साथ कार्यशाला भी आयोजित की जाती है. वर्तमान में इन जवानों को ट्रेनिंग दी जा रही है. साथ ही आपदा प्रबंधन के उपकरण के साथ ये जवान सभी श्रद्धालुओं की सुरक्षा के लिए चार धाम यात्रा मार्गों पर मुस्तैद हैं.

डोइवाला: उत्तराखंड में गंगोत्री-यमुनोत्री के कपाट खुलने के साथ ही चार धाम यात्रा का आगाज हो गया है. प्रदेश सरकार का उद्देश्य रहता है कि राज्य में आने वाले यात्री शांतिपूर्ण तरीके से और बिना दुर्घटनाग्रस्त हुए अपने घर सकुशल पहुंच जाएं. इसके साथ ही दुर्घटनाओं को रोकने और रेस्क्यू कर यात्रियों की जान बचाने में सबसे पहले पहुंचने वाली SDRF टीम भी यात्रा सीजन को लेकर पूरी तरह से तैयार हो गई है.

जॉलीग्रांट स्थित SDRF मुख्यालय में SDRF जवान आपदा प्रबंधन की ट्रेनिंग ले रहे हैं. साथ ही यात्रा सीजन में आने वाली चुनौतियों के लिए तैयार हैं. वर्तमान में 469 SDRF जवान और 120 उपनल जवान यात्रा मार्गों पर डटे हुए हैं.

आपदा से बचाव के लिए SDRF जवान ले रहे ट्रेनिंग.
SDRF कमांडेंट तृप्ति भट्ट ने बताया कि चारधाम यात्रा सीजन का आगाज हो चुका है. SDRF जवानों के लिए भी यह यात्रा सीजन चुनौतीपूर्ण होता है. सभी जवान कड़ी मेहनत कर ट्रेनिंग ले रहे हैं. साथ ही प्रदेश में दुर्घटना की सूचना मिलने पर लोगों की जान बचाने में भी अहम भूमिका निभाते हैं.

SDRF कमांडेंट तृप्ति भट्ट ने बताया कि लगातार SDRF जवानों को आपदा प्रबंधन की ट्रेनिंग दी जाती है. साथ ही जॉलीग्रांट मुख्यालय में कुशल ट्रेनिंग के साथ-साथ कार्यशाला भी आयोजित की जाती है. वर्तमान में इन जवानों को ट्रेनिंग दी जा रही है. साथ ही आपदा प्रबंधन के उपकरण के साथ ये जवान सभी श्रद्धालुओं की सुरक्षा के लिए चार धाम यात्रा मार्गों पर मुस्तैद हैं.

Intro:डोईवाला
आज से चार धाम यात्रा का आगाज
यात्रा सीजन को लेकर एसडीआरएफ के जवान तैयार
जौली ग्रांट मुख्यालय में दी जा रही एसडीआरएफ के जवानों को आपदा प्रबंधन की ट्रेनिंग ।

आज से उत्तराखंड में गंगोत्री यमुनोत्री के कपाट खुलने के साथ ही चार धाम यात्रा का आगाज हो गया है यह यात्रा सीजन शासन-प्रशासन के लिए भी चुनौतीपूर्ण रहता है और शासन प्रशासन की ओर से पूरी तैयारी रहती है कि उत्तराखंड में आने वाले यात्री शांतिपूर्ण तरीके से और बिना दुर्घटना के अपने घर सकुशल पहुंचे लेकिन उसके बावजूद भी दुर्घटनाएं देखने को मिलती है लेकिन दुर्घटनाओं को रोकने और रेस्क्यू कर यात्रियों की जान बचाने में सबसे पहले पहुंचने वाली एसडीआरएफ की टीम भी यात्रा सीजन को लेकर पूरी तरह से तैयार हो गई है जौली ग्रांट स्थित एसडीआरएफ मुख्यालय में एसडीआरएफ के जवान आपदा प्रबंधन की ट्रेनिंग ले रहे हैं और यात्रा सीजन में आने वाली चुनौतियों के लिए तैयार हो गए हैं ।


Body:वर्तमान में 469 एसडीआरएफ के जवान और 120 उपनल के जवान यात्रा मार्गो पर डटे हुए हैं और किसी भी दुर्घटना होने पर रेस्क्यू कर लोगों की जान बचाने के लिए पूरे संसाधनों के साथ डट गए हैं ।
एसडीआरएफ कमांडेंट तृप्ति भट्ट ने बताया कि आज से यात्रा सीजन का आवाज हो गया है और एसडीआरएफ के जवानों के लिए भी यह यात्रा सीजन चुनौतीपूर्ण होता है और सभी जवान कड़ी मेहनत कर ट्रेनिंग ले रहे हैं और उत्तराखंड में दुर्घटना की सूचना मिलने पर लोगों की जान बचाने मैं अपनी भूमिका निभा रहे हैं ।


Conclusion:तृप्ति भट्ट ने बताया कि लगातार एसडीआरएफ के जवानों को आपदा प्रबंधन की ट्रेनिंग दी जाती है और जौली ग्रांट मुख्यालय में कुशल ट्रेनिंग के साथ साथ कार्यशाला भी आयोजित की जाती हैं और वर्तमान में भी इन जवानों को ट्रेनिंग दी जा रही है और आपदा प्रबंधन के उपकरण के साथ ये जवान सभी श्रद्धालुओ की सुरक्षा के लिए चार धाम यात्रा मार्गो पर मुस्तैद हो गए हैं ।

बाइट तृप्ति भट्ट एसडीआरएफ कमांडेंट
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