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SDRF ने राज्य आपदा प्रबंधन को सौंपी रिपोर्ट, 'ऑटोमेटिक अलार्म सिस्टम' लगेंगे

ऋषि गंगा का जलस्तर बढ़ने और उसके कभी भी खतरनाक रूप लेने से पहले 'ऑटोमेटिक अलार्म सिस्टम' को चमोली के आपदाग्रस्त वाले तीन अलग-अलग स्थानों में लगाए जाने की तकनीकी कार्रवाई शुरू कर दी गई है. ताकि समय रहते विनाशकारी बहाव से पहले ही लोगों को अलर्ट किया जा सके.

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SDRF पर्वतारोही दल ने राज्य आपदा प्रबंधन विभाग को सौंपी रिपोर्ट
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Published : Feb 13, 2021, 3:57 PM IST

Updated : Feb 13, 2021, 6:24 PM IST

देहरादून: चमोली आपदा के बाद फिर खतरा बन रही ऋषि गंगा झील के मुहाने पर आकलन के लिए 8 सदस्यों वाली पर्वतारोही एसडीआरएफ टीम ने अपनी रिपोर्ट राज्य आपदा प्रबंधन विभाग को सौंप दी है. आधिकारिक जानकारी के मुताबिक फिलहाल झील से कोई खतरा नहीं है. झील के मुहाने से पहले ही पानी थोड़ा-थोड़ा रिस रहा है जो कोई बड़ी चिंता की बात नहीं है. अब ऋषि गंगा का जलस्तर बढ़ने और उसके कभी भी खतरनाक रूप लेने से पहले 'ऑटोमेटिक अलार्म सिस्टम' को चमोली के आपदाग्रस्त तीन अलग-अलग स्थानों में लगाए जाने की तकनीकी कार्रवाई शुरू कर दी गई है. ताकि समय रहते विनाशकारी बहाव से पहले ही लोगों को अलर्ट किया जा सके.

SDRF पर्वतारोही दल ने राज्य आपदा प्रबंधन विभाग को सौंपी रिपोर्ट

पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार के मुताबिक ऋषि गंगा से किसी भी तरह के खतरे को देखते हुए पेंग गांव, तपोवन और रेणी गांव में वॉर्निंग सिस्टम लगाया जाने हैं. ताकि किसी भी खतरे से पहले सूचना मिल सके. ऋषि गंगा के खतरे की सूचना के लिए अलग-अलग स्थानों पर 'ऑटोमेटिक अलार्म सिस्टम' लगाने से पहले SDRF की अलग रखी टुकड़ियों को यहां तैनात कर दिया गया है. ताकि अलार्म सिस्टम लगने से पहले किसी भी तरह की आपातकाल की सूचना पर SDRF की टीमें समय रहते संबंधित स्थान पर पहुंच सकें.

पढ़ें- चमोली आपदा की कहानी, 95 साल की अम्मा की जुबानी

ऋषि गंगा झील के पास अस्थाई हेलीपैड की तैयारी
वहीं, चमोली आपदा के बाद खतरे को देखते हुए 14 हजार फीट की ऊंचाई वाली ऋषि गंगा झील के आसपास हेलीकॉप्टर लैंडिंग की जगह भी एसडीआरएफ ने तलाश ली है. जल्द ही यहां अस्थाई तौर पर हेलीपैड तैयार किया जाएगा, ताकि किसी भी आपातकालीन स्थिति में तत्काल झील वाले स्थान पर पहुंचकर तकनीकी टीम समय रहते खतरे को कम करने के लिए आवश्यक कार्रवाई कर सके.

पढ़ें- देहरादून की 'किलर मदर' को उम्रकैद, सौतेली बेटी को खुखरी से था काटा

टनल रेस्क्यू ऑपरेशन के ड्रिल आकार को बढ़ाया गया
वहीं, डीजीपी ने बताया कि तपोवन टनल पर चल रहे रेस्क्यू कार्य युद्धस्तर पर जारी हैं. सर्च और राहत-बचाव कार्य 24 घंटे चल रहे हैं. अभी तक बरामद शवों में 13 बॉडीज की पहचान हो चुकी है. वहीं, टनल में रेस्क्यू के कार्य में जो ड्रिल किया जा रहा था, अब उसे 1 फुट के डायमीटर आकार पर बढ़ाकर नए सिरे से ड्रिलिंग की जा रही है. ताकि यथासंभव स्थान पर पहुंच कर राहत बचाव में तेजी लाई जा सके.

देहरादून: चमोली आपदा के बाद फिर खतरा बन रही ऋषि गंगा झील के मुहाने पर आकलन के लिए 8 सदस्यों वाली पर्वतारोही एसडीआरएफ टीम ने अपनी रिपोर्ट राज्य आपदा प्रबंधन विभाग को सौंप दी है. आधिकारिक जानकारी के मुताबिक फिलहाल झील से कोई खतरा नहीं है. झील के मुहाने से पहले ही पानी थोड़ा-थोड़ा रिस रहा है जो कोई बड़ी चिंता की बात नहीं है. अब ऋषि गंगा का जलस्तर बढ़ने और उसके कभी भी खतरनाक रूप लेने से पहले 'ऑटोमेटिक अलार्म सिस्टम' को चमोली के आपदाग्रस्त तीन अलग-अलग स्थानों में लगाए जाने की तकनीकी कार्रवाई शुरू कर दी गई है. ताकि समय रहते विनाशकारी बहाव से पहले ही लोगों को अलर्ट किया जा सके.

SDRF पर्वतारोही दल ने राज्य आपदा प्रबंधन विभाग को सौंपी रिपोर्ट

पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार के मुताबिक ऋषि गंगा से किसी भी तरह के खतरे को देखते हुए पेंग गांव, तपोवन और रेणी गांव में वॉर्निंग सिस्टम लगाया जाने हैं. ताकि किसी भी खतरे से पहले सूचना मिल सके. ऋषि गंगा के खतरे की सूचना के लिए अलग-अलग स्थानों पर 'ऑटोमेटिक अलार्म सिस्टम' लगाने से पहले SDRF की अलग रखी टुकड़ियों को यहां तैनात कर दिया गया है. ताकि अलार्म सिस्टम लगने से पहले किसी भी तरह की आपातकाल की सूचना पर SDRF की टीमें समय रहते संबंधित स्थान पर पहुंच सकें.

पढ़ें- चमोली आपदा की कहानी, 95 साल की अम्मा की जुबानी

ऋषि गंगा झील के पास अस्थाई हेलीपैड की तैयारी
वहीं, चमोली आपदा के बाद खतरे को देखते हुए 14 हजार फीट की ऊंचाई वाली ऋषि गंगा झील के आसपास हेलीकॉप्टर लैंडिंग की जगह भी एसडीआरएफ ने तलाश ली है. जल्द ही यहां अस्थाई तौर पर हेलीपैड तैयार किया जाएगा, ताकि किसी भी आपातकालीन स्थिति में तत्काल झील वाले स्थान पर पहुंचकर तकनीकी टीम समय रहते खतरे को कम करने के लिए आवश्यक कार्रवाई कर सके.

पढ़ें- देहरादून की 'किलर मदर' को उम्रकैद, सौतेली बेटी को खुखरी से था काटा

टनल रेस्क्यू ऑपरेशन के ड्रिल आकार को बढ़ाया गया
वहीं, डीजीपी ने बताया कि तपोवन टनल पर चल रहे रेस्क्यू कार्य युद्धस्तर पर जारी हैं. सर्च और राहत-बचाव कार्य 24 घंटे चल रहे हैं. अभी तक बरामद शवों में 13 बॉडीज की पहचान हो चुकी है. वहीं, टनल में रेस्क्यू के कार्य में जो ड्रिल किया जा रहा था, अब उसे 1 फुट के डायमीटर आकार पर बढ़ाकर नए सिरे से ड्रिलिंग की जा रही है. ताकि यथासंभव स्थान पर पहुंच कर राहत बचाव में तेजी लाई जा सके.

Last Updated : Feb 13, 2021, 6:24 PM IST
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