मसूरीः मुख्य सचिव एसएस संधू की ओर से मॉल रोड का निरीक्षण कर नाराजगी जाहिर करने पर अधिकारियों के होश उड़े हुए हैं. मुख्य सचिव ने अधिकारियों को आगामी 15 जून तक मॉल रोड के कार्यों को पूरा करने के निर्देश दिए हैं. जिसके बाद अधिकारी एक्टिव मोड पर आ गए हैं. इसी कड़ी में एसडीएम नंदन कुमार ने संबंधित सभी अधिकारियों के साथ बैठक की. बैठक में अधिकारियों की लापरवाही पर एसडीएम भड़क गए और जमकर फटकार लगाई. इतना ही नहीं एसडीएम ने साफ तौर पर कहा कि मॉल रोड और संपर्क मार्गों की हालत खराब कर रखी है, क्या उन्हें शर्म नहीं आती है?
मसूरी एसडीएम नंदन कुमार ने ईटीवी भारत से बातचीत में कहा कि मॉल रोड के सौंदर्यीकरण और पुनर्निर्माण में देरी हो रही है. ऐसे में अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए गए हैं कि अगर उन्होंने अपनी कार्यशैली में सुधार नहीं किया तो उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी. मुख्य सचिव ने खुद मॉल रोड का निरीक्षण किया और सभी अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि तय समय पर मॉल रोड के काम को पूरा कर लिया जाए.
एसडीएम नंदन कुमार ने कहा कि पिछले दिनों बारिश होने की वजह से मॉल रोड के काम में बाधा आई और लोक निर्माण विभाग की ओर से भी काम को तेजी से नहीं किया गया. मॉल रोड के कार्यों को लेकर कार्यदायी संस्था और ठेकेदार को आखिरी चेतावनी दी गई है कि अगर किसी प्रकार की लापरवाही बरती गई तो उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी.
उन्होंने कहा कि मॉल रोड पर कॉबलस्टोन लगाने के काम में तेजी लाई गई है. कई जगह मुख्य सचिव ने डिजाइन चेंज करने को कहा है. ऐसे में उस पर भी काम किया जा रहा है. मसूरी के कई संपर्क मार्ग काफी महत्वपूर्ण हैं, लेकिन विभागों की लापरवाही के कारण मार्गों का निर्माण नहीं हो पाया है. सभी प्रकार के तारों को अंडरग्राउंड करने की प्रक्रिया करीब पूरी हो चुकी है और अब मॉल रोड पर तार लटके नजर नहीं आएंगे.
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मसूरी उप जिला अस्पताल पानी की बूंद-बूंद के लिए तरसा, भर्ती मरीजों ने छोड़ा हॉस्पिटलः मसूरी का एकमात्र सरकारी अस्पताल इन दिनों बूंद बूंद पानी को तरस रहा है. अस्पताल में पानी न होने के कारण भर्ती मरीज अस्पताल को छोड़कर जा रहे हैं. डॉक्टर, नर्स और स्टाफ को भी बिना पानी के काफी दिक्कतें हो रही है. डॉक्टर और स्टाफ पैकेजिंग बोतल खरीद कर काम चला रहे हैं. मसूरी उप जिला अस्पताल में गंदगी और बदबू से हाल बेहाल है. जिससे लोगों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.
मसूरी उप जिला अस्पताल के डॉक्टरों का कहना है कि रोजाना मसूरी और आसपास के कई मरीज इलाज कराने आते हैं. आज कल उल्टी दस्त के मरीज भी ज्यादा आ रहे हैं. जिस वजह से पानी की खपत भी जादा है. इसके अलावा डिलीवरी केस को हैंडल करने में भी दिक्कत आ रही है. उनका कहना है कि बिना पानी के काम करना संभव ही नहीं है.
स्थानीय निवासी संदीप और मरीज रूकमणी ने बताया कि अस्पताल में पानी की बूंद तक नहीं है. जिससे उन्हें और उनके मरीजों को भारी दिक्कतें पेश आई है. वो बाहर से पानी खरीद कर लाए हैं. उन्होंने कहा कि अस्पताल में मूलभूत सुविधाओं का अभाव है और कई मरीज अस्पताल में पानी न होने के कारण दूसरे अस्पताल चले गए. सीएमएस यतेंद्र सिंह ने बताया कि अस्पताल में 10 दिनों से पानी नहीं है. ऐसे में उच्चाधिकारियों से लेकर जल संस्थान के अधिकारियों को शिकायत की गई है.
उधर, गढ़वाल जल संस्थान के सहायक अभियंता टीएस रावत ने बताया कि अस्पताल में पानी की किल्लत की शिकायत मिली थी. जिसके बाद वो अधिकारियों और कर्मचारियों के साथ मौके पर पहुंचे हैं. अस्पताल के पास अपना कोई भी पानी का रिजर्व टैंक नहीं है. जिस वजह से आपातकालीन समय पर पानी की आपूर्ति टैंकरों के माध्यम से नहीं हो पाती है. अस्पताल को आने वाली एक पाइन लाइन क्षतिग्रस्त है तो एक लाइन से पानी जा रहा है, लेकिन अस्पताल में पानी क्यों नहीं है? इसको लेकर अस्पताल के भीतर कुछ तकनीकी दिक्कतें है. जिसे ठीक किया जा रहा है.